Month: August 2022

  • Do This Management Of Yellow Mosaic Disease On Soybean





    Do This Management Of Yellow Mosaic Disease On Soybean



























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  • बाइक चोरी की सुना रहा था दास्तां सामने से आ रहा था चोर

     

    पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़

    शहर में बाइक चोर की घटना बढ़ गई है। वही कभी कभी चोर का तकदीर भी दगा दे जाता है। हुआ यूं कि मनोज कुमार कुमार नाम का एक ब्यक्ति बस स्टैंड अंबेडकर मार्केट के समीप काम से आया था। रोड साइड में गाड़ी लगाकर अंदर मार्केट गया। वही थोड़ी देर के बाद से वापस आने पर बाइक चोरी हो गई। काफी खोजबीन करने के बाद भी बाइक न मिलने पर पास में ही अपने ससुराल सुदिन चौक चला गया

    पीड़ित मनोज अपने ससुराल वालों को बाइक चोरी की दास्तां सुना ही रहा था कि सामने से उसकी बाइक आते दिखाई दिया। सामने आते ही पूरी तरह से वह अपने बाइक को पहचान लिया जिसके बाद बाइक चोर के तरफ हल्ला करते उसके पीछे दौरा। संयोग से पास के पान दुकान पर बाइक से पूर्व में युवक थे, जिसने खदेड़कर नेवालाल चौक के समीप बाइक चोर को पकड़ा। वही पीड़ित लोकल होने की वजह से स्थानिये लोगों ने चोर की जमकर पिटाई कर दी

    वहीं घटना की सूचना मिलते ही 112 कि पुलिस मौके पर पहुँची और चोर को लोगो के चंगुल से छुड़ाया। पकड़ा गया चोर कोढ़ा गैंग का सदस्य है। जिसकी पहँचान अभिषेक कुमार, पिता योगेंद्र यादव, थाना रौतारा के रूप में की गई है।पकड़े गए चोर से मरंगा थाना पूछताछ कर रही है। पीड़ित के आवेदन पर अग्रसर कार्यवाई में जुट गई है।

  • अधिकांश विद्यालय में शुक्रवार को अंडा के बदले नहीं मिलता सेव

     

    पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़

    सरकार द्वारा छात्रों को मध्याह्न भोजन में शुक्रवार को अंडा व सेव दिए जानने की नियम को अधिकांश सरकारी विद्यालयों द्वारा धज्जियां उड़ाई जाती है । बताते चले कि प्राथमिक विद्यालय बालूचक, प्राथमिक विद्यालय टोटहा, प्राथमिक विद्यालय गच्छकट्टा, प्राथमिक विद्यालय ललितग्राम, प्राथमिक विद्यालय सवैया

    प्राथमिक विद्यालय बघवा वर्माकलोनी, मध्य विद्यालय दमैली एसीएसटी समेत द र्जनों विद्यालयों में शुक्रवार को ग्रामीणों द्वारा दूरभाष पर मध्याह्न भोजन में अंडा सेव नहीं देने की जानकारी दी गई। जानकारी के बाद जब विद्यालय पहुंच कर जाँच किया गया तो ग्रामीणों की बात सही निकली। सरकार के द्वारा लाख चतुराई करने के बावजूद विद्यालय प्रधान अपने गलती से परहेज नहीं करते

    ऐसे विद्यालयो पर यदि शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जांचोपरांत करवाई न हुई तो इन विद्यालयों को पूर्व की तरह रवैया बनी रहेगी। इस सम्बंध में प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इन विद्यालयों की जाँच कराकर करवायी की जाएगी।

  • पुलिस और एसएसबी की संयुक्त कार्रवाई, 22 वर्षों से वांछित कुख्यात नक्सली भरदुल यादव गिरफ्तार

    लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: नौहट्टा प्रखंड के पहाड़ी गांव से पुलिस और एसएसबी की संयुक्त कार्रवाई में एक कुख्यात नक्सली को गिरफ्तार किया गया है. सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार नक्सली चुटिया थाना क्षेत्र के बेलदूरिया गांव निवासी भरदुल यादव बताया जा रहा है. उसे पुलिस ने उसके गांव से ही गिरफ्तार किया है. यह कई नक्सली कांडों का आरोपित है. हालांकि पुलिस इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने से परहेज कर रही है.

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक नक्सली भरदुल यादव वर्ष 2001 में पुलिस टीम पर हमला करने का आरोपित है तथा इस मामले में यह पिछले 22 वर्षों से पुलिस का वांछित है. सूत्रों के अनुसार इसी मामले में इसके गिरफ्तार होने की संभावना जताई जा रही है.

    पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार नक्सली भरदुल यादव के पिता का नाम पुलिस के पास नहीं होने की वजह से यह कई बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो चुका है. मई 2020 को सीआरपीएफ ने कैमूर पहाड़ी के सड़की के जंगल से गिरफ्तार किया था. इसके बाद वर्तमान में वह जमानत पर जेल से बाहर था तथा फिर से नक्सल गतिविधियों में जुट गया था.

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  • बनमनखी विधायक कृष्ण कुमार ऋषि का प्रयास लाया रंग,खुला निबंधन कार्यालय

    पूर्णिया/डिम्पल सिंह

    बनमनखी:-विधायक सह कृषि उद्योग विकास समिति के सभापति ने कहा कि बनमनखी के विकास में एक और महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ गया है .उन्होंने बताया कि दिनांक 8 .3.2022 को तारांकित प्रश्न संख्या निबंध 41520 के तहत सरकार से यह प्रश्न के रूप में पूछा गया था कि पूर्णिया जिले के बनमनखी अनुमंडल की जनता जमीन के निबंधन कराने के लिए 30 किलोमीटर दूर धमदाहा जाना पड़ता है.जिससे उन्हें कठिनाइयां होती है.तो सरकार बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र में कब तक रजिस्ट्री ऑफिस खोलने पर विचार रखती है. जिस पर मध्य निषेध मंत्री श्री सुनील कुमार ने जवाब देते हुए कहा था कि बनमनखी अनुमंडल में खोले जाने वाले ने निबंधन कार्यालय से संबंधित किए जाने वाले अंचल बनमनखी से संबंधित दस्तावेजों का विगत 3 वर्षों का औसत वार्षिक उपाध्यक्ष 7579 एवं औसत राजस्व 19. 33 करोड़ है

    निबंधन मंत्री द्वारा अपने उत्तर में बताया गया था कि बनमनखी से वर्तमान निबंधन कार्यालय की दूरी क्रमश 2 1 किलोमीटर और 10 किलोमीटर है, नए निबंधन कार्यालय खोले जाने हेतु निर्धारित मापदंड में से औसत राजस्व प्राप्ति 4 कडोड रुपए और वर्तमान निबंधन कार्यालय की दूरी 15 किलोमीटर से अधिक होने संबंधी मापदंड बनमनखी अवर निबंधन कार्यालय पूरा करता है ,अतः बनमनखी अनुमंडल में नया निबंधन कार्यालय खोले जाने का नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है.इस जवाब के बाद विधायक श्री ऋषि लगातार निबंधन मंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर बनमनखी की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए निबंधन कार्यालय खोलने हेतु लगातार प्रयासरत थे.दिनांक 5 अगस्त 2022 को केबिनेट डिसीजन के अनुसार बनमनखी में स्थाई रूप से नया

    अवर निबंधन कार्यालय खोले जाने एवं उक्त सभी कार्यालयों के लिए अवर निबंधक ,रात्रि प्रहरी तथा कार्यालय परिचारी के एक-एक पद सृजन करने का प्रस्ताव का मुहर कैबिनेट ने लगा दिया है. यह खबर सुनते ही बनमनखी वासियों में खुशी की लहर दौड़ गई और सबों ने दूरभाष से बनमनखी विधायक कृष्ण कुमार ऋषि को ऐसे नेक काम के लिए बधाई भी प्रेषित किया है, इस संबंध में विधायक श्री ऋषि से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बनमनखी के छोटे से लेकर बड़े समस्याओं तक को जेहन में रखकर विकास के काम में सदा लगे रहते हैं.जनता का आशीर्वाद सहयोग और प्यार से बनमनखी के विकास में कोई कमी नहीं रहेगी.

  • बीपीएससी पेपर लीक कांड: मामले में भोजपुर के एक BDO सहित इन 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट

    लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: बीपीएससी पेपर लीक कांड की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुऐ भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ और वीर कुंवर सिंह कॉलेज पर बतौर मजिस्ट्रेट तैनात जयवर्धन गुप्ता समेत 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है.

    पटना एसडीजेएम कोर्ट में दायर चार्जशीट में जिन 9 लोगों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने आरोप पत्र समर्पित किया है उनमें वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य योगेंद्र प्रसाद सिंह भी शामिल हैं.

    इन दोनों के अलावा प्रोफेसर सुशील सिंह, बड़हरा के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता, सहायक केंद्र अधीक्षक अगम सहाय, कृष्णमोहन सिंह, राजेश कुमार, सुधीर कुमार, निशिकांत राय और अमित सिंह के नाम शामिल हैं.

    इन सभी आरोपियों पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा,जालसाजी और षड्यंत्र के अलावा साक्ष्य को गायब करने आईटी एक्ट और बिहार परीक्षा अधिनियम के तहत धाराएं लगाई गई हैं. फिलहाल ये सभी आरोपी पटना के ही बेऊर जेल में बंद हैं.

    इस मामले में गिरफ्तार किए गए डीएसपी रंजीत कुमार रजक समेत कुल 17 आरोपियों पर आरोप पत्र दाखिल करने की कार्रवाई चल रही थी जिसमें पहले चरण में 9 आरोपियों पर आरोप पत्र दाखिल किया गया है. बाकी के 8 आरोपियों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी अनुसंधान चल रही है.

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  • मुंगेर में मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन, 48 अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार

    लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: बिहार के मुंगेर में मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन  हुआ है. स्थानीय पुलिस और पटना एसटीएफ की संयुक्त छापेमारी के दौरान जिले के टेटिया बम्बर थाना क्षेत्र के खपड़ा गांव से 48 अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ 3 तस्करों को गिरफ्तार किया है. इस छापेमारी का नेतृत्व मुंगेर एसपी जेजे रेड्डी ने किया.

    यह छापेमारी लगभग 5 घंटे से अधिक समय तक चली. इस दौरान टीम ने घर में बने तहखाने भारी मात्रा में हथियार निर्माण की सामग्री और अर्ध निर्मित पिस्टल बरामद किया है. पुलिस ने हथियार बनाने के लिए जरूरी सामानों में लेथ मशीन, एक ड्रिल मशीन और 48 अर्धनिर्मित हथियार सहित अन्य सामग्री बरामद की है.

    गुप्त सूचना के आधार पर मुंगेर पुलिस अधीक्षक जेजे रेड्डी के निर्देश पर स्थानीय थाना के सहयोग से सुरेंद्र महतो के घर पर छापेमारी की गई. इस छापेमारी के दौरान घर के अंदर बने तहखाने में अवैध हथियार बनाने का खेल चल रहा था. आरोपी ने घर कर अंदर पूरा कारखाना बना रखा था.

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  • बच्चे की देखभाल में पिता को कैसे शामिल करें

    बच्चे की देखभाल में पिता को कैसे शामिल करें

    पारंपरिक भारतीय समाज में, बच्चे के पालन-पोषण को माँ का एकमात्र विशेषाधिकार माना जाता है, जबकि पिता से परिवार के लिए कमाई पर ध्यान देने की अपेक्षा की जाती है। हालाँकि, अब माता-पिता दोनों के काम करने के साथ, पिता के लिए अपने बच्चे के पालन-पोषण में कुछ जिम्मेदारियों को साझा करना अनिवार्य हो जाता है। यह न केवल बच्चे और पिता के बीच एक बेहतर बंधन बनाता है, बल्कि परिवार में एक स्वस्थ वातावरण भी बनाता है।

    बच्चे की देखभाल में पिता को कैसे शामिल करें

    पिता कई तरह से अपनी राय दे सकते हैं:

    1. बाहरी गतिविधियाँ। पिता बच्चे को बाहरी खेलों में मदद कर सकते हैं जैसे बाइक चलाना सीखना, बैडमिंटन या टेनिस खेलना आदि। यह वास्तव में पिता और पुत्र के बीच के रिश्ते को मजबूत बनाता है क्योंकि बच्चा हमेशा अपने पिता के साथ अपने सीखने के सत्र को याद रखता है।
    2. बच्चे को करेंट अफेयर्स का कुछ ज्ञान देना। पिता उसे देश के राजनीतिक परिदृश्य या देश के सामने गरीबी जैसी वर्तमान समस्याओं को समझने में मदद कर सकते हैं। यह ज्ञान बच्चे के साथ दिन-प्रतिदिन साझा किया जा सकता है। इस उम्र में बच्चा किसी भी जानकारी को बहुत जल्दी समझ लेता है।
    3. पिता और बच्चे की खरीदारी का समय। घर के कामों में भाग लेने के लिए पिता और बच्चे को भी पाने का यह एक शानदार तरीका है। पिता और बच्चे दोनों एक साथ किराने की खरीदारी करने जा सकते हैं !!
    4. कंप्यूटर/इंटरनेट सर्फिंग पर बच्चे के साथ समय बिताना। एक पिता बच्चे को कंप्यूटर चलाना और उसके साथ गेम खेलना सिखा सकता है। यह दोनों के लिए असली मजा है। हालाँकि, पिता को यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि बच्चा स्क्रीन के आदी न हो।
    5. पिता को अपने बच्चे के स्कूल में रोजाना आना चाहिए, खासकर अभिभावक शिक्षक बैठक के दौरान। इस तरह वह अपने बच्चे को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम होगा और स्कूल में उसके बच्चे के सामने आने वाली किसी भी समस्या को हल करने में मदद कर सकता है।
  • बच्चों के लिए दशहरे का महत्व

    दशहरा साल के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारी सीजन की शुरुआत का प्रतीक है। पहले हम बचपन में दशहरे के दिन शाम को रावण दहन देखने जाते थे और रामलीला और रंगारंग आतिशबाजी का लुत्फ उठाते थे। हालाँकि इस दशहरा में, मैं कई माता-पिता से मिला, जो बच्चों को इस धूमधाम से नहीं ले जाना चाहते थे और इसके बजाय एक छोटी यात्रा पर जाने या घर पर रहने और आराम करने का फैसला किया। जीवन अब तेज है और हम दिनचर्या से छुट्टी चाहते हैं और त्योहार हमें बच्चों को भारतीय पौराणिक वंश के बारे में जागरूक करने का मौका प्रदान करते हैं। दशहरा मेले की सुंदरता और वहां पेश किए जाने वाले सामानों की विविधता बच्चे को सुंदर खोजों और छोटे शहर के उपहारों की दुनिया से परिचित कराने में मदद करती है। उन्हें अपने देश के अतीत के साथ इस तरह के घनिष्ठ मुठभेड़ को किसी अन्य तरीके से देखने का अवसर नहीं मिल सकता है।

    बच्चों के लिए दशहरे का महत्व

    दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है क्योंकि राम ने दुष्ट रावण पर जीत हासिल की थी। हम बच्चों को कुछ महत्वपूर्ण सबक दे सकते हैं जो बाद में जीवन में कठिन समय में उनकी मदद करेंगे।

    जीवन में सफल होने के लिए ज्ञान महत्वपूर्ण है लेकिन कुछ अन्य गुण भी हैं जो महत्वपूर्ण हैं। परिस्थितियाँ हमेशा हमारे पक्ष में नहीं होती हैं लेकिन जिनके पास इस कठिन समय में मजबूती से खड़े होने का धैर्य होता है, वही सफल होते हैं। जैसे राम जो एक महान योद्धा थे, उन्हें कठिनाइयों से गुजरना पड़ा लेकिन उनके धैर्य (इसे पार करने के लिए समुद्र के पार एक पुल का निर्माण और सीता का पता लगाने में समय लगा) के अलावा उनके युद्ध कौशल ने उन्हें विजयी होने में मदद की।

    हम अपने आसपास अच्छे और बुरे लोगों से घिरे रहते हैं और बच्चे भी। हर बार उनका मार्गदर्शन करना संभव नहीं है कि कौन अच्छा है या बुरा और कभी-कभी वे बड़े होने पर इसके बारे में बताना पसंद नहीं करते हैं। रामायण की कहानी न केवल हमें अपने बच्चों को उदाहरण प्रदान करने में मदद करती है बल्कि यह उन्हें चीजों के बारे में और जानने के लिए जिज्ञासु बनाती है।

    हम उस दिन घर पर बच्चों के साथ रावण का पुतला बनाने में शामिल होकर उनके साथ मस्ती कर सकते हैं, उन्हें रंगीन ‘पोस्ट-इट’ पर लिखने दें और फिर उन्हें पुतले पर चिपका दें। हमारे मार्गदर्शन में हम इस पुतले को खुले में जलाकर उत्सव मना सकते हैं।

    इस और हर त्यौहार पर अपने बच्चों के साथ मज़े करें और कहानियों के माध्यम से जीवन के सबक को हल्के तरीके से सिखाने के लिए इसका भरपूर लाभ उठाएं।

  • अपने बच्चों के साथ दिवाली मनाएं

    दिवाली, खुशी, रोशनी, आतिशबाजी, उत्सव और खुशी का दिन कोने में है। दशहरा के तुरंत बाद बच्चों और परिवार के साथ समय बिताने का यह एक और मौका है। दिवाली के स्वागत के लिए बाजार पूरी तरह तैयार हैं और खरीदारी भी चल रही है. खरीदारी के लिए बच्चों को अपने साथ दिवाली बाजार ले जाने का यह एक अच्छा समय है क्योंकि चारों ओर खुशी की अनुभूति होती है, अच्छी रोशनी वाली सड़कें और दुकानें, देखने और खरीदारी करने के लिए बहुत सी चीजें।

    आइए हम इस ब्लॉग के साथ दिवाली खरीदारी के लिए वर्चुअल डे-आउट पर भी जाएं।

    बच्चों की मदद से शॉपिंग लिस्ट तैयार है। मिट्टी के दीये, बिजली की बत्तियाँ, लालटेन, फूल, रंगोली के रंग, मिठाइयाँ, कपड़े, आतिशबाजी सूची में हैं और बच्चे भी खरीदारी के लिए तैयार हैं।

    बाजार जाते समय मैं बच्चों से पूछता हूं कि वे दिवाली के बारे में क्या जानते हैं। वे मुझे उत्साहित स्वर में बताते हैं कि यह रोशनी और पटाखों का त्योहार है, हम इस दिन नए कपड़े पहनते हैं और पूजा करते हैं। मैं उनसे फिर पूछता हूं, क्या उन्हें दशहरा पर राम और रावण की कही गई कहानी याद है और वे हां कहने के लिए सिर हिलाते हैं। मैंने कहानी जारी रखी कि इसी दिन राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या में अपने घर लौटे थे। उनकी वापसी के बारे में सुनकर अयोध्या के लोग इतने खुश हुए कि इस दिन, जो अमावस्या का दिन था, उन्होंने इतने दीये जलाए थे कि अयोध्या प्रकाश से भर गई थी। मैंने कहानी पूरी की और इस बीच हम अपनी मंजिल पर पहुंच गए।

    त्योहारों के रंग में रंगा बाजार। बाजार में दीयों की बहुत सारी किस्में हैं, जिनमें गैर-रंगीन वाले से लेकर रंगीन वाले, छोटे और मध्यम वाले से लेकर बड़े आकार के दीये शामिल हैं। बच्चे अपने पसंद के रंग के दीये उठाते हैं; मैं कुछ गैर-रंगीन वाले भी शामिल करता हूं जिन्हें बच्चों के साथ चित्रित किया जा सकता है जो उनकी रचनात्मकता को बढ़ा सकते हैं, मैंने बच्चों को उनमें से 10 को पिकअप करने के लिए कहा ताकि वे हाल ही में सीखी गई गिनती को याद कर सकें। मैंने विक्रेता को दीयों के लिए भुगतान किया और बच्चों को उनमें से कुछ ले जाने के लिए कहा ताकि वे सीख सकें कि जब वे परिवार के साथ खरीदारी के लिए बाहर जाते हैं तो कैसे मदद करें।

    अब, हम पास की दुकान में बिजली की रोशनी और लालटेन खरीदने के लिए जाते हैं और तय करते हैं कि उन्हें घर में कहाँ रखा जाए। कभी-कभी एक साथ खरीदारी करना वाकई मजेदार होता है। अब, हम सजावट के लिए फूल, रंगोली रंग जैसी अन्य चीजें खरीदते हैं और फिर अंत में हम आतिशबाजी की दुकान पर होते हैं। मैं बच्चों से बच्चों को कुछ आतिशबाजी चुनने के लिए कहता हूं जो वे हमें इसे जलाते हुए देखना चाहेंगे और यह भी समझाया कि वे बड़े होने पर आतिशबाजी कर सकते हैं।

    मैं अपने बच्चों को कम विशेषाधिकार प्राप्त अन्य बच्चों के साथ दान करने और त्योहारों को मनाने का महत्व सिखाना चाहता हूं। तो, इस दिवाली हमने उनके लिए कुछ उपहार भी खरीदे और अब हम एक अनाथालय के लिए निकलते हैं। बच्चे अन्य बच्चों के साथ उपहार साझा करते हैं और साथ में कुछ समय के लिए मस्ती करते हैं।

    जब हम वापस लौटते हैं तो हम दिन भर की खरीदारी के बाद कुछ खाने का फैसला करते हैं। खुश दिलों के साथ हम दिवाली के स्वागत के लिए तैयार हैं।

    एक खुश और सुरक्षित दीपावली !!