न्यूज़ डेस्क : यदि आप ईंट भट्ठा लगाना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए काम की है। केंद्र सरकार ने नए ईंट भट्टे के लिए सख्त नियम जारी कर दिए हैं। इन नियमों का पालन करना आवश्यक होगा। इस नियम से संबंधित जानकारी सभी राज्यों को दे दी गई है। केंद्र के आदेश पर खान एवं भू-तत्व विभाग की ओर से नए ईंट भट्ठे की शुरुआत करने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इस दिशा निर्देश में प्रदूषण रोकने को लेकर रोकने को प्राथमिकता दी गई है।
प्रदूषण रोकना उद्देश
प्रदूषण रोकना उद्देश : विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदूषण रोकने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा ऐसे में ईट भट्टे सिर्फ अनुमोदित प्राकृतिक गैस कृषि अपशिष्ट और कोयला से ही संचालित किए जाएंगे प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए चिमनी की न्यूनतम ऊंचाई को बड़ा दी गई है विवाह का कहना है कि चिमनी की ऊंचाई अधिक होगी तो आसपास के इलाकों में झूमे से चलने वाली प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलेगी
दूरी के नियमों का उलंघन पड़ेगा भारी :
दूरी के नियमों का उलंघन पड़ेगा भारी : विवाह के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश के मुताबिक नए हिट भक्तों को आबादी वाले क्षेत्र से दूरी के नियमों का पालन करना होगा इसके अलावा नर्सिंग होम स्कूल अस्पताल कोर्ट सरकारी दफ्तर आदि से तय दूरी करना अनिवार्य है।
जो व्यक्ति इन मापदंडों को पूरा करते हैं उन्हें ईट भट्टा लगाने के लिए अनुमति दी जाएगी। इसी तरह नए भट्ठे राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से कम से कम दो सौ मीटर की दूरी पर होंगे। फोर लेन हाईवे से यह दूरी 300 मीटर तय की गई है। यह दूरी नदियों और प्राकृतिक जल स्रोतों से पांच सौ मीटर तय की गई है। ईको सेंसिटिव जोन में किसी भी हाल में भट्टे नहीं लगाए जाएंगे।
पूराने ईंट भट्टों के लिए तैयार गाइडलाइन
पूराने ईंट भट्टों के लिए तैयार गाइडलाइन
नई व्यवस्था में पुराने ईंट भट्ठों के लिए यह प्रावधान किया गया है कि यदि वे नए नियमों को अपनाकर भट्ठों को चलाना चाहते हैं तो उन्हें दो साल के भीतर सारी व्यवस्था करनी होगी। इतना ही नहीं इस दौरान प्रदूषण की रोकथाम के लिए राज्यों में स्थानीय स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किए गए प्रावधानों का भी सख्ती से पालन किया जाएगा। खान एवं भूकम्प विभाग ने केंद्र सरकार की नई गाइड लाइन जारी कर जिलों को इससे अवगत कराया है।