डेस्क : अब तक आपने छात्रों के रिपोर्ट कार्ड के बारे में सुना होगा लेकिन अब बिहार में शिक्षकों का भी रिपोर्ट कार्ड हर महीने तैयार होगा। इसमें उनके विद्यालय आने-जाने का लेखा-जोखा भी दर्ज रहेगा। इसी आधार पर उन पर कार्रवाई भी होगी। राज्य सरकार ने इसके लिए व्यापक कार्य योजना भी तैयार की है। साथ ही इसके लिए जिला स्तर पर अपने अधिकारियों को कार्यान्वयन का दायित्व भी सौंप दिया है। बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भी भेजा है।
अपर मुख्य सचिव ने इसमें यह स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी हाल में शिक्षकों की सुस्ती बर्दाश्त नही की जाएगी बगैर सूचना के स्कूल से गायब रहना भी स्वीकार्य नहीं होगा। वे पहले ही ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई के निर्देश जारी कर चुके हैं। अब इसे और विस्तार देते हुए शिक्षकों की रिपोर्ट कार्ड हर महीने तैयार करने को कहा है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की मॉनिटरिंग दो स्तरों पर निर्धारित की है।
मांगा जाएगा स्पष्टीकरण
मांगा जाएगा स्पष्टीकरण
सुस्त शिक्षकों के विद्यालय आने जाने को लेकर जिला स्तर पर हर महीने इसकी मॉनिटरिंग रिपोर्ट भी बनेगी। इस दौरान प्रारंभिक विद्यालयों में अनुपस्थित प्रधानाध्यापक, शिक्षक, शिक्षिका से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान) द्वारा स्पष्टीकरण भी पूछा जाएगा। वहीं, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अनुपस्थित प्राचार्य, शिक्षक, शिक्षिका से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) द्वारा स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने पर वे स्थायी रूप से वेतन काटने की अनुशंसा भी करेंगे। साथ ही, इन दोनों अधिकारियों द्वारा स्पष्टीकरण पृच्छा और कृत कार्रवाईयों से संबंधित प्रतिवेदन प्रत्येक माह जिला शिक्षा पदाधिकारी को समर्पित भी किया जाएगा।
स्कूल की स्थिति बेहतर बनाने को राज्य सरकार दृढ़
स्कूल की स्थिति बेहतर बनाने को राज्य सरकार दृढ़
शिक्षा दिवस के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जो शिक्षक बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं उन्हें स्कूल से निकाल दें। साथ ही जो शिक्षक ठीक से पढ़ाते हैं उनका वेतन भी बढ़ाएं। इसके बाद शिक्षा विभाग ने इस दिशा में कार्य शुरू किया है। इसके तहत विद्यालयों में लेट से आने वाले और बिना सूचना गायब रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्णय ले लिया है।