सुहागिन महिलाओं का हरियाली तीज मंगलवार को

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पूर्णिया/धर्मेंद्र कुमार लाठ

हरियाली तीज सुहागिन महिलाओं के प्रसिद्ध व्रत और त्योहारों में से एक है। विशेषतौर पर इस पर्व को उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस पर्व की तैयारी महिलाएं दो-तीन दिन पहले से शुरू कर देती हैं। खासतौर पर सौभाग्य और श्रृंगार को समर्पित इस पर्व पर महिलाएं हाथ-पैरों में मेहंदी, आल्ता व महावर लगाती हैं ।हरितालिका तीज का पर्व मंगलवार को आस्था के साथ मनाया जाएगा। महिलाएं पति व पुत्र की दीर्घायु व कुंवारी कन्याएं मनोवांछित वर की प्राप्त के लिए व्रत रखती हैं।वही इस पर्व को ले कर पूर्णिया जिला में भी महिलाओं द्वारा सुहाग की लंबी उम्र की कामना के साथ मनाया जानेवाला तीज पर्व की खरीदारी शुरू हो गई है। सोमवार को बाजार में महिलाओं को श्रृंगार दुकान व आभूषण दुकान पर खरीदारी करते देखी गई। साड़ी, आभूषण, श्रृंगार की दुकानों पर इनकी खास भीड़ देखी गई। बाजार में साड़ी का एक से बढ़कर एक कलेक्शन उपलब्ध हैं। महिलाएं चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, कुमकुम, माहौर, नेल पॉलिश, विछिया, मेहंदी, ऐनक, कंघी, लिपिस्टक, पैर रंगनी, काजल, साड़ी, आभूषण सहित अन्य की खरीदारी कर रही थीं। पूजा के बाद दान में दिए जानेवाली सामग्री भी वे खरीद रही थीं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर शिव-पार्वती का व्रत रखती हैं। पारंपरिक त्योहार को ले महिलाओं का उत्साह देखते बन रहा है। उनकी भीड़ से शहर के बाजार गुलजार हो गए हैं। महिलाओं में ब्यूटीपार्लर पर बुकिंग करा रही हैं। मेहंदी लगाने का डिजाइन भी पसंद कर रही हैं। सुहागिनों का पर्व हरियाली तीज 30 अगस्त को है। पर्व के लिए महज दो दिन बचे हैं। ऐसे में आने वाले दो-तीन दिनों में दुकानों में और रौनक बढ़ने की उम्मीद है

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हरे रंग की साड़ी सूट साथ हरी चूड़ियों का महत्व

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पूर्णिया जिला के कसबा बाजार व गढ़बनैली बाजार में खरीदारी के लिए भीड़ बढ़ने लगी है। दुकानदारों ने कहा कि हरियाली के इस त्योहार में हरे रंग की साड़ी, सूट के साथ हरी चूड़ियों का महत्व होता है। दुकानदार राजीव शर्मा ने बताया कि हरे रंग में ही कई तरह के डिजाइन आ गए हैं। ज्यादातर महिलाएं चूड़ियों के सेट बनवा रही हैं, जिनकी कीमत पांच सौ रुपए से लेकर हजार रुपए तक है। दुकानदार विवेक ने बताया कि हरे रंग की साड़ी शुभ मानी जाती है, जिसमें लहरिया साड़ी पहली पसंद है

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माता पार्वती को बेलपत्र चढ़ा लिया जाता है आशीर्वाद

विद्वानों का मानना है कि अगर महिलाएं तीज व्रत रखती हैं, तो उनके पति को लंबी उम्र मिलती है। गीली काली मिट्टी या बालू रेत, बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनैव, नाडा, वस्त्रत्, फल, मां पार्वती के लिए सुहाग सामग्री, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, घी, दही, शक्कर, दूध, शहद पंचामृत आदि से पूजा होती है। माता पार्वती को बेलपत्र चढ़ाकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है

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अरेबिक और राजस्थानी मेहंदी की अधिक डिमांड

मेहंदी लगानेवाली पल्लवी ने बताया कि हरियाली तीज का रंग चढ़ता जा रहा है। महिलाएं अरेविक और राजस्थानी मेहंदी लगवाना ज्यादा पसंद कर रही हैं। पूछने पर उसने कहा कि यहां टैटू का चलन नहीं है। आम दिनों में सिर्फ हथेली पर जहां 50 रुपए में मेहंदी लगती थी, अब उसके दाम बढ़कर एक से डेढ़ सौ रुपए तक हो गए हैं। हथेली और बाजू पर यह रेट पांच सौ रुपए तक का है। दोनों पैरों पर यदि लगवानी है, तो यह रेट एक हजार रुपए तक है। करवा चौथ की तरह इस पर्व पर भी महिलाएं सजने में कोई कसर बाकी नहीं रहने देना चाहती हैं। ब्यूटीपार्लर संचालिका ने बताया कि जिन महिलाओं की पहली तीज है, उन्होंने 10 दिन का पैकेज लिया था। तीज के दिन उन्हें वॉटर प्रूफ मेकअप से सिंपल लुक में तैयार करना है, ताकि उनके रूप में और निखार आए।

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शिव और पार्वती के पुनर्मिलन के अवसर पर मनाया जाता है तीज

भाद्रपद शुक्ल तृतीया को हरितालिका तीज का त्योहार शिव और पार्वती के पुनर्मिलन के अवसर पर मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती 107 जन्म ली थीं। अंतत मां पार्वती के कठोर तप के कारण उनके 108 वें जन्म में भगवान शिव ने पार्वती को अपनी अर्धागिनी के रूप में स्वीकार किया था। उसी समय से ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मां पार्वती प्रसन्न होकर पति के दीर्घायु होने का आशीर्वाद देती है।

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