डेस्क : बॉम्बे हाई कोर्ट के एक फैसले ने लोगों का ध्यान खींच लिया है। यह फैसला देश के हर मां-बाप के लिए ऐतिहासिक है। हाईकोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि माता – पिता के जीवित रहने पर उनके संपत्ति पर संतान का कोई अधिकार नहीं है। दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट में एक व्यक्ति ने याचिका दायर किया था, जिसमें कहा गया कि उनके माता-पिता के संपत्ति में आधा हिस्सा उसे चाहिए। याचिका दायर करने वाले सोनिया खान के बेटे हैं। यह अपने तर्क में कहते हैं कि हमारे माता- पिता के पास 2 फ्लैट हैं जिसमें से एक पर मेरा अधिकार है।
कोर्ट ने दलील सुनने के बाद साफ-साफ कह दिया कि माता पिता के जीवित रहते उनकी संपत्ति पर बच्चों का कोई अधिकार नहीं है। बता दें कि मामले की सुनवाई करते समय संबंधित बेंच को कोई ऐसा दस्तावेज याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट में नहीं पेश किया गया जिससे यह पता चल सके कि उसने अपने माता-पिता की कवि देखरेख की भी है।
बॉम्बे कोर्ट ने इस याचिका को असंगत और अतार्किक बताया। बेंच ने तर्क देते हुए कहा कि उत्तराधिकारी कानून के तहत देश में कोई भी संतान तब तक संपत्ति पर अधिकार नहीं जमा सकता है, जब तक उनके माता-पिता जीवित है। मामले में अपने पिता का विधि संरक्षण से जुड़ी याचिका में दखलअंदाजी करने की मंजूरी देने से मना कर दिया। बॉम्बे हाई कोर्ट के द्वारा कही गई यह बात कि माता पिता के जीवित रहने पर उनकी संपत्ति पर बेटों का अधिकार नहीं है। यह बयान काफी चर्चा में आ गया है। दरअसल उत्तराधिकारी कानून के तहत इस बात की प्रमाणिकता की जा सकती है। वहीं कई बार कानून बने रहने के बाद भी लोग जबरदस्ती करते हैं। इस पर हाईकोर्ट का यह चोट शानदार रहा।