सोनपुर पशु मेला
विश्व प्रसिद्ध सोनपुर पशु मेला हर साल नवंबर-दिसंबर के दौरान आयोजित किया जाता है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है जहाँ बड़ी संख्या में हाथी मिल सकते हैं। प्रमुख आकर्षण कई हाथियों का नजारा है, जिन्हें बिक्री के उद्देश्य से खूबसूरती से सजाया गया है।
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मेले में हाथियों के अलावा बड़ी संख्या में मवेशी और घोड़े भी बिक्री के लिए लाए जाते हैं। सोनपुर मेले में कुत्तों, भैंसों, गधों, टट्टू, फारसी घोड़ों, खरगोशों, बकरियों और यहां तक कि कभी-कभार ऊंटों की सभी नस्लों से कई खेत जानवर खरीदे जा सकते हैं। पक्षियों और मुर्गी की कई किस्में भी उपलब्ध हैं।
सोनपुर पशु मेले के मैदान में कई स्टॉल भी लगाए गए हैं। इन स्टालों में आपको कपड़ों से लेकर हथियार और फर्नीचर, खिलौने, बर्तन और कृषि उपकरण, गहने और हस्तशिल्प तक कई तरह के सामान मिल जाएंगे। मेले में विभिन्न लोक कार्यक्रम, खेल और बाजीगर देखे जा सकते हैं।
मेले की उत्पत्ति प्राचीन काल में हुई थी जब मगध शासक चंद्रगुप्त मौर्य (340 ईसा पूर्व – 298 ईसा पूर्व) गंगा नदी के पार हाथी और घोड़े खरीदते थे।
मेला कार्तिक पूर्णिमा के दिन शुरू होता है और एक पखवाड़े से अधिक समय तक चलता है।
यह मेला फ्रांस, इटली, अमेरिका, जापान, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कजाकिस्तान, ऑस्ट्रिया और पुर्तगाल जैसे देशों से अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों को आकर्षित करता है।
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