मुजफ्फरपुर । बिहार सरकार जेल में बंद कैदियों और बंदियों को साक्षर और उनकी समस्याओं के निराकरण की दिशा में पहल शुरू कर दी है सरकार के द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में केंद्रीय कारा ,मुजफ्फरपुर और बेउर जेल,पटना में जन शिक्षा निदेशालय के सहयोग से साक्षरता प्रोग्राम शुरू की गई है।
जिसमें 3 शिक्षकों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है । साथ ही जेल में बंदी दरबार का भी आयोजन कर कैदियों और बंदियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए उसके निराकरण की दिशा में पहल की जा रही है। इसी क्रम में आज शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा, मुजफ्फरपुर में निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने और बंदी दरबार कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसका जिलाधिकारी प्रणव कुमार और कारा अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया । जेल में निरक्षर पुरुष महिला कैदियों एवं बंदियों के समस्याओं को सुना गया और हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया गया ।
बंदियों के बीच किताब का भी वितरण किया गया।जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने बताया कि जेल में बंद बंदियों से संवाद स्थापित कर विधिक सहयोग और सहायता के दिशा में अग्रतर कार्रवाई की जा रही है साथ ही निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने की दिशा में शिक्षा विभाग द्वारा पहल की गई है।
गौरतलब है कि वर्तमान में खुदीराम बोस केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर में 3626 कैदी और बंदी बंद है,963 निरक्षर बंदी हैं