डेस्क : मालूम हो आधार कार्ड में धारक के बायोमेट्रिक लगते हैं। पर 5 साल तक के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक्स अनिवार्य नहीं है। ऐसे में बच्चों के यूआईडी को उनके माता-पिता के यूआईडी से जुड़ी जनसांख्यिकीय जानकारी और चेहरे की तस्वीर के आधार पर बना कर स्वीकृत भी किया जाएगा।
फिर बच्चे के 5 और 15 साल के होने तक कभी भी बायोमेट्रिक अपडेट करवा सकते हैं। इसके अलावा भी कई सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए लोग भारी मात्रा में बच्चों का आधार कार्ड बनवा रहे हैं। सरकारी डाटा के अनुसार बच्चों के लिए केंद्र और राज्य सरकारे कुल 1000 हजार योजनाएं चला रही है।
मिलता है राज्य और केंद्र योजनाओं का लाभ :
मिलता है राज्य और केंद्र योजनाओं का लाभ : सरकारी दस्तावेज बनाने से कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलता है। बता दें इनमें से लगभग 650 योजनाएं राज्य सरकारों और 315 केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाएं हैं। इन योजनाओं में आधार और बायोमेट्रिक की मदद से ही लाभावन्वित किया जाता है। सामने आई जानकारी के मुताबिक अब तक लगभग 134 करोड़ आधार बनाए गए हैं। वहीं बीते साल 20 करोड़ लोगों को आधार से जोड़ा गया है।
पिछले साल हुए हैं नामंकन इसमें से 4 करोड़ नए नामांकन थे। इन श्रेणी के नवजात शिशु से लेकर 18 साल तक के बच्चे शामिल हैं। वहीं, केवल 30 लाख नए वयस्कों का नामांकन हुआ है। जिसके बाद खबर है कि ये सुनिश्चित किया जाएगा कि जन्म के समय जन्म प्रमाण पत्र के साथ आधार जारी हो जाए। यूआईडीएआई इस संबंध में भारत के महापंजीयक के साथ काम कर रहा है। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरे देश में लागू कर दी जाएगी।