बिहार में है देश का पहला Butterfly Park, जानें – क्या है खास?

डेस्क : बिहार के बोधगया में स्थित जयप्रकाश उद्यान में राज्य का इकलौता तितली पार्क है। इस पार्क में आपको सैकड़ों की संख्या में रंग-बिरंगी तितलियां अठखेलियां करती नजर आएंगी। इस पार्क में अब 80 से भी ज्यादा प्रजाति की तितलियां आपको मिल जाएंगे।

बिहार सरकार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत बटरफ्लाई पार्क में तितलियों को पालने के लिए रेयरिंग लैब की व्यवस्था भी की गई है। जिससे तितलियों की संख्या में वृद्धि हो और को पर्यावरण में सतुलन बना रहे। ये ऐसा पहला पार्क है जहां तितलियों का संरक्षण के साथ प्रजनन तक कराया जाता है।

विलुप्त तितलियों को किया गया संरक्षित

विलुप्त तितलियों को किया गया संरक्षित
इस पार्क में आप ऐसी कई तितलियों को देख पाएंगे जो लगभग विलुप्त होने की कगार पर हैं। यहां मौजूद प्रमुख तितलियां स्पॉटेड पैरट, काॅमन क्रो, प्लेन टाइगर, लाइन ब्लू, डिंगी स्विफ्ट, बलका पेरट, कॉमन कैस्टर, कॉमन ग्लास यलो, कॉमन जे, डेनेड एगफ्लाई और लैमन मिगरेंट हैं। इन तितलियों की प्रजातियों को यहां संरक्षण दिया जा रहा है। यहां आने वाले पर्यटक न केवल तितलियों को देखते हैं बल्कि उनके जीवन चक्र से जुड़ी तमाम जनकारी भी प्राप्त करते हैं। जिसके लिए विभाग द्वारा दो कर्मी को प्रतिनियुक्त किया है, जो पर्यटकों की तितलियों के बारे में बताए।

80 से अधिक प्रजातियां संरक्षित

80 से अधिक प्रजातियां संरक्षित
आपको बता दें इस पार्क में विभाग द्वारा पर्यटकों को कई सुविधाएं दी जा रही हैं। पार्क के अंदर सबसे ज्‍यादा आकर्षण का केन्द्र तितली पार्क हैं जहां 80 से अधिक प्रजाती के तितलियां अठखेलियां करते नजर आ जाएंगी।साथ ही घूमने और आकर्षण के लिए लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए फव्‍वारे और जगह-जगह बेंच लगाए गए हैं। बोधगया घूमने आने वाले सैलानी जब थक जाते हैं तो इस पार्क में जाकर कुछ समय व्यतीत करते हैं और तितली पार्क में सेल्फी का आनंद उठाते हैं।

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एक साल पहले हुआ था स्थापित

एक साल पहले हुआ था स्थापित
इस पार्क का निर्माण एक साल पहले हुआ था। हालांकि शुरुवात में यहां केवल 10- 12 प्रजातियों की तितलियां ही मौजूद थीं। पर फिर विभाग ने यहां कई तरह के पेड़ लगाए और फिर तितलियों को संख्या बढ़ती गई। और अब यहां तितलियों की प्रजाति 80 तक पहुंच गई है। बटरफ्लाई पार्क में तीन प्रमुख काम हो रहे हैं। पहला तितलियों का संरक्षण करना, दूसरा उन पर रिसर्च करना और तीसरा इन्हें बंद रख प्रजनन करना। प्रजनन के चलते ही तितलियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

पर्यावरण के लिए भी तितलियां है फायदेमंद

पर्यावरण के लिए भी तितलियां है फायदेमंद
पर्यावरणविद तथा मगध यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर मो. दानिश मसरुर ने बताया कि ‘तितलियां हमारे पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद है और इससे हमारा पर्यावरण संतुलित रहता है। बोधगया तितली पार्क में लगभग 80 प्रजाति के तितलियां पाई गई है और यहां पर कई तितलियों की प्रजाति का संरक्षण किया जाता है। तथा उनका प्रजनन भी कराया जा रहा है। तितलियों का संरक्षण सरकार का एक बेहतरीन कदम है और ऐसे पार्क राज्य के सभी जिलों में खोले जाने चाहिए।’

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