पूर्णिया/प्रवीण भदोरिया
बिहार स्वास्थ्य संघ के आह्वान पर गुरुवार को बिहार के सभी सरकारी डॉक्टर ओपीडी कार्य का बहिष्कार कर हड़ताल पर रहे। पूर्णिया में भी इसका असर पड़ा, राजकीय मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉक्टरों ने भी अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। सबसे आश्चर्य वाली बात यह रही कि चिकित्सक बायोमेट्रिक अटेंडेंस का भी विरोध कर रहे है। हड़ताल की वजह से दूर दराज से आये मरीजों को वापस जाना पड़ा, वहीं इमरजेंसी में सिर्फ गंभीर मरीजों को ही देखा गया
भाषा के सचिव डॉक्टर विकास कुमार ने बताया कि उनकी प्रमुख माँगे हैं कि ड्यूटी का समय सीमा निर्धारित किया जाए, सीएल गवाही या किसी प्रकार की ट्रेनिंग में जाने पर प्रतिस्थानीय की व्यवस्था सरकार करें, समुचित मानव संसाधन बल उपलब्ध कराया जाए, आवास एवं सुरक्षा उपलब्ध कराया जाए, महिला चिकित्सकों के पद स्थापना को रिकॉन्सिलिएशन करते हुए सुरक्षा के ठोस कदम उठाए जाएं, एनपीए एवं ग्रामीण भत्ता दी जाए, चिकित्सकों की चॉइस जिलों में पोस्टिंग हो, कनीय अधिकारियों द्वारा अपमानित करना बंद हो, विसंगति को अविलंब दूर किया जाए, संविदा पर किए गए कार्य अवधि की गणना डीएसीपी दिए जाय। सेवा अवधि का विनिमय यथाशीघ्र हो, पीजी डिग्री सीट में चिकित्सक के लिए 30% आरक्षण दिया जाए
डीएनबी स्पॉन्सर्ड सीट के लिए स्टाइपेड सरकार द्वारा दिया जाए,डेंटल सर्जन को भी केंद्र के समान हो डीएसीपी दिया जाए, आयुष चिकित्सक पदाधिकारी के नियमित नियुक्ति की दिशा में यथाशीघ्र कार्रवाई की जाए।साथ हीं उन्होंने यह भी बताया कि सभी चिकित्सक गंभीर मरीजों के इलाज में कोई कमी नहीं कर रहे हैं उनका इलाज किया जा रहा है वही इमरजेंसी सेवा में सभी चिकित्सक उपलब्ध हैं।