पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
इस कालखंड में लोगों को शिवोन्मुख होने के लिए शिव के गुरु स्वरूप से जोड़ने की विधा बताने वाले अध्यात्म जगत के प्रथम शिव शिष्य साहब श्री हरिन्द्रानंद जी रविवार को प्रातः 3 बजे धुर्वा रांची के पारस अस्पताल में अंतिम सांसे ली और शिव लीन हो गये।खबर सुनते हीं सभी शिव शिष्यों में शोक की लहर दौड़ गयी।जिससे रानीपतरा सहित पूर्णिया जिले के शिव शिष्यों ने गहरी दुःख प्रकट किया है।
वहीं शिव शिष्य रानीपतरा निवासी सुमन कुमार मुन्ना ने बताया वे शिव शिष्य परिवार के जनक थे।उनके बताए मार्ग तीन सूत्र का पालन कीजिये और जीवन की राह पर चलते रहिये।जिसका हमलोग अनुपालन करते रहेंगे,उनके बताये रास्ते पर हरसंभव चलने का प्रयास करेंगे।उनके आकस्मिक निधन से शिव शिष्य परिवार को काफी छति पहुँची है।उनका आगमन रानीपतरा में सर्वप्रथम रानीपतरा कॉलेज प्रांगण में वर्ष 1996 में हुआ था। जिसमें हजारों की संख्या में शिव शिष्य पहुँचे थे।उनके बाद लगातार कई बार रानीपतरा में उनका आगमन हुआ।वहीं शिव शिष्य अशेष कुमार आशीष व संजय साह ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया।