14 अक्टूबर 2022 । पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में ये स्पष्ट किया है कि गैर कानूनी तरीके से कोई मकान मालिक असामाजिक तत्त्वों की सहायता से अपने किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने पटना स्थित फ्रेजर रोड एक होटल को राहत देते हुए बात कही।
यदि मकान मालिक के साथ पुलिस की भी मिली भगत भी हो, तब भी हाई कोर्ट इसकी अनदेखी नहीं कर सकता है।
कोर्ट ने उसकी आपराधिक रिट याचिका मंजूर करते हुए पटना के एसएसपी तथा कोतवाली के थाना प्रभारी को याचिकाकर्ता होटल कम्पनी को तुरंत उसके होटल परिसर का दखल वापस दिलाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट को बताया गया कि गत 24 फरवरी, 2022 की आधी रात में मकान मालिक ने असामाजिक तत्वों की सहायता से जबरन कम्पनी की ऑफिस को खाली करा दिया और ताला जड़ दिया।पुलिस ने पीड़ित किराएदार की शिकायत सुनने की बजाय मकान मालिक का ही साथ दिया।
कोर्ट ने इसे गम्भीर घटना माना और कहा कि यह पुलिस की विफलता का अजीब उदाहरण है।पुलिस को कानून के अनुसार पीड़ित व्यक्ति का साथ देना चाहिए था, न कि कानून को अपने हाथ में लेने वाले मकान मालिक का।
कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ऐसी घटना का संज्ञान नहीं लिया जाएगा, तो कानून का अनादर करने वालों का हौसला और भी बढ़ जाएगा ।