डेस्क : बिहार के बेतिया जिले में एक किसान ने रंग-बिरंगा मैजिक चावल को उपजाया है. इस किसान ने यह दावा किया है कि औषधिय गुणों से भरपूर यह चावल को उबालने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है. खाने से चंद मिनट पहले ही इसे ठंडे पानी में भिगों कर रखे और कुछ ही मिनट बाद इसका भात बनकर तैयार हो जाता है. इस जादुई चावल को नरकटियागंज प्रखंड के एक किसान कमलेश चौबे ने सफलता पूर्वक उपजाया हुआ हैं।
खायें भात…बीमारी होवे ठीक
खायें भात…बीमारी होवे ठीक
किसान कमलेश चौबे ने यह दावा किया कि हमने ऐसे एक क्वालिटी का धान उपजाया है. जो किठंडे पानी में भी पक जाता है. यह जादुई चावल इतना फायदेमंद है किस इसके सेवन से कई तरह के असाध्य बीमारियां भी ठीक हो जाते हैं. हालांकि यह सिर्फ उस किसान का दावा है. उस किसान के मुताबिक धान का रंग देखने में धान काफी सत रंगी है. इस धान से निकले चावल को उबालने की भी जरूरत नहीं पड़ती, न ही उसे गैस पर पकाने की जरूरत होती हैं यह चावल ठंडे पानी में पक कर तैयार हो जाता है.
200 से 250 रुपये प्रति किग्रा तक बिकता है चावल
200 से 250 रुपये प्रति किग्रा तक बिकता है चावल
आपको बता दें कि इस मैजिक चावल को नरकटियागंज प्रखंड अंतर्गत मुशहरवा गांव के एक किसान कमलेश चौबे उपजाते हैं. किसान कमलेश चौबे ने यह बताया कि वे यहां धान के विभिन्न किस्मों की खेती जैविक तरीके से ही करते हैं. इस धान को उपजाने में वे किसी प्रकार के रासायनिक उवर्रकों का प्रयोग नहीं करते हैं. किसान ने यह दावा करते हुए कहा कि यह एक ऐसा धान है जिसे आपको उबालने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
बिल्कुल ठंडे पानी में बस चावल को धोकर डालिये और महज कुछ देर बाद ही चावल से भात बनकर तैयार हो जाएगा. इस किसान ने यह बताया यह औषधिय चावल काला, लाल और हरे रंग का होता है. चावल औषधिय गुणों से भरपूर होता है. बाजार में इस चावल की कीमत 200 से 250 रुपये प्रति किग्रा तक है.