बिहार: कैमूर में विभिन्न घटनाओं में 38 लोगों ने गंवाई जान, आकाशीय बिजली से सबसे ज्यादा मौत

लाइव सिटीज कैमूर/भभुआ (ब्रजेश दुबे): कैमूर जिले में सर्पदंश, पानी में डूबने व आकशीय बिजली से कुल 38 लोगों ने अपनी जान गंवायी है. जिला प्रशासन की रिपोर्ट को माने तो जिले में इस वर्ष अब तक सर्पदंश की घटना में छह लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं जिले के विभिन्न जगहों पर पानी में डूबने से 16 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावे आकाशीय बिजली से जिले में अब तक 16 लोग मौत के गाल में समा चुके हैं. कुल मिलाकर 38 लोगों की सर्पदंश, पानी में डूबने व आकाशीय बिजली से मौत हो चुकी है.

जिला प्रशासन की माने तो आकाशीय बिजली, पानी में डूबने एवं सांप काटने से मृत व्यक्तियों को आपदा विभाग द्वारा चार लाख की राशि दी जाती है. अभी तक जिन लोगों के साथ घटना घटित हुई है. घटना की सूचना अंचलाधिकारी या पोस्टमार्टम रिपोर्ट के माध्यम से प्राप्त होता है. जिसके बाद आपदा विभाग द्वारा मृत व्यक्ति के आश्रितों को राशि का भुगतान कर दिया जाता है.

बता दें कि सरकारी स्तर से बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. जिसमें बताया गया कि बारिश के मौसम में सावधान रहें. वहीं सर्पदंश से बचाव के लिए भी जागरूकता अभियान चलाया जाता है कि सर्पदंश की घटना के बाद लोगों को तत्काल अस्पताल पहुंचना चाहिए. इस अभियान में सरकार का लाखों रुपये खर्च भी होता है. सरकार के जागरूकता अभियान का उद्देश्य लोगों की जान को बचाना है. इसके बावजूद लोग असमय मौत के गाल में समा जा रहे हैं.
इसका खामियाजा मृतकों के परिजनों को भुगतना पड़ रहा है.

सरकार के जागरूकता अभियान के तहत बताया जाता है कि बरसात के दिनों में बिजली चमकने की संभावना हो तो पेड़ के नीचे नहीं जायें और खुले आसमान के नीचे भी नहीं रहे. तुरंत पक्के मकान के नीचे रहे या सुरक्षित स्थान ढूंढ लें. इधर जिला प्रशासन के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वर्ष 16 व्यक्तियों की आकाशीय बिजली से मौत हो चुकी है. वहीं जिले के विभिन्न तालाब एवं पोखरा में डूबने से भी 16 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. वहीं छह लोगों की सर्पदंश से मौत हो चुकी है. ऐसी घटनाओं के बाद मृतकों के आश्रितों को आपदा विभाग द्वारा आर्थिक सहायता की जाती है.

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