पूर्णिया/सिटिहलचल न्यूज़
पूर्णिया नगर निगम के कनीय अभियंता शिवशंकर सिंह के यहाँ निगरानी के छापेमारी के बाद उसके बहाली पर भी सवाल उठने लगें है। बताया जाता है कि सरकारी निर्देशों को ताक पर रखकर कनीय अभियंता, अमीन एवं प्रधान विधि लिपिक समेत 65 कर्मचारियों की बहाली 2007 में फर्जी ढंग से हुई थी। इस तथ्य का खुलासा 2014 में तत्कालीन जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने किया था। उस वक़्त इस मामले की तह तक जाँच हुई थी। जिसका रिपोर्ट तत्कालीन उप विकास आयुक्त अरुण प्रकाश ने दी थी। इस फर्जी बहाली में नगर निगम में कनीय अभियंता शिवशंकर सिंह का भी नाम था। अगर उसी वक़्त इसे बर्खास्त कर दिया जाता तो इसके द्वारा करोड़ो की संपति खड़ा नहीं कि जाती।
बताया जाता है कि कनीय अभियंता शिवशंकर सिंह की पद पर 11 दिसंबर 1990 से 30 अक्टूबर 2006 तक दैनिक श्रम पर बहाली हुई थी। इसके बाद ज्ञापांक 2081 द्वारा शिव शंकर सिंह को 30 अक्टूबर 2006 से 13 सितंबर 2007 तक दैनिक श्रम पर रखा गया। फिर 14 सितंबर 2007 से नगर निगम के स्टैंडिंग कमिटी के द्वारा उनकी सेवा नियमित कर दी गई। नगर निगम ने उनकी सेवा को नियमित अपने कार्यालय पत्रांक 1518 के द्वारा किया।
जबकि स्टैंडिंग कमिटी के द्वारा सेवा स्थायी करना नियमानुकूल नहीं था। कमिटी द्वारा विभागीय निर्देशों का उल्लघंन करते हुए शिव शंकर सिंह की बहाली की गई। उस समय भी पूर्णिया डीएम मनीष कुमार ने पूरे मामले की निगरानी से जाँच हेतु प्रधान सचिव को पत्र लिखा था।