Month: July 2022

  • न्यूज-उर्वरक विक्रेता द्वारा कालाबाजारी न रुकी तो किसान करेंगें समाहरणालय का घेराव

     

    पूर्णिया/रौशन राही

    धमदाहा: बीते माह जिला पदाधिकारी सहर्ष कुमार मंत्री लेशी सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी  एवं सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, तथा किसान मजदूर नेता के बीच बैठक आयोजित कर किसानों की समस्या को त्वरित सुनवाई हेतु कई उचित निर्देश दिए जिसमें खरीफ फसल को लेकर किसानों को उचित मूल्य में यूरिया, खाद, बीज कीटनाशक के अलावा कृषि उपकरण उचित मूल्य पर मुहैया कराने हेतु दुकानदारों द्वारा क्रय करने का आदेश दिया गया जीका अनुपालन नहीं होने पर सम्बंधित दुकानदार की लाइसेंस रद्द करने की बात भी कही गई । इस सम्बंध में जिले के सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को आदेश देते हुए जिला पदाधिकारी ने बताया किसानों के हित में उपयोग की जाने वाली यूरिया, खाद, कीटनाशक बीज की कालाबाजारी को रोकने हेतु सभी दुकानों का औचक निरीक्षण कर किसानों की समस्या को निदान किया जाना है परंतु डीएम साहब का आदेश आदेश ही रह गया

    बीते दिन जिले के सभी प्रखंड में खाद विक्रेता उर्वरक विक्रेता द्वारा किसानों के यूरिया खाद कीटनाशक बीज में अपना मनमानी दिखने लगा । बताते चले कि 266 रुपैया का यूरिया किसानों को 350 सौ में मिलने लगा किसानों ने जब इसका विरोध किया तो  किसान को यूरिया देने से दुकानदार इनकार कर दिया वैसे किसान जो चुपचाप कालाबाजारी का रेट में यूरिया खरीदा उन्हें आसानी से यूरिया मिल गया परंतु जो किसान उचित मूल्य पर यूरिया दुकानदार से प्राप्त करने का प्रयास किया उन्हें भागदौड़ करना पड़ा किसानों का एक शिष्टमंडल ने

    मजदूर किसान संघ के जिला कमेटी के प्रेम लाल महतो एवं प्रतिष्ठत किसान जय किशोर महतो से मिलकर मांग पत्र सौंपा मांग पत्र में यूरिया का कालाबाजारी खाद का कालाबाजारी बीज का कालाबाजारी सहित कई मामले बताए गए वही किसान नेता प्रेम लाल महतो एवं जय किशोर महतो ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा जिले में उर्वरक विक्रेता यदि इसी तरह कालाबाजारी करते रहेंगे इसके विरोध में जिला प्रशासन को आवेदन देकर अवगत कराया जाएगा यदि इस पर कार्रवाई नहीं हुई किसान समाहरणालय का घेराव कर आमरण अनशन करेंगें ।

  • मुरलीगंज के रामपुर गाँव में जनवितरण दुकान से 42 बोड़ा चावल चोरी

    मुरलीगंज संवाददाता मिथिलेश कुमार  

    मधेपुरा : मुरलीगंज प्रखंड के अंतर्गत रामपुर पंचायत के वार्ड चार में बृहस्पतिवार की रात एक जनवितरण प्रणाली की दुकान से ताला तोड़कर 42 बोड़ा चावल चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित जनवितरण विक्रेता कौशल कुमार जयसवाल ने शुक्रवार को थाना में अज्ञात के विरुद्ध आवेदन देकर जांचोपरांत कार्रवाई की गुहार लगाई है। पीड़ित डीलर ने थाना को दिये आवेदन में बताया कि 42 बोड़ा चावल, तीन खाली गैस सिलेंडर व गल्ला मे रखे नकदी सात सौ रूपया अज्ञात के द्वारा चोरी कर लिया गया। कौशल कुमार जयसवाल ने बताया कि गुरुवार की रात आठ बजे तक जनवितरण दुकान पर थे

    उसके बाद बंद कर घर चले गए। दुकान में चोरी होने की जानकारी शुक्रवार की सुबह स्थानीय लोगो के द्वारा मिला। आने बाद देखा कि मैन गेट का ताला टुटा हुआ और दुकान का भी ताला तोड़कर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले आवंटन से ही अनाज अवशेष बचता आ रहा है। यह भी बताया कि लगभग 75 बोड़ा अरवा चावल और करीब 25 बोड़ा गेहूं दुकान में बचा हुआ है। चोर ने 42 बोड़ा उसना चावल की चोरी कर लिया है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी अप्रैल माह में जनवितरण दुकान में चोरी घटना को अंजाम दिया गया था। जिसमें 130 बोड़ा चावल और अन्य समानो की चोरी हुई थी। थाना में चोरी की घटना को लेकर आवेदन भी दिया गया था। लेकिन कुछ भी पता नही चल पाया

    बता दें कि डीलर कौशल कुमार जायसवाल के पोश मशीन संख्या 132 पर जून माह तक का 281 बोड़ा चावल और 97 बोड़ा गेंहू अवशेष जनवितरण दुकान में रहना चाहिए था।चोरी की घटना के बाद स्थानीय लोगो के द्वारा तरह तरह की चर्चाएं की जा रही थी। जो पुलिस की दबिश और विभागीय गहन जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकता है। सूचना मिलने पर कमांडो टीम के दो सदस्य स्थल जनवितरण दुकान पर पहुंच डीलर जानकारी लिया। इस बीच चोरी की घटना के संबंध में  थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल ने बताया कि चोरी घटना के संबंध में छानबीन की जा रही है

  • कृषी अधिकारी व्ही.टी शिंदे यांची सेवानिवृत्ती ; शेतकरी, कर्मचाऱ्यांनी केला निरोप समारंभ !





    कृषी अधिकारी व्ही.टी शिंदे यांची सेवानिवृत्ती ; शेतकरी, कर्मचाऱ्यांनी केला निरोप समारंभ ! | Hello Krushi































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  • मंकी पॉक्स संक्रमण को लेकर अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग

    पूर्णियां/बालमुकुन्द यादव 

    पूर्णिया : मंकी पाक्स के प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया। इसके बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। मंकी पॉक्स को लेकर बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी से संबंधित जानकारियां हासिल करने में जुट गया है।

    जिले में मंकी पॉक्स का कोई मामला नहीं , लेकिन संक्रमण की जानकारी जरूरी: जिलाधिकारी

    जिलाधिकारी सुहर्ष भगत ने बताया कि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों को जिला स्तर पर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) के पालन करने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों को यह भी दिशा-निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह के मामले में अविलंब आवश्यक सलाह एवं उपचार की सुविधा मुहैया कराई  जाए। हालांकि अभी तक जिले  में मंकी पॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। इसके बावजूद जिलेवासियों को इस संक्रमण के संबंध में आवश्यक जानकारी रखनी है। उन्होंने बताया कि चेचक का टीका मंकी पाक्स को रोकने में ल गभग 85 प्रतिशत प्रभावी साबित हुआ है

    वायरस को लेकर ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं : सिविल सर्जन

    सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि मंकी पॉक्स नामक वायरस को लेकर देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग सावधानी पूर्वक एहतियात बरतने में लग गई है। हालांकि इसको लेकर ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अभी यह बीमारी हमारे जिले तक नहीं पहुंची है। शहर से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नजर रखी जा रही है

    मंकी पॉक्स वायरस की शुरुआत चेहरे से होने की संभावना अधिक: डीपीएम

    जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि मंकी पाक्स के लक्षण के संबंध में यह बताया जा रहा है कि बार-बार तेज बुखार का आना, पीठ और मांसपेशियों में जोड़ो का दर्द, त्वचा पर दानें और चकते पड़ना, खुजली की समस्या होना, शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती का आना हैं। हालांकि मंकी पाक्स  की शुरुआत शरीर से नहीं  बल्कि चेहरे से हो रही है। इस बीमारी का संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। चेहरे से लेकर बाजुओं, पैर एवं शरीर के अन्य हिस्सों पर रैशेस होना, गला खराब होना और बार-बार खांसी आना इसके प्रमुख लक्षणों में हैं।

  • भाजपा महिला मोर्चा कर्नाटक के अध्यक्ष ने किया कुरसेला का दौरा

    कुरसेला /मणिकांत रमन 

    कटिहार : भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में बरारी विधानसभा अन्तर्गत कुरसेला मंडल के देवीपुर गांव में शुक्रवार को महिला मोर्चा के तत्वावधान में संयुक्त मोर्चा का जनप्रतिनिधि संवाद कार्यक्रम मंडल अध्यक्ष गौतम महतो की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि महिला मोर्चा कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्षा गीता विवेकानंदा, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य महिला मोर्चा सुनीता दांगी, महिला मोर्चा अध्यक्ष सीमा झा, महिला मोर्चा महामंत्री प्रियंका सिंह, जिला मंत्री पूनम उपस्थित थीं

    इस अवसर पर मुख्य अतिथि विवेकानंदा ने देवीपुर के महिलाओं से संवाद कर केंद्र सरकार की उपलब्धियों को बताया तथा जनकल्याणकारी योजना जैसे उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, जनधन खाता, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, अटल पेंशन योजना आदि जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। उन्होंने लोगों से पुनः 2024 में मोदी सरकार बने उसके लिए समर्थन मांगा। इस दौरान कई महिलाओं को सदस्यता भी दिलाई गई। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा शहीद स्थल देवीपुर पहुंच कर वृक्षारोपण किया गया

    कार्यक्रम में सेमापुर मंडल प्रभारी राघवेंद्र प्रताप, जिला उपाध्यक्ष दिनेश्वर मण्डल, शिक्षक प्रकोष्ठ जिला सह संयोजक पवन सिंह, मंडल महामंत्री पंकज पासवान, गुलशन शर्मा, मंडल उपाध्यक्ष विजय जयसवाल, मृत्युंजय सिंह, अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ अध्यक्ष कुंदन पासवान, युवा मोर्चा अध्यक्ष केम्पु मंडल, अति पिछड़ा प्रकोष्ठ मंडल अध्यक्ष दिलीप मंडल, महिला मोर्चा अध्यक्ष अमृता गुप्ता, प्रमोद महलदार, मत्स्य जीवी सहयोग समिति अध्यक्ष सौरभ कुमार सिंह, अनिल मंडल, मदन मंडल, अगस्त कुमार, मिथुन कुमार चौधरी, उपप्रमुख रंजीत महतो मौजूद रहे।

  • कसे कराल पैसा किडीचे व्यवस्थापन ?

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : राज्यातल्या अनेक भागात जोरदार पाऊस झाल्याने कुठे गोगलगायींचा तर कुठे पैसा किडा म्हणजेच वाणी किडीचा मोठ्या प्रमाणात प्रादुर्भाव झाला आहे. त्यामुळे वावरातले सोयाबीन, कापूस, मका, उडीद, तूर आदि पिकांचे नुकसान होत आहे. आजच्या लेखात आपण या किडींचे व्यवस्थापन कसे करायचे याची माहिती घेऊया. वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषि विद्यापीठाने सुचविलेल्या पुढील उपाययोजनांचा अवलंब या किडिंच्या नियंत्रणासाठी करावा.

    पैसा किडा म्हणजेच मिलीपेड्स हे निशाचर असुन सामान्यतः सडणारी पाने, कुजलेले लाकूड आणि इतर प्रकारच्या ओलसर, किडणा-या वनस्पती खातात. साधारणपणे त्यांची भुमिका कुजलेल्या झाडाचे विघटन करण्यास मदत करणारी आहे. परंतु जेव्हा ते असंख्य होतात तेव्हा ते जमिनीवर संपर्कात येणा-या रोपटे, बियाणे जसे कापूस, सोयाबिन या सारख्या पिकाचे नुकसान करतात. जमिनीलगत रोपे कापून टाकतात कालांतराने रोपावर जाउन पाने कुरतडतात.

    व्यवस्थापन कसे करावे ?

    –शेतातील आर्द्रता आणि लपण्याची ठिकाणे कमी करुन बांधावरिल गवत, दगड, जमिनीवर ठेवलेल्या वस्तू काढाव्यात.
    –ब-याचदा आर्द्र, घनदाट पिकात जास्त पाणी दिल्यामुळे किंवा संध्याकाळी पिकात पाणी चालू ठेवल्यास मिलीपेड्सचा प्रादुर्भाव वाढतो.
    –शेतातील पालापाचोळा किंवा वाळलेले कुजलेले पदार्थ गोळा करुन नष्ट करावेत.
    — रात्रीच्या वेळी शेतात गवताचे ढिग करुन ठेवावेत आणि सकाळी गवताच्या ढिगाखाली जमा झालेले मिलीपेड्स जमा करून मिठाच्या किंवा साबणाच्या द्रावणात टाकावेत.
    –जास्त आर्द्रता व अन्नाचा पुरवठा नसल्यास काही दिवसातच मिलीपेड्स मरतात.
    –ज्याठिकाणी शेतक-यांनी पेरणीपुर्वी बियाण्याला बिजप्रक्रीया केली आहे तेथे प्रादुर्भाव कमी आढळून आलेला आहे.
    –पिकामध्ये वेळेवर कोळपणी करावी त्यामुळे जमिनीतील अंडी व लपून बसलेल्या पैसा किडी उघडया पडून नष्ट होतील.
    –चांगला पाऊस पडल्यास या किडींचे नैसर्गीक नियंत्रण होते.

    रासायनिक नियंत्रण

    १) किड संपूर्ण शेतात पसरलेली असल्यास क्लोरपायरीफॉस (२० ईसी) ३ मिली किंवा क्लोरपायरीफॉस ५० टक्के + सायपरमेथ्रीन (५ टक्के एसपी) १.५ मिली प्रति लीटर या प्रमाणे फवारणी करावी. सद‍र कीडनाशकाची शिफारस मिलीपेड साठी नाही, मात्र कापूस पिकामध्ये आहे.

    २)कार्बोसल्फान (६ टक्के दानेदार) किंवा क्लोरपायरीफॉस (१० टक्के दानेदार) किंवा फिप्रोनिल (०.३ टक्के) ५ किलो प्रति १०० किलो शेणखतात मिसळून ओळीने शेतातील रोपा जवळ वापरावे. सदरील कीटकनाशके परिणामकारक आहेत परंतु लेबल क्लेम नाहीत.

  • पुणे बाजार समितीतील शेतमाल बाजरभाव स्थिर





    पुणे बाजार समितीतील शेतमाल बाजरभाव स्थिर | Hello Krushi





























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  • अगर जमीन आपकी कब्जा किसी ओर का तो जमीन उसकी

    सिटी हलचल न्यूज़/बालमुकुन्द यादव

    नई दिल्ली। अगर आपको किसी अचल संपत्ति पर किसी ने कब्जा जमा लिया है तो उसे वहां से हटाने में लेट लतीफी नहीं करें। अपनी संपत्ति पर दूसरे के अवैध कब्जे की चुनौती देने में देर की तो संभव है कि वह आपके हाथ से हमेशा के लिए निकल जाए। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक बड़ा फैसला दिया है।

    12 वर्ष के अंदर उठाना होगा कदम

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अगर वास्तविक या वैध मालिक अपनी अचल संपत्ति को दूसरे के कब्जे से चापस पाने के लिए समयसीमा के अंदर कदम नहीं उठा पाएंगे तो उनका मालिकाना हक समाप्त हो जाएगा और उस अचल संपत्ति पर जिसने कब्जा कर रखा है, उसी को कानूनी तौर पर मालिकाना हक दे दिया जाएगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट कर दिया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को इस दायरे में नहीं रखा जाएगा। यानी, सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की कभी भी कानूनी मान्यता नहीं मिल सकती है

     तीन जजों की बेंच ने की व्याख्या

    लिमिटेशन ऐक्ट 1963 के तहत निजी अचल संपत्ति पर लिमिटेशन (परिसीमन को वैधानिक के मामले में 30 वर्ष है। यह मियाद कब्जे के दिन से शुरू होती है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने इस कानून के प्रावधानों को व्याख्या करते हुए कहा कि कानून उस व्यक्ति के साथ है जिसने अचल संपत्ति पर 12 वर्षों से अधिक से कब्जा कर रखा है। अगर 12 वर्ष बाद उसे वहां से हटाया गया तो उसके पास संपत्ति पर दोबारा अधिकार पाने के लिए कानून की शरण में जाने का अधिकार है

    12 वर्ष के बाद हाथ से निकल जाएगी संपत्ति

    फैसले में स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी ने 12 वर्ष तक अवैध कब्जा जारी रखा और उसके बाद उसने कानून के तहत मालिकाना हक प्राप्त कर लिया तो उसे असली मालिक भी नहीं हटा सकता है। अगर उससे जबर्दस्ती कब्जा हटवाया गया तो वह असली मालिक के खिलाफ भी केस कर सकता है और उसे वापस पाने का दावा कर सकता है क्योंकि असली मालिक 12 वर्ष के बाद अपना मालिकाना हक खो चुका होता है।

  • जाप छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर की तालाबंदी, प्रदर्शन

     

    पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़

    आज जन अधिकार छात्र परिषद के पूर्णिया कॉलेज विश्वविद्यालय प्रतिनिधि राहुल यादव के नेतृत्व में पूर्णिया विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया विभिन्न मुद्दों को लेकर।छात्र नेता राहुल यादव ने कहा कि पूर्णिया विश्वविद्यालय हमेशा अपने अजीब कारनामों से शुरुआत से ही प्रचलित हैं।पहला मुद्दा पीजी नामांकन आवेदन शुल्क अन्य विश्वविद्यालयों से तीन गुनी ज्यादा फीस विश्वविद्यालय के तरफ से रखा गया है जोकि छात्रों के साथ अन्याय है वही पड़ोसी विश्वविद्यालय बीएनएमयू मधेपुरा मैं ₹300 शुल्क रखा गया है और पूर्णिया विश्वविद्यालय में ₹1000 शुल्क है सामान्य एवं ओबीसी  छात्रों के लिए, ₹700 एससी, एसटी छात्रों के लिए  रखा गया है जो कि सीमांचल के छात्रों के साथ अन्याय है 

    2. तृतीय खंड पास छात्रों का अंक पत्र निर्गत करने। जिसमें की b.Ed काउंसलिंग और पीजी नामांकन में छात्रों को बहुत ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।3. द्वितीय खंड की परीक्षा परिणाम घोषित की जाए।4. नए सिरे से होने वाली होने वाली नामांकन मैं सभी महाविद्यालयों  मान्यता प्राप्त विषय मैं ही नामांकन ली जाय क्यों की पूर्व मैं इस तरह का गलती विश्वविद्यालय द्वारा की गई है पूर्णिया विश्वविद्यालय नोडल पदाधिकारी प्रो अंजनी मिश्रा के हस्तक्षेप एवं छात्रों की सारी समस्याएं से अवगत हो छात्रों को

    आश्वासन दिया कि मैं इन सारी बातों को विश्वविद्यालय में रखूंगा इसके उपरांत  विश्वविद्यालय मुख्य द्वार को खोल दिया छात्र नेता विशाल यादव ने आग्रह किया हम सभी की मांगों को जल्द से जल्द विश्वविद्यालय के द्वारा पूरा किया जाए। इस मौके पर छात्र नेता राहुल यादव,राहुल  सिंह, कौशल कुमार, विशाल यादव, नवकांट यादव, शंकर कुमार, अभिषेक आनंद, करन यादव अमन सिंह, मुकेश कुमार, विनय यादव, अभिजीत कुमार, अभिषेक सिंह, मो मझरूल हक अन्य छात्र शामिल थे।

  • इलाज के लिए जा रहे थे खगड़िया ट्रैन के चपेट में आने से 3 की मौत

    खगड़िया/सिटीहलचल न्यूज़

    नवगछिया बरौनी रेलखंड के नवगछिया स्टेशन और खरीक  स्टेशन के बीच में रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई।घटना की सूचना मिलते ही मोके पर नवगछिया थाना पुलिस और रेल थाना पुलिस पुलिस अग्रिम करवाई में जुट गई । वही मृतक की पहचान नवगछिया थाना क्षेत्र के मददपुर के निवासी 50 वर्षीय  रेखा देवी , बेटी धर्मशिला देवी और डेढ़ साल का नाती राजवीर के रूप में हुई है 

    घटना के बाबत परिजनों ने बताया रेखा देवी अपनी बेटी का इलाज कराने खगड़िया जाने के लिए घर से सुबह चार बजे निकली थी और खरीक स्टेशन में ट्रेन पकड़ने के लिए रेलवे ट्रैक के रास्ते होकर जा रही थी इसी बीच नवगछिया स्टेशन और खरीक स्टेशन के बीच मे ही मददपुर गांव के कुछ ही दूरी पर ट्रेन के चपेट में आने से मां रेखा देवी और बेटी धर्मशील देवी और नाती राजवीर को मोके पर ही मौत हो गया ।