राज्य स्तरीय रैंकिंग में कटिहार एनआरसी को मिला पहला स्थान

IMG 20221105 WA0139 कटिहार /बालमुकुन्द यादव 

कटिहार /बालमुकुन्द यादव 

कटिहार : सदर अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) दिन प्रतिदिन कामयाबी की शिखर को पाने में सफ़ल हो रहा है। राज्य स्तरीय रैंकिंग में पहला स्थान पाकर जिला सहित विभागीय अधिकारियों एवं कर्मियों का मान व सम्मान राज्य में बढ़ गया है। यहाँ वर्ष 2021 में 181 एवं 2022 के अक्टूबर तक 306 बच्चों को जीवनदान दिया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत सात महीने  के आंकड़ों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा रैंकिंग जारी की गई हैं। पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) विगत सात महीने में 231 अतिकुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाकर उन्हें नई ज़िंदगी दी गई है

IMG 20221102 WA0212 कटिहार /बालमुकुन्द यादव 

कुपोषण के खिलाफ जारी मुहिम में एनआरसी निभा रहा है महत्वपूर्ण भूमिका: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ दीनानाथ झा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी एनआरसी के रैंकिंग में कटिहार ज़िले को प्रथम स्थान से नवाजा गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र विगत कई वर्षों से ज़िले सहित आसपास के बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ है। वहां के चिकित्सक, स्वास्थय कर्मी एवं डायटीशियन द्वारा पूरी तन्मयता के साथ नौनिहालों का ख़्याल रखा जाता हैं। रोस्टर के हिसाब से स्वास्थ्य जांच, पौष्टिक आहार के अलावा सफ़ाई को लेकर सभी कर्मी डटे रहते हैं। पुनर्वास केंद्र बच्चों को न केवल नवजीवन प्रदान कर रहा है, बल्कि कुपोषण के खिलाफ जारी मुहिम में सबसे बड़ा हथियार भी साबित हो रहा है

IMG 20221019 WA0141 कटिहार /बालमुकुन्द यादव 

ज़िले  को अतिकुपोषित की श्रेणी से मुक्ति दिलाने में हम सभी की जिम्मेदारी: डीपीएम

डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि जिलाधिकारी उदयन मिश्रा के दिशा-निर्देश एवं सिविल सर्जन डॉ डीएन झा के मार्गदर्शन में एनआरसी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आने वाले दिनों में ज़िले को अतिकुपोषित की श्रेणी से मुक्ति दिलाने में हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि जहां भी अतिकुपोषित बच्चों की जानकारी मिले तो सदर अस्पताल स्थित एनआरसी भेजने के बाद समय-समय पर निगरानी भी करें। जब तक आम नागरिक जागृत नहीं होगा तब तक किसी अन्य को अपने कर्तव्यों का बोध नहीं हो सकता है। फ़िलहाल चार अतिकुपोषित मासूम बच्चों का कर्मियों द्वारा चिकित्सीय परामर्श, उपचार एवं पौष्टिक आहार खिलाया जा रहा है ताकि वह भी अन्य बच्चों की तरह अपने घर जा सके

IMG 20221019 WA0140 कटिहार /बालमुकुन्द यादव 

जनवरी से अक्टूबर तक 306 बच्चों को मिला नया जीवन: डीपीसी

See also  कांद्याच्या कमाल भावात 150 रुपयांची वाढ; पहा आजचे कांदा बाजारभाव

एनआरसी के नोडल अधिकारी मज़हर अमीर ने बताया कि विगत वर्ष 2021 के जनवरी से दिसंबर तक 181 बच्चों को नई ज़िंदगी मिल चुकी हैं। कोविड-19 के कारण मई एवं जून महीने में एनआरसी बंद था। जनवरी 2022 से अक्टूबर तक 306 बच्चों को नया जीवन दिया गया है। जिसमें जनवरी 2022 में 20, फ़रवरी में 28, मार्च में 27, अप्रैल में 27, मई में 39, जून में 26, जुलाई में 45, अगस्त में 42, सितंबर में 36 एवं अक्टूबर में 16 अतिकुपोषित बच्चे सदर अस्पताल परिसर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र आए थे। सभी बच्चें पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद अपने परिजनों के साथ वापस घर लौट गए हैं

19X10.3%20(53) कटिहार /बालमुकुन्द यादव 

डायट चार्ट के अनुसार आवासित बच्चों को खिलाया जाता है पौष्टिक आहार: डायटीशियन

डायटीशियन रानी कुमारी ने बताया कि एनआरसी में आने वाले बच्चों के लिए अलग से डाइट प्लान तैयार किया जाता है। जिसके अनुसार बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है। जिसमें खिचड़ी, दलिया, सेव, चुकंदर, अंडा, हरी सब्जियां सहित अन्य पौष्टिक आहार नि:शुल्क खिलाया जाता है। आवासित बच्चों के साथ किसी एक अभिभावकों को भी रहने एवं खाने की व्यवस्था की जाती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र में 0 से 5 आयुवर्ष तक के अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को रखा जाता हैं। कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए तीन स्तर पर उनकी जांच की जाती है। सर्वप्रथम बच्चे का हाइट के अनुसार वजन देखा जाता है। दूसरे स्तर पर एमयूएसी जांच में बच्चे के बाजू का माप 11.5 से कम होना तथा बच्चे का इडिमा से ग्रसित होना शामिल है। तीनों स्तर पर जांच के बाद बच्चे को कुपोषित की श्रेणी में रखकर एनआरसी में रखा जाता हैं। इसके बाद ही उसका चिकित्सीय परामर्श एवं उपचार के साथ पौष्टिक आहार दिया जाता है।

See also  बीपीएससी ने ऑडिटर के मेंस परीक्षा का डेट जारी किया; 2, 3 और 4 नवंबर 2022 को आयोजित की जाएगी परीक्षा

Leave a Comment