भवानीपुर:-बमबम यादव
पूर्णिया: भवानीपुर प्रखंड क्षेत्र के सिंघियान गांव में तीन दिवसीय सद्गुरु कबीर सत्संग का समापन शुक्रवार को संध्या में सफलतापूर्वक समापन हुआ। कई जगहों के साधु संत आये हुवे थे। वही कबीरमत साधु संत सहित धर्मप्रेमियों के लिए भोजन शयन व शौचालय आदि की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही लगातार तीन दिनों तक हजारों लोगों ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया, समारोह के दौरान साधु संतों एवं माता बहनों के मुख से साहेब बंदगी का उद्दोष हो रहा था। बुधवार से प्रारंभ कबीरमत सत्संग सह प्रवचन कार्यक्रम में संतो ने अपने प्रवचन के माध्यम से धर्मप्रेमियों को सच्चाई और अच्छाई के रास्तों पर चलने तथा जीवन रूपी पर आधारित बातें बताई गई।जीवन की परिस्थिति का वर्णन करते हुए
साधु संतों ने कहा कि दुख में सुमिरन सब करें, सुख में करें न कोय, अर्थात दुख की स्थिति में तो सभी ईश्वर का स्मरण करते हैं, किंतु सुख में वह शुकराने का भाव प्रकट करना भूल जाते हैं,सुख एवं दुख तो जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं, जिनका जीवन मे आना निश्चित है।उक्त बातें साधु संतों ने कही,तीन दिनों तक चलने वाले ध्यान-साधना व भक्ति भजन से पूरा क्षेत्र भक्ति मय रहा।समापन के मौके पर भारी संख्या में धर्म प्रेमियों की भीड़ जुटी रही जहां संध्याकाल श्रुति विनती प्रार्थना व आरती के बाद संतों का सम्मान किया गया
और अंगवस्त्र देकर विदाई दी गई। आयोजित कबीरमत सत्संग सह प्रवचन समारोह में आचार्य रतन स्वरूप साहेब हरिद्वार,श्री रमाशंकर साहेब वैशाली, एवं पलटू दास चौसा, गायक श्री ब्रह्मचारी मिथिलेश साहब जी , राजू परदेश नाल वादक,इसके अलावा कई संत महात्माओं ने आयोजन में हिस्सा लिया।एवं इस आयोजन को सफल बनाने में समस्त सिंघियान ग्रामवासियों एवं समस्त सहयोगीगण का अहम योगदान रहा।