लाइव सिटीज पटना: आख़िरकार बिहार में सियासी ड्रामे के बाद बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय सिन्हा ने फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वे पहले ही सरकार गठन के बाद इस्तीफा देना चाहते थे. लेकिन उन पर विधायकों ने अनर्गल आरोप लगा दिए. ऐसे में उन्हें इन आरोपों पर जवाब देना था, इसलिए उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया था. दरअसल स्पीकर विजय सिन्हा ने इस्तीफा नहीं दिया था, जिसको लेकर लेकर तमाम तरह की अटकलें थी. बुधवार को सदन शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात की. उपमुख्यमंत्री तेजसवी यादव भी स्पीकर से मिले. जिसके बाद विजय सिन्हा के अध्यक्षीय संबोधन पर सहमति बन गई. स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे देता. लेकिन मुझे पद से हटाने की कोशिश शुरू कर दी गई. मुझ पर सदस्यों ने मनमानी करने, तानाशाही करने का आरोप लगाया.
सदन को संबोधित करते हुए स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि जब नई सरकार का गठन हो रहा था तभी 9 अगस्त को ही विधानसभा सचिव को मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना दे दी गई थी. इसलिए मैंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया, ताकि सदन में इसका जवाब दे सकूं. स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि मैं बहुमत से निर्वाचित हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शुक्रिया. अपने छोटे कार्यकाल में कई काम और कार्यक्रम किए. प्रयास किया कि सत्ता और विपक्ष को साथ लेकर चलूं. निष्पक्षता से सदन का दायित्व निभाया. स्पीकर ने कहा कि हमेशा विधानसभा के सभी सदस्यों की मान मर्यादा, सदन की गरिमा बढ़ाने की कोशिश की. अब नए राजनीतिक घटनाक्रम के तहत नया गठबंधन हुआ. बिहार में नई सरकार का गठन हो गया. बिना विवाद के शपथग्रहण हो गया, अपना काम करने लगी. इसी बीच स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव आ गया.
बता दें कि बिहार विधानसभा के स्पीकर पद से विजय सिन्हा ने इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के साथ ही विजय सिन्हा ने डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी के बदले नरेंद्र नारायण यादव का नाम लिया कि सदन की कार्यवाही आगे वो संचालित करेंगे. जिसको लेकर विवाद हो गया है, क्योंकि नियमानुसार स्पीकर नहीं तो डिप्टी स्पीकर को सदन की कार्यवाही को संचालित करते हैं. वहीं फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार विधानसभा के बाहर बीजेपी नेताओं ने प्रदर्शन किया. बीजेपी विधायकों ने नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की. विधायक हाथ में तख्तियां थामे हुए थे, जिनमें हिंदु देवी-देवताओं, जनादेश और तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा के नारे लिखे हुए थे. बता दें कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद आज यानी 24 अगस्त 2022 से बिहार विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई वाली महागठबंधन सरकार सदन में अपना बहुमत साबित करेगी.
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