ज़िले के 135 मरीज़ों को दिया गया मर्म बॉक्स: अमृत सिद्धु

IMG 20220911 WA0114 पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

पूर्णिया : राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में जीत कार्यक्रम भी शामिल हैं। जिला यक्ष्मा कार्यालय में क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिसिएटिव (चाई) के राज्य प्रमुख गौतम कुमार, वरीय अधिकारी अमृत सिद्धू, डीसी रंजीत कुमार, सूरज कुमार, मुकेश कुमार सहित कई अन्य लोगों ने जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर से जीत कार्यक्रम एवं वर्ल्ड विजन की ओर से ज़िले में चलाए जा रहे पायलट प्रोजेक्ट (मर्म) की समीक्षा की।

टीबी मुक्त भारत अभियान में आपसी सहयोग जरूरी: डॉ महम्मद साबिर

जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन ट्रीटमेंट शॉर्ट फॉर्म (डॉट्स) मतलब होता है, दवा खिलाने वाले स्वास्थ्य कर्मी प्रत्यक्ष रूप से मरीज़ों को दवा खिलाने का काम करते हैं। सामान्य टीबी रोगी समय पर दवा खायें, इसके लिए ज़िले  के सभी पीएचसी पर इसकी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं

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टीबी मरीज़ों को अलग-अलग रंग वाली बत्ती से मिलेगा सहयोग: राज्य प्रमुख

क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिसिएटिव (CHAI/चाई) के राज्य प्रमुख गौतम कुमार ने बताया कि “मेडिकेशन इवेंट एंड मॉनिटर रिमाइंडर” (मर्म) बॉक्स एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। इसका मुख्य उद्देश्य यक्ष्मा के मरीज़ों का सफलतापूर्वक इलाज कराया जाना है। इस बॉक्स में यक्ष्मा की दवाई रखी जाती है। इसमें तीन अलग-अलग प्रकार की लाइट जलती है। हरी लाइट मरीज को यह याद दिलाता है कि प्रत्येक दिन आपको दवा खाने का समय आ गया है। आप बॉक्स खोलें और दवा ले लें और  उसके बाद बॉक्स को बंद कर दें। बॉक्स बंद करने के बाद डिजिटल रिकॉर्ड में सेव हो जाता है कि मरीज ने आज की दवा खा ली। पीला लाइट यह दर्शाता है कि आपकी दवा खत्म होने वाली है, जल्द ही आप अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर दवा लेकर बॉक्स में पुनः रख दें। लाल बत्ती यह दर्शाता है कि मर्म बॉक्स की बैट्री खत्म होने वाली है। बॉक्स के साथ दी गई चार्जर से अपने मर्म बॉक्स को चार्ज कर लें ताकि आपका इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सुरक्षित रहे

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ज़िलें के 135 मरीज़ों को दिया गया मर्म बॉक्स: अमृत सिद्धु

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क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिसिएटिव (CHAI/चाई) के अधिकारी अमृत सिद्धू ने बताया कि जीत कार्यक्रम के अंतर्गत 135 मरीजों को मर्म बॉक्स दिया गया है। वही 125 मरीज़ों को 99 डॉट्स स्टीकर दिया गया है। जिस पर टॉल फ्री नंबर लिखा हुआ है। यक्ष्मा के मरीज कई बार डॉट्स सेंटर से दवाइयां लेकर तो घर चले जाते हैं, लेकिन नियमित रूप से इसका सेवन नहीं कर पाते हैं। जिस कारण बीमारी तो ठीक नहीं ही होती है। संक्रमण बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है

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जीत कार्यक्रम के तहत टीबी से बचाव को लेकर चलाया जा रहा है अभियान: रंजीत

जिला समन्वयक रंजीत कुमार ने बताया कि बेहतर कार्य करने वाले टीपीटीसी समन्वयक को जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मोहम्मद साबिर द्वारा प्रथम, कुमार पासवान, द्वितीय एवं प्रदीप कुमार तथा तृतीय स्थान पर रहने वाले अरविंद पासवान को मैडल पहनाकर सम्मानित किया गया। क्षयरोग के मुख्य लक्षण लगातार 2 सप्ताह तक या उससे अधिक दिनों तक खांसी का रहना।खांसी के साथ खून का आना एवं छाती में दर्द।लगातार वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना।शाम को बुखार का आना, ठंड लगना व रात्रि में पसीना आना।

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