भगवान की कृपा से हुआ हादसा – इसमें मेरा कोई दोष नहीं.. हादसे के जिम्मेवार ओरेवा कंपनी कोर्ट में दिया तर्क..

डेस्क : गुजरात के मोरबी में 30 अक्टूबर को हुआ पुल हादसा समूचे देश के लिए ही बेहद ही दुखदायी घटना है. इस हादसे में अब तक कुल 135 लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी नदी में तलाशी अभियान जारी है. इस बीच पुल का रिनोवेशन करने वाली कंपनी ने न्यायालय में अजीब तर्क दिया है और कहा है कि इस बार भगवान की कृपा नहीं होगी, इसलिए यह त्रासदी हुयी हैं.

हादसे पर ओरेवा कंपनी का न्यायालय में बयान :

हादसे पर ओरेवा कंपनी का न्यायालय में बयान : मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Collapse) पर ओरेवा कंपनी (Oreva Company) ने न्यायालय में बयान दिया है, जिसने रिनोवेशन का काम किया था. ओरेवा के मीडिया मैनेजर दीपक पारेख ने कोर्ट में कहा कि हमारे MD जयसुख पटेल एक अच्छे इंसान हैं. 2007 में प्रकाशभाई को यह काम सौंपा गया, काम बखूबी किया गया था. इसलिए फिर से उन्हें ही काम सौंपा गया. इससे पहले भी हमने मरम्मत का काम किया था. इस बार भगवान की कृपा नहीं हुई, शायद इसलिए यह त्रासदी हुयी.

ओरेवा ग्रप और मोरबी कलेक्टर की चिट्ठी हुई वायरल :

ओरेवा ग्रप और मोरबी कलेक्टर की चिट्ठी हुई वायरल : मोरबी पुल हादसे के बीच ओरेवा ग्रुप और मोरबी कलेक्टर की मीटिंग का लेटर वायरल हो गया है, जिसे आरेवा ग्रुप ने 2 साल पहले मोरबी के कलेक्टर को लिखा था. यह पत्र टेम्पररी रिपेरिंग करके ब्रिज को शुरू करने को लेकर लिखा गया था. इस लेटर में ओरेवा ग्रुप ने ये लिखा है कि अगर सिर्फ रिपेयरिंग का ही काम होना है तो कंपनी किसी भी तरह का मटेरियल या सामान मरम्मत को लेकर ऑर्डर नहीं करने वाली है.

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चिट्ठी में आरेवा ग्रुप ने यह लिखा है कि हम टेम्पररी पुल शुरू करेंगे, जब तक परमानेंट कॉन्ट्रेक्ट की सारी प्रक्रियाएं पूरी नहीं होती. इस प्रक्रिया के पूरे होने पर ही हम एक स्थाई रिपेयरिंग शुरू करेंगे. अंत में इस पत्र में लिखा गया है, सर हम टेम्पररी रिपेयरिंग करके केबल पुल को शुरू करने जा रहे हैं, हमें भरोसा है कि जल्द ही इन चीजों को भी ठीक किया जाएगा. अस्थाई मरम्मत के बाद पुल को फिर खोल सकते हैं.

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