पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव
पूर्णिया : राज्य में एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम अंतर्गत संचालित गतिविधियों का केंद्र सरकार के संयुक्त सहायक पर्यवेक्षण और निगरानी दल द्वारा पूर्णिया जिला में दो दिवसीय निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दूसरे दिन बुधवारको राज्य स्तरीय दल द्वारा गैर संचारी क्लीनिक के क्रियान्वयन व मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थय सहायता की समीक्षा की गयी। इसके लिए जिले के सभी प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ अनुश्रवण बैठक का आयोजन मेडिकल कॉलेज व अस्पताल स्थित एएनएम स्कूल में किया गया
बैठक में गैर संचारी रोगों के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजेश कुमार, वित्त-सह-लॉजिस्टिक सलाहकार नामित कुमार के साथ, आरपीएम कैशर इकबाल, जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ वी. पी. अग्रवाल, जिला एनसीडी सलाहकार केशव कुमार, डब्लूएचओ एनसीडी कंसल्टेंट शेखर कपूर, टेक्नीशियन रौशन रॉय, एनसीडी नर्सिंग स्टाफ कुलदीप सिंह, राकेश खटीक सहित सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीएचएम, बीसीएम व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे
सभी गैर संचारी रोगियों तक आवश्यक स्वास्थय सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश
बैठक में राज्य स्तरीय टीम ने जिले के सभी प्रखंडों में गैर संचारी रोगों से सुरक्षा के लिए संचालित क्लीनिक में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली । आरपीएम कैशर इकबाल ने बताया कि गैर संचारी रोगों से सुरक्षा के लिए जिले के सभी प्रखंडों में एनसीडी क्लीनिक संचालित किया जा रहा है। उक्त क्लीनिक में एनसीडी के सभी मरीजों की नियमित जांच करने के साथ उन्हें आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं । राज्य स्तरीय दल ने जिले के कुछ प्रखंडों के प्रदर्शन को बेहतर माना जबकि अन्य प्रखंडों को आवश्यक कार्य करने का निर्देश दिया । आवश्यक दवाइयां समय पर उपलब्ध कराते हुए गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा चिन्हित प्रमुख अस्पतालों में भेजने का निर्देश दिया गया
कैंसर, रक्तचाप, मधुमेह, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, हृदय रोग जैसे बीमारियां हैं प्रमुख गैर संचारी रोग
जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल ने बताया कि आम तौर पर लोगों को होने वाली प्रमुख बीमारियों में गैर संचारी रोग प्रमुख होता है। इसमें मुख्य रूप से कैंसर, उच्च व निम्न रक्तचाप, मधुमेह, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, हृदय रोग से सम्बंधित बीमारियां प्रमुख होती हैं । इन बीमारियों के बारे में लोगों को बहुत देर से पता चलता है। इसलिए लोगों को इससे सुरक्षित रहने के लिए नियमित रूप से एनसीडी क्लीनिक में जांच कराते हुए मेडिकल सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।