पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
पूर्णिया में एयरपोर्ट निर्माण की अभी भी कुछ संभावना बची हुई है। गलत प्रोफाइल में भूमि अधिग्रहण के बाद भी कुछ सुविधाओं में कटौती करते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एयरपोर्ट निर्माण की बात कही है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अब पूरी तरह से गेंद बिहार सरकार के पाला में डाल दिया है।एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपने पत्र में अब साफ लिखा है कि अगर बिहार सरकार का मत है कि अधिग्रहीत जमीन पर सिविल एन्क्लेव बनाया जा सकता है तो निष्पादन के पहले प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव तक फोर लेन रोड कनैक्टिविटी उपलब्ध कराये। अब बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव तक फोर लेन रोड कनैक्टिविटी की उपलब्धता कन्फर्म कराने के बाद ही प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव के लिए अधिग्रहित 52.18 एकड़ भूमि को टेक ओवर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ करेगी
अगर जल्द पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण हो जाएगा तो बिहार के पूर्णिया प्रमंडल सहित इसके इर्द गिर्द के बिहार के कई जिलों, पश्चिम बंगाल का पश्चिमी एवं नेपाल का दक्षिणी इलाकों की करोड़ों आबादी को एयर कनेक्टिविटी को लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। चूनापुर के गुआसी गाँव के पास फोर लेन रोड कनैक्टिविटी की बात कही गई जिसे अगर जल्द बनाने के लिए बिहार सरकार हामी नहीं भरती तो फिर मामला अटक जाएगा। गुआसी के पास एक सड़क हरदा की ओर निकलती है, अगर इसे फोर लेन से जोड़ा जाता है तो फिर एकबार भूमि अधिग्रहण करना होगा। अगर बनभाग के पास नहर की जमीन जिसका अधिग्रहण किया गया है, उसे फोर लेन कनेक्टिविटी से जोड़ा जाता है तो मात्र 6 माह में एयरपोर्ट बनकर तैयार भी हो जाएगा
मालूम हो कि पूर्णिया में सिविल एन्क्लेव निर्माण हेतु 150 करोड़ रुपया रिलीज भी कर दिया गया है। इस सिविल एन्क्लेव में 3 मंजिला टर्मिनल का निर्माण होना था। जो उत्तरी तरफ बनना था, क्योंकि यहाँ जमीन में एप्रन क्षमता 380 मीटर गहराई थी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की योजना थी कि उत्तर की ओर वाली लैंड में ए321 टाइप के एयरक्राफ्ट के लिए 14 पार्किंग स्टैंड जिसमें 8 एयरक्राफ्ट कोनटेक्ट में एवं 6 एयरक्राफ्ट रिमोट में की एप्रन कैपेसिटी की योजना बनाई जाय। मगर जिला प्रशासन ने इसके लिए दक्षिण का जमीन अधिग्रहण कर लिया जिसकी एप्रन क्षमता 280 मीटर गहराई की है
अब इस जगह मात्र 2 मंजिल टर्मिनल का ही निर्माण हो पायेगा। साथ ही एयरक्राफ्ट के लिए 8 पार्किंग स्टैंड जिसमें 4 एयरक्राफ्ट कोनटेक्ट में एवं 4 रिमोट में की एप्रन कैपेसिटी ही संभव हो पाएगी।अब देखना यह है कि पूर्णिया सहित कोसी सीमांचल के जनप्रतिनिधि कितने जागरूक है जो सरकार पर दबाब डालकर जल्द यह कार्य पूरा करवाते है। वही सरकार को भी पिछड़े सीमांचल इलाके की तरक्की के लिए खुद फोर लेन सड़क निर्माण में दिलचस्पी दिखानी चाहिए।