भारी तादाद मे लोग मना रहे मिलाद-उन-नबी’ का उत्सव

बायसी/मनोज कुमार

पूर्णिया: बायसी अनुमंडल क्षेत्र में ईद का अर्थ होता है उत्सव मनाना और मिलाद का अर्थ होता है जन्म होना। ईद-ए-मिलाद के रूप में जाना जानेवाला दिन, मिलाद-उन-नबी पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस्लाम में बेहद महत्वपूर्ण यह दिन इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। हालांकि मोहम्मद साहब का जन्मदिन एक खुशहाल अवसर है लेकिन मिलाद-उन-नबी शोक का भी दिन है

क्योंकि रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन ही पैगंबर मोहम्मद साहब खुदा के पास वापस लौट गए थे। यह उत्सव मोहम्मद साहब के जीवन और उनकी शिक्षाओं की भी याद दिलाता है। मिलाद-उन-नबी इस्लाम के प्रमुख पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्मोत्सव है। ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुसार, मोहम्मद साहब का जन्म सन् 570 में सऊदी अरब में हुआ था। इस्लाम के ज्यादातर विद्वानों का मत है

कि मोहम्मद का जन्म इस्लामी पंचांग के तीसरे महीने के 12वें दिन हुआ है। अपने जीवनकाल के दौरान, मुहम्मद साहब ने इस्लाम धर्म की स्थापना की, जो अल्लाह की इबादत के लिए समर्पित था। सन् 632 में पैगंबर मोहम्मद साहब की मृत्यु के बाद, कई मुसलमानों ने विविध अनौपचारिक उत्सवों के साथ उनके जीवन और उनकी शिक्षाओं का जश्न मनाना शुरू कर दिया।

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