विकास कुमार झा ।रूपौली
रेफ़रल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मिथलेश कुमार ने डी एम सुहर्ष भगत को अस्पताल के जर्जर भवन को दिखाया ।देखते ही डी एम सुहर्ष भगत ने डी आर डी ए निदेशक नीरज नारायण पांडेय और प्रभारी सिविल सर्जन को मौके पर ही निर्देश दिया कि अविलम्ब डी पी आर ओ तैयार कर नए भवन निर्माण की दिशा में प्रक्रिया शुरू करें ।बताते चले कि उक्त भवन वर्ष 1985 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री दिनेश कुमार सिंह के प्रयास से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफ़रल अस्पताल में अपग्रेड होने पर निर्माण करवाया गया था ।बताते चले कि सुहर्ष भगत गत दस मई को पूर्णिया डी एम का पदभार संभाला था ।छह माह बीतने के बाद पहली बार डी एम सुहर्ष भगत रूपौली पहुँचे ।सबसे पहले प्रखंड कार्यालय पहुँच अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक किया।उसके बाद बैठक में उपस्थित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिया ।उसके बाद डी एम का काफिला सीधे रेफ़रल अस्पताल में अधमका ।डी एम की गाड़ी घुसते ही अस्पताल कर्मियों के बीच अफरातफरी मच गई ।हालंक डी एम के रूपौली दौड़ा की खबर रेफ़रल अस्पताल के कर्मी को पूर्व में ही पता चल गया था।
इसलिए रेफ़रल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मिथलेश के निर्देश पर अस्पताल को अन्य दिनों से बेहतर तरीके से साफ -सफाई कर ब्यवस्था को चाकचौबंद करके रखा गया था ।लेकिन अस्पताल में उपस्थित लोगों ने आउट सोर्सिंग पर डी एम के सामने सवाल खड़ा कर दिया ।लोगो की शिकायत को डी एम सुहर्ष भगत ने कलमबंद किया ।जिस कारण अस्पताल कर्मियों के साथ ही आउट सोर्सिंग एजेंसी के मंसूबे पर पूरी तरह से पानी फिर गया ।डी एम लगभग आधे घंटे तक रेफ़रल अस्पताल का बारीकी से निरक्षण किया ।प्रभारी कार्यालय में पहुँच उपस्थिति पंजी सहित अन्य पंजी का बारीकी से जांच कर सभी जांच रिपोर्ट को कलमबंद किया ।उसके बाद मेडिकल किट पहनकर
ओपीडी से लेकर प्रसव कक्ष ,इमरजेंसी ,दवा भंडार गृह ,एक्सरे रूम तक पहुँच एक -एक बिंदु पर जांच किया ।मेडिसिन स्टोर में दवा की कम उपलब्धता पर डी एम ने अपनी नाराजगी जाहिर की वही कुछ एक्सपायरी दवा देख डी एम सुहर्ष भगत ने स्टोर कीपर को कड़ी डांट लगाते हुए अविलम्ब एक्सपायरी दवा को नष्ट करने का निर्देश भी दिया ।मौके पर अस्पताल परिसर में मौजूद ग्रामीणों ने रेफ़रल अस्पताल में ब्याप्त भ्रष्टाचार और कुब्यवस्था के शिकायत की झड़ी लगा दी ।ग्रामीणों ने डी एम से साफ शब्दों में कहा कि अस्पताल कर्मी के मिलीभगत से प्रसव कराने पहुचने वाली महिला को गंभीर स्थिति बता कर अवैध तरीके से चल रहे स्थानीय नर्सिंग होम में जाने को मजबूर किया जाता है ।
जिस पर डी एम ने मौके पर मौजूद प्रभारी सिविल सर्जन को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया ।उसके बाद डी एम सुहर्ष भगत सीधे टीकापट्टी गांधी सदन के लिए प्रस्थान कर गए ।गांधी सदन पहुँच डी एम सुहर्ष भगत गांधी जी तैलीय चित्र को नमन किया ।उसके बाद गांधी सदन के परिसर का डी डी सी मनोज कुमार के साथ जायजा लेकर कुछ जरूरी दिशा निर्देश भी दिए ।मौके पर एस डी सी अनुपम ,एस डी ओ राजीव कुमार सहित दर्जनों अधिकारी मौजूद थे ।