मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की कार्यशैली को सुधारना चाहते हैं । इसके लिए उन्होंने अब सख्त रुख अपना लिया है । सूबे में सरकारी कर्मचारियों की लेट लतीफी किसी से छिपी नहीं है । सरकारी कर्मचारियों को लेकर एक प्रचलित कहावत
’11 बजे तक देर नहीं और 2 बजे के बाद भेंट नहीं ‘
लोगों की शिकायत रहती है कि सरकारी कर्मचारी मुश्किल से तीन घंटे ही दफ्तर में मिलते हैं और इस दौरान भी आधा टाइम लंच और दूसरी गतिविधियों में निकाल देते हैं। ऐसे कर्मचारियों से निपटने के लिए नीतीश सरकार ने सख्त रुख अपनाया है । अब देर से ऑफिस पहुंचने वाले कर्मचारियों की खैर नहीं होगी.
लेट आने पर कार्रवाई
बिहार सरकार ने देर से दफ्तर आने वाले कर्मचारियों के लिए सख्त रुख अपनाया है । बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर बिहार सरकार सख्त हो गयी है. नीतीश सरकार ने ब्लॉक, जिला, कमिश्नरी और मुख्यालय स्तर के सभी ऑफिस के कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने समय का पालन करें. देर से आने वाले कर्मचारियों की छुट्टियां काट ली जाएगी।
आदेश में क्या क्या
आदेश के बावजूद सरकारी कर्मचारियों समय पर दफ्तर नहीं आ रहे थे । जिसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने सख्त आदेश जारी किया है । जिसमें कहा गया है कि सभी कर्मचारियों का अनिवार्य रूप से बायोमीट्रिक सिस्टम पर उपस्थिति दर्ज हो। साथ ही आदेश में ये भी कहा है कि एक घंटा देर से कार्यालय पहुंचने वाले कर्मचारियों के आकस्मिक अवकाश यानि CL में से आधे दिन की छुट्टी काट ली जाएगी।
छूट का भी प्रावधान
सरकार ने इसमें थोड़ी सी छूट भी दी है । सरकार के आदेश के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी अपने अधिकारी की पूर्वानुमति ले रखी है । तो ऐसे में महीने में उन्हें दो दिन तक छूट मिल सकती है । उसके बाद उनकी भी छुट्टी काट ली जाएगी ।
GPS वाला मोबाइल एप
आपको बता दें कि बिहार सरकार ने फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के लिए मोबाइल एप के जरिए हाजिरी बनाने का निर्देश दिया था। इसे लेकर सरकार ने होम डिपार्टमेंट को नया आदेश दिया है । जिसके मुताबिक बेल्ट्रान को कहा गया है कि जीपीएस आधारित मोबाइल एप तैयार करे। ताकि अधिकारी और कर्मचारियों की लोकेशन से ये जानकारी मिल पाए कि वो अपने निर्देशित क्षेत्र में काम करने गया था या नहीं ।