किशनगंज /सिटिहलचल न्यूज़
बिहार में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है बावजूद इसके सरकारी बाबू सुधारने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित प्रधान लिपिक उमेश चौधरी का है जिनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल मामला सील किए गए एक्सरे सेंटर को खोलने का लाइसेंस से जुड़ा हुआ है। जिसके एवज में प्रधान लिपिक के द्वारा 50 हजार रुपए बतौर नजराना मांगा गया. जिसका वीडियो संचालक के द्वारा बना लिया गया और वायरल कर दिया गया। वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है
सिविलसर्जन कार्यालय में प्रधान लिपिक उमेश चौधरी कार्यरत है. प्रधान लिपिक उमेश चौधरी के द्वारा एक्सरे संचालक से 50,000 रुपए घूस मांग रहे है जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद पूरे स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया है। यह मामला ठाकुरगंज प्रखंड पौवाखाली स्थित मरधुब डिजिटल एक्सरे से जुड़ा हुआ है. हालांकि सिविल सर्जन इस मामले को दबाने में लगे है. इस एक्सरे दुकान में बिना लाईसेंस के मरीजों का एक्सरे किया जाता था। जब जांच टीम ने जांच किया तो एक्सरे संचालन से संबंधित को कागजात नहीं मिलने के कारण एक्सरे दुकान को सील कर दिया गया। इसी एक्सरे दुकान के लाइसेंस व दुकान खोलने के नाम पर 50000 रुपये का मांग किशनगंज सिविलसर्जन कार्यालय के प्रधान लिपिक उमेश यादव के द्वारा मांगा गया। वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि एक्सरे संचालक आशिफ अहमद से प्रधान लिपिक उमेश चौधरी लेनदेन की बात कह रहा है
जिसमें एक्सरे संचालक आशिफ अहमद को दुकान खोलने की अनुमति देने के लिए पूरा पैसा यानी 50000 रुपये देने को कह रहा है। प्रधान लिपिक के द्वारा कहा जा रहा है कि 50000 में बात हुई है, 50000 ही चाहिए। वहीं आशिफ के द्वारा 40000 रुपये प्रधान लिपिक को दिया जा रहा था, लेकिन प्रधान लिपिक ने उससे एक बार में पूरा राशि देने को कह रहा है। वहीं प्रधान लिपिक उमेश चौधरी ने कहा कि मैने कोई राशि नहीं मांगी, जब उसका एक्सरे दुकान का लाइसेंस बन गया तो राशि क्यूं मांगता। उन्होंने कहा कि दुकान खोलने की अनुमति सिविलसर्जन सर देंगे जिसके लिए पत्र तैयार कर रखा है लेकिन कुछ नियम की पूर्ति नहीं होने के कारण दुकान खोलने की अनुमति नहीं दिया गया।