पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
बी.कोठी प्रखंड अंतर्गत सुखसेना पूर्व में सद्गुरु आचार्य श्री धर्मस्वरूप साहेब जी की श्रद्धांजलि समारोह एवं सत्संग भण्डारा का आयोजन डॉ. जीवन्तस्वरूप साहेब के निज निवास पर परम पूज्य गुरुदेव महन्त श्री भूपनारायण साहेब जी के सानिध्य में किया गया। जिसमें सद्गुरु हंस कबीर मठ सहवानी के उत्तराधिकारी संत श्री अमरदीप साहेब ने कहा – सद्गुरु देव जी के जीवन से हम सब लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए , जैसे सद्गुरु कबीर साहेब ने 120 वर्ष की लंबी जीवन को जीकर ,अंत मे कह दिए
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी , ज्यों की त्यों धर दिनी चदरिया ” उसी तरह सद्गुरुदेव जी जीवन पवित्र था। जो संसार मे अलख जगा कर सच्चे रास्ते पर लाने के लिए तपस्वी का वेष को स्वीकार किया। डॉ. जीवन्तस्वरूप साहेब ने कहा – सद्गुरुदेव जी वो प्रकाशपुंज है ,जो ज्योति जलाकर उन्होंने इस संसार को अलविदा कह गए वो कभी बुझने वाली नहीं है। उस ज्ञान से युगों युगों तक लोग आपकी चरण वन्दन करते रहेंगे।महन्त श्री चन्दन साहेब ने सद्गुरुदेव जी की रचना को प्रस्तुत कर भक्तों को भावुक कर दिया
विदेहस्वरूप साहेब ने साहेब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित किए भजन प्रस्तुति से। संत चेतनस्वरूप साहेब भजन प्रस्तुत करते ही भावुक हो उठे। संत श्री केसी साहेब ने सद्गुरुदेव जी रचना से प्रस्तुत भजन “गुरु कबीर संदेश दिया पारख सिद्धांत महान ,जो अनुसरण करे उसका ही हो जाये कल्याण “। संत संयमस्वरूप साहेब ने कहा -त्नसे सेवा कीजिये मन से भले विचार , अपना सुधार सबसे बड़ी साधना है। अन्य संत गुरूजनों ने अपने कल्याणकारी विचारों से श्रोताओं को लाभान्वित किये । जिसमें दूर-दूर से पधारे काफी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।