डेस्क : रूस से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) शिपमेंट रद्द होने के बाद, भारत को इसके लिए दोगुनी कीमत चुकानी पड़ी है। गेल इंडिया लिमिटेड ने अक्टूबर और नवंबर के बीच डिलीवरी के लिए तरल प्राकृतिक गैस के कई कार्गो खरीदे हैं।
इस कार्गो के लिए भुगतान की गई राशि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में दोगुनी है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद प्राकृतिक गैस की कीमतों में वैश्विक उछाल ने सबसे अधिक विकासशील देशों को प्रभावित किया है। इन कारणों से प्राकृतिक गैस के लिए अधिक पैसे की भुगतान करने होते हैं।
महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी :
महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी : प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि के बाद कई देशों में औद्योगिक संचालन भी प्रभावित हुआ है। ईंधन की ऊंची कीमतों के कारण अगस्त में भारत की खुदरा महंगाई भी बढ़ी है, जो एक बार फिर 7 फीसदी के आंकड़े पर पहुंच गई है। बता दें कि नेचुरल गैस शिपमेंट के संबंध में हुए अतिरिक्त भुगतान को लेकर गेल इंडिया के द्वारा किसी भी प्रकार का बयान नहीं सामने आया है।
परेशानी बढ़ने की कारण :
परेशानी बढ़ने की कारण : भारत पहले Gazporm PJSC की पूर्व व्यापारिक इकाई से गैस खरीद रहा था, लेकिन जर्मनी ने इस साल की शुरुआत में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। इस वजह से भारत को अब गैस की आपूर्ति में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गैस की आपूर्ति न करने पर अनुबंध के अनुसार गज़पोर्म जुर्माना अदा कर रहा है। जानकारों के मुताबिक गेल इंडिया ने बीते सप्ताह अक्टूबर से लेकर नवंबर में डिलीवरी के संबंध में तीन एलपीजी शिपमेंट खरीदा। बता दे कि $40 प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट से ज्यादा पर कीमत पर एग्रीमेंट हुई थी।