लाइव सिटीज पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई है. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बन चुके हैं. वहीं दूसरी ओर सत्ता पलट के बाद आक्रामक बयानबाजी का दौर तेज होता जा रहा है. भाजपा के नेता सत्ता हाथ से निकल जाने के लिए वर्तमान सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं और मौके निकाल कर निशाना साथ रहे हैं. लेकिन इस जुबानी हमले में बीजेपी को जदयू और आरजेडी दोनों दलों के नेता मिलकर जवाब दे रहे हैं. बीते दिनों बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे. जिसका जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने इसे मजाक बताया था. वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अब सुशील मोदी पर हमला बोला है.
ललन सिंह ने सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपका बयान देखकर घोर आश्चर्य हुआ..! जिस व्यक्ति का ग्रह-नक्षत्र खुद खराब हो और नीतीश जी से अच्छे रिश्तों के कारण खुद हाशिए पर ला दिए गए हों, वैसे नेता के यहां नीतीश जी को उपराष्ट्रपति बनाने के लिए कोई जाये, यह अपने-आप में हास्यास्पद और सरासर झूठ है. ललन सिंह ने आगे लिखा है कि नीतीश जी कभी ना राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और ना ही उपराष्ट्रपति उपराष्ट्रपति पद के..! यदि ऐसे ही बयान देने से बीजेपी नेतृत्व को खुश कर के आप पुनर्वासित हो जाते हैं, तो हमलोगों की शुभकामनाएं आपके साथ है…हो जाइए.
इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने सुशील मोदी को जवाब देते हुए कहा था कि चलिए ना भाई, जिसको जो मन में आता है बोलते ना रहे. एक आदमी को देखे नहीं क्या बोल दिए मेरे बारे में. हम उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे. क्या मजाक है, एकदम बोगस बात है. आप लोग जानते नहीं हैं, आप लोग तो मुझसे पूछे ही थे. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति वाली बात एकदम बोगस बात है. ऐसी मेरी कोई इच्छा नहीं थी. भूल गए क्या उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के चुनाव में हमलोगों की पार्टी ने कितना सपोर्ट किया. हम लोग उसी का इंतजार कर रहे थे, जिस दिन दोनों चुनाव खत्म हो गया तब हम लोगों ने पार्टी का मीटिंग किया. इसलिए ये सब बोल रहे हैं, आप लोग तो जानते ही हैं कि उनको तो कुछ बनाया नहीं. जो लोग भी आजकल बोल रहे हैं, वह अच्छा है.
बता दें कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि वो किसी के नाम का खुलासा नहीं करना चाहते. लेकिन उनके (नीतीश कुमार) करीबी दो नेताओं ने बिहार बीजेपी के दो सीनियर नेताओं से उपराष्ट्रपति बनाने को लेकर कोई रास्ता निकालने के लिए कहा था. सुशील मोदी ने दावा किया था नीतीश कुमार भारत का उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे. नहीं बनाया गया इसलिए उन्होंने बीजेपी ने नाता तोड़ लिया. सुशील मोदी ने कहा कि अब वह (बिहार के सीएम नीतीश कुमार) कहेंगे कि यह झूठ है. लेकिन उनके दो करीबी सहयोगियों ने उन्हें उप राष्ट्रपति बनाने का रास्ता खोजने के लिए बिहार के सीनियर नेताओं से दो बार बात की. हमने कहा कि यह संभव नहीं है. यह 100% सच है कि यह बातचीत हुई थी. सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे, और उनकी महत्वाकांक्षा जब पूरी नहीं हुई तो उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ लिया.
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