गया से आशीष कुमार रिपोर्ट
रामचंद्र प्रसाद सिंह के रहते पार्टी में यादव नेताओं को उपेक्षित किया गया, उनके कार्यकाल में बस वैसे लोगों को जगह मिला जो उनके इर्दगिर्द वाले थे वो उनके इस्तीफे के बाद से पार्टी को 15 अलग – अलग व्यक्तियों के इस्तीफे से ही समझा जा सकता है, उनके कार्यकाल में किसी यादव नेता को तरहीज नहीं दिया गया है, जब कि सर्वविदित है कि बिहार में समता पार्टी के समय से सभी समाज को ले कर पार्टी का गठन किया गया बल्कि यह उदाहरण है कि जनता दल यूनाइटेड के तत्काल राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शरद यादव जी के पार्टी संविधान के अनुसार कार्यकाल पूरा होने के बाद, बिहार के लोकप्रिय माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी ने पार्टी संविधान में संशोधन कर पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष का प्रस्ताव रखा था और पार्टी के सर्वसम्मति से श्री शरद यादव जी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था, मगर जैसे ही आरसीपी सिंह संगठन में आये वैसे सभी लोग जिनकी आस्था बिहार के माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी के प्रति थी सभी को किनारा कर अपने परिक्रमा वाले लोगों को बड़े – बड़े दाइत्व देते चले गए जिसमें सब से ज्यादा उपेक्षा यादव समुदाय को किया गया, आरसीपी सिंह के कार्यकाल में जितने भी पार्टी की कमिटी बनाये गए उससे सब पता चलता है कि उन्हें यादव समुदाय से कितनी नफरत थी, जब कि बिहार के लोकप्रिय माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी सभी समाज के लिए समान भाव रखते है वो उनके कार्यकाल और वर्तमान के कार्यकाल में पार्टी नेताओं के सूची से देखा जा सकता और किस प्रकार से सभी समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व बिहार विधानसभा , बिहार विधानपरिषद देश के सर्वोच्च सदन राज्य सभा और लोकसभा में हो इसके लिए जदयू उदाहरण रहा है, जनता दल यूनाइटेड और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने आरसीपी सिंह को 12 साल राज्य सभा में रखा और संगठन के सर्वोच्च पद राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया जिसके चलते वो सभी जदयू और बिहार के सर्वमान्य नेता के स्वभाव के विपरीत जा कर केंद में मंत्री तक बन गया, उन्हें ज़रा भी ख्याल नहीं रहा कि हमारे नेता सभी के प्रतिनिधित्व में विश्वास रखते है ।
जो आरसीपी सिंह जदयू को डूबता जहाज कह रहे है और बिहार के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार जी के लिए भविष्यवाणी कर रहें कि वो सात जन्म में प्रधानमंत्री नहीं बन सकते तो वो भी जान ने की जदयू में कोई हड़बड़ी भी नहीं है यहां बिहार में एनडीए सशक्त है और मजबूती के साथ बिहार की सेवा सभी समाज के प्रतिनिधित्व के साथ कर रही है, आरसीपी पहले अपना गिरवां झांके और अपना अस्तित्व तलाशे तब भविष्यवक्ता बने, 15 आदमी को आगे पीछे से घूमने से बिहार के वो भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते ।