रबी की फसल वावर में कितनी मात्रा में खाद देना चाहिए? तुरी का प्रबंधन कैसे करें? पता लगाना

हैलो कृषि ऑनलाइन: राज्य में वर्तमान में अरहर की फसल पर फली छेदक कीट से कई क्षेत्र प्रभावित हैं। तो वर्तमान में मक्के की फसल और अन्य रबी फसलों का क्या हिसाब दिया जाए? यह जानकारी वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, परभणी में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा योजना की विशेषज्ञ समिति ने दी है। आइए जानते हैं…

फसल प्रबंधन

1) कपास : तैयार कपास की फसल में निराई-गुड़ाई कर देनी चाहिए। यदि कपास के पौधे पर 40 से 50 प्रतिशत डोडियां टूट जाती हैं तो तुड़ाई कर लेनी चाहिए। पन्द्रह दिन के अंतराल पर चुनाव होना चाहिए। कपास को पूरी तरह से खुले हुए डोडे़ से ही तोड़ना चाहिए। पहली और दूसरी तुड़ाई की अच्छी और खराब कपास को अलग-अलग रखना चाहिए।


2) तूर: थुरी पर फली छेदक कीट के प्रबंधन के लिए 5% निम्बोली अर्क या क्विनोल्फॉस 25% 20 मिली या इममेक्टिन बेंजोएट 5% 4.5 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। देर से बोई गई अरहर की फसल में झुलसा प्रबंधन के लिए एनएए 3 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। समय से बोई गई रबी मूंगफली की फसल में आवश्यकतानुसार पानी देना चाहिए।

3) रबी मूंगफली : रबी मूंगफली की फसल की बुआई के 3 से 6 सप्ताह बाद दो निराई व एक निराई-गुड़ाई कर देनी चाहिए।

4) मक्का: समय से बोई गई मक्के की फसल में आवश्यकतानुसार पानी देना चाहिए। रबी मक्का की फसल की बुआई जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए। बुवाई 60X30 सेंटीमीटर की दूरी पर करनी चाहिए। बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 15 किग्रा बीज का प्रयोग करना चाहिए। बोने से पूर्व बीजोपचार अवश्य कर लेना चाहिए। मक्का की बुआई के समय 75 किग्रा नत्रजन, 75 किग्रा फास्फोरस तथा 75 किग्रा0 पलाश प्रति हेक्टेयर तथा 75 किग्रा नत्रजन बुवाई के एक माह बाद देना चाहिए, इसके लिए 289 किग्रा 10:26:26 + यूरिया 100 किग्रा अथवा 500 किग्रा 15:15:15 अथवा 375 किग्रा 20 :20:00:13 अथवा यूरिया 163 किग्रा + 469 किग्रा सिंगल सुपर फास्फेट + 126 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टेयर एवं 163 किग्रा यूरिया प्रति हेक्टेयर बुवाई के एक माह बाद। मक्के की फसल में आर्मी वर्म का प्रकोप दिखाई देने पर इममेक्टिन बेंजोडायजेपाइन 5 प्रतिशत 4 ग्राम या स्पिनैटोरम 11.7 एससी 4 मिली प्रति 10 लीटर पानी में उपरोक्त कीटनाशकों का बारी-बारी से छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव करते समय इस प्रकार छिड़काव करें कि कीटनाशक थैले में गिर जाए।

5) रबी ज्वारी: फसल में पहली बिजाई बुवाई के 15 से 20 दिन बाद करनी चाहिए। संरक्षित पानी बुवाई के 25 से 30 दिन बाद देना चाहिए। रबी की ज्वार की फसल में आर्मी वर्म का प्रकोप दिखाई देने पर इममेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत 4 ग्राम या स्पिनैटोरम 11.7 एससी 4 मिली प्रति 10 लीटर पानी में उपरोक्त कीटनाशकों का बारी-बारी से छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव करते समय इस प्रकार छिड़काव करें कि कीटनाशक थैले में गिर जाए। यदि रबी की ज्वार की फसल की बुवाई के 30 दिन बाद नत्रजन की आधी दर 87 किग्रा यूरिया प्रति हेक्टेयर देना चाहिए। समय पर बुवाई करें

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6) रब्बी सूर्यफुल: फसल को आवश्यकतानुसार पानी दें। यदि रबी सूरजमुखी की फसल की बुवाई के 20 दिन बीत चुके हों तो पहली बुवाई कर देनी चाहिए।

7) गेहूँ : समय से बोई गई गेहूं की फसल में आवश्यकतानुसार पानी देना चाहिए। सिंचित गेहूँ की पछेती बिजाई 15 दिसम्बर तक की जा सकती है। 154 किग्रा 10:26:26 + यूरिया 54 किग्रा या 87 किग्रा डायमोनियम फास्फेट + यूरिया 53 किग्रा + 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश या 87 किग्रा यूरिया + सिंगल सुपर फास्फेट 250 किग्रा + 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टेयर गेहूं की बुआई के समय देना चाहिए . शेष आधा भाग बुवाई के 25 से 30 दिन बाद 87 किग्रा यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से देना चाहिए।


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