मीरगंज/सोनू कुमार झा
पूर्णिया: सरकार शिक्षा ब्यवस्था पर करोड़ो खर्च कर रही है, वही हर रैली भाषण में बिहार की शिक्षा ब्यवस्था की कसीदे गढक़त खुद अपना पीठ थपथपा रही है। वहीं धमदाहा प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय डीहटोला खेदलीचक सरकार के सुशासन ब्यवस्था को मुँह चिढ़ा रही है। यहाँ की ब्यवस्था बिहार की शिक्षा ब्यवस्था की पोल खोलने को काफी है
प्राथमिक विद्यालय डीहटोला खेदलीचक, मीरगंज के करीब 359 बच्चें पढ़ाई करते है। मगर इन बच्चों को एक अदद छत तक नसीब नहीं है। ग्रामीण द्वारा बनाए गए झोपड़ी नुमा घर मे ये सभी बच्चें पढ़ाई करते है। यहाँ तक कि बच्चों के बैठने के लिए टेबल बैंच भी नहीं है, जिस कारण बच्चें नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते है। जब भवन ही नहीं है तो शौचालय और रसोई घर की बात करना बेमानी ही होगी
यहाँ के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के मौसम में होती है। बरसात होते ही फुस का बना घर चुने लगता है और बच्चें भाग कर अपने अपने घर चले जाते है। वहीं शिक्षक भी भीगने से बचने के लिए दूसरे घर का सहारा लेते है। ग्रामीण मो.तबरेज बताते है कि उनके प्रखंण्ड में यहीं एक फुस के घर मे चलने वाला विद्यालय है। वह भी ग्रामीणों के सहयोग से बना है। जब भी फुस का बना यह घर टूटता है तो ग्रामीण ही चंदा कर फिर इसे बनवाते है, मगर सरकार ने अभी तक इसे पक्कीकरण करने में कोई कदम नहीं उठाई नहीं थी। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से भी जल्द भवन का निर्माण कराने की माँग की है। वहीं प्रभारी प्रधानाध्यापक मोहम्मद असअद रैजा इस मुश्किल घड़ी में भी बच्चों को शिक्षा दे रहे है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वरीय अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।