पूर्णिया/रौशन राही
दुर्गा पूजनोत्सव मेला लेकर सार्वजनिक दुर्गा मंदिर मीरगंज का चर्चा सीमांचल में अव्वल रहा है। 2004 में प्रतिमा स्थापित कर मेला का श्रीगणेश किया गया तभी से लेकर आज तक मेला में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच माता का दर्शन के पश्चात मेला का भरपूर मनोरंज लेते हैं। विगत 18 वर्षों से रावण वध आकर्षण का केंद्र रहा है जो दूरदराज से श्रद्धालुओं को खींच लाते हैं। वहीं विगत 12 वर्षों से विदेशी झूलों एव बच्चो के लिए मनोरंजन हेतु जादू का घर, मौत का कुआँ का आनंद लेने का संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। विजया दशमी के मौके पर रावण वध को लेकर मंत्री लेशी सिंह ने राम लक्ष्मण, सीता, हनुमान का आरती उतार उन्हें रावण वध के लिए आशीर्वाद दिया
ततपश्चात राम के तीर से 40 फ़ीट ऊंचे रावण का पुतला को जलाया गया। इस मौके पर विभिन्न प्रकार के आतिशबाजी भी हुए। शान्ति व्यवस्था के लिए धमदाहा एसडीएम राजीव कुमार, एसडीपीओ रमेश कुमार, धनाध्यक्ष विजय प्रकाश दल बल के साथ सुरक्षा में थे। मेला में शरारती तत्व के लोगो पर सीसीटीवी कैमरा की पैनी नजर थी परन्तु लाखो की भीड़ ने महिला पुरुष में कोई अंतर न रखा। करीब 2 बजे दिन से 8 बजे रात तो लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ यूं ही बनी रही जिसे सम्भाल पाना मंदिर के 200 कार्यकर्ता व पुलिस के बात न रही। करीब 10 बजे रात में भीड़ सामान्य हुई। जगह पर्याप्त होने की वजह से सबकुछ ठीक रहा है
विजया दशमी के दिन भीड़ में सैकड़ों बच्चे खोए जिसे कार्यकर्ताओ की मदद से गार्जियन को सुपुर्द किया गया। मेला में मनोरंज के लिए विगत 19 वर्षों से रामलीला व जागरण होता है जिसका लुत्फ काफी संख्या में श्रद्धालु उठा रहे थे। मंत्री लेशी सिंह ने राजकीय मेला का दर्जा की बात कहते हुए मंदिर कमिटी को 3 लाख रुपए का दान भी दिया है। मीरगंज मेला की आय विगत वर्षों से देखते हुए मीरगंज वासियों ने मंदिर परिसर में धर्मशाला निर्माण की बात सोच रही है। जिससे आने वाले समय मे आम जनों को लाभ मिलेगा ।