पटना हाईकोर्ट में राज्य के मठों, मंदिरों,धार्मिक संस्थाओं के महंतो, पुजारियों,साधुओं और सेवकों के जीवन की सुरक्षा के लिए प्रभावी उपाय करने के लिए दायर जनहित पर सुनवाई दूसरे बेंच द्वारा की जाएगी। पंकज प्राणरंजन द्विवेदी की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इस जनहित याचिका को दूसरे बेंच के समक्ष रखने का निर्देश दिया।
इस जनहित याचिकाकर्ता में ये शिकायत की गई है कि असामाजिक तत्वों द्वारा मंदिर,मठ और संस्थाओं से देवी देवता की मूर्तियों को हटाया जा रहा है और मठों व मंदिरों के लोगों की हत्या की घटनाएं भी सामने आ रही हैं।
साथ ही इनकी सम्पत्ति और भूमि पर असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध कब्ज़ा करने की घटनाएं राज्य के विभिन्न जिलों में होती रही है।इन घटनाओं की जानकारी होने के बाद भी न तो राज्य सरकार और न ही बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा ही कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इस जनहित याचिका में ये माँग की गई है कि मठों, मंदिरों,धार्मिक संस्थाओं की भूमि,संपत्तियों की रक्षा के प्रभावी और सख्त कदम राज्य सरकार व बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड उठायें।साथ ही मठों और मंदिरों में रहने वाले महन्त, पुजारियों और साधु के जान माल की सुरक्षा की प्रभावकारी व्यवस्था की जाए।
इस जनहित याचिका में ये भी माँग की गई है कि असामाजिक तत्वों और स्थानीय दबंगो के विरुद्ध सख्त और प्रभावी कार्रवाई की जाए,क्योंकि इनके लिए न तो कानून का डर है और ना ही सम्मान है।
इस जनहित याचिका पर अब दूसरे बेंच द्वारा सुनवाई की जाएगी।