डेस्क : अगर आपको लगता है कि 4G के रेट में ही 5G(5G service) प्लान मिल जाएगा और आप सेकंडों में पूरी मूवी डाउनलोड कर लेंगे, तो ऐसा बिल्कुलनहीं है. अपने मोबाइल में 5G नेटवर्क चलाने के लिए आपको 4G की तुलना में अधिक जेब ढीली करनी होगी.
तब जाकर आपको 5G का आनंद मिलेगा और अल्ट्रा हाई स्पीड इंटरनेट का मजा ले पाएंगे. 5G सर्विस को रोलआउट करना यानी कि 5G मोबाइल सर्विस की लॉन्चिंग भी इतनी आसान नहीं. इसमें करोड़ों रुपये का खर्च भी होना है जिसके लिए सभी टेलीकॉम कंपनियां दिन-रात माथापच्ची भी कर रही हैं. माना जा रहा है कि 5G सर्विस के रोलआउट का खर्च निकालने के लिए टैरिफ रेट बढ़ाए बिना दूसरा कोई भी विकल्प नहीं हैं.
5G सर्विस को शुरू करने के लिए मोबाइल कंपनियां अपने टैरिफ में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती हैं. पिछली बढ़ोतरी नवंबर माह 2021 में हुई थी. यह लगभग साल भर पूरा होने को है जिससे टैरिफ बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गयी है. कई महीनों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि मोबाइल कंपनियां अपना घाटा पाटने और 5G सर्विस को शुरू करने के लिए टैरिफ बढ़ा सकती हैं. इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है कि पूरी दुनिया में मोबाइल टैरिफ भारत में ही सबसे किफायती है जबकि इस्तेमाल में भारत ने अच्छे-अच्छे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है.
5G रोलआउट में देरी
5G रोलआउट में देरी
टेलीकॉम कंपनियों ने 5G सर्विस का रोलआउट भी शुरू कर दिया है और कई शहरों में दिवाली से पहले इसका ट्रायल रन लॉन्च भी हो चुका है. देश के 8 शहरों में यह सेवा शुरू कर दी गयी है, हालांकि सबको यह सुविधा नहीं मिल रही बल्कि चुनिंदा ग्राहक इसका फायदा उठा रहे हैं. अब पूरे देश में 5G सर्विस शुरू होने जा रही है जिस पर करोड़ों रुपये का खर्च भी आएगा. इसके लिए कंपनियों ने लोन भी लिया है और निवेशकों से भी पैसे लिए हैं. माना जा रहा है कि 5G सर्विस शुरू करने के लिए कंपनियों को 1.5 से 2 लाख करोड़ पर का निवेश करना भी होगा. यह काम बिना लोन, निवेश और टैरिफ बढ़ोतरी के बिल्कुल संभव नहीं है.