Month: August 2022

  • सांगलीत डाळिंबाच्या बागेत गांजाची शेती; 13 लाख रुपयांचा गांजा जप्त





    सांगलीत डाळिंबाच्या बागेत गांजाची शेती; 13 लाख रुपयांचा गांजा जप्त | Hello Krushi



























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  • जल योजना के क्रियान्वयन की स्थिति लेकर जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक

    नगर परिषद राजगीर में नल जल योजना के क्रियान्वयन की स्थिति को लेकर जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक

    सात दिनों के अंदर नल जल कनेक्शन से वंचित घरों में कनेक्शन देने का पीएचईडी को दिया गया निदेश

    बैठक के उपरांत जापानी मंदिर के पास बने सम्प एवं पंप हाउस का किया स्थल निरीक्षण

    जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर ने आज आरआईसीसी सभागार में राजगीर नगर परिषद क्षेत्र में नल जल योजना के तहत किए जा रहे कार्य को लेकर समीक्षा बैठक की। बताया गया कि राजगीर नगर परिषद क्षेत्र में वर्तमान में 3 वाटर टावर- (बस स्टैंड के पास, राजगीर थाना के पास तथा सीवरेज प्लांट के पास) के माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था है। इन सभी वॉटर टावर में जापानी मंदिर के पास पूर्व से निर्मित 2 लाख गैलन क्षमता के संप हाउस के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है।

    राजगीर नगर परिषद क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर लगभग 8100 घरों में नल जल का कनेक्शन दिया जाना है। जिला पदाधिकारी के निदेशानुसार अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर के स्तर से कराए गए सर्वे में लगभग 800 घर कनेक्शन से वंचित पाए गए हैं। जिलाधिकारी ने वंचित घरों की सूची वार्डवार पीएचईडी को उपलब्ध कराने का निर्देश अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर को दिया। पीएचईडी को इस सूची के आधार पर घरों का भौतिक सत्यापन करते हुए शत प्रतिशत घरों में नल जल का कनेक्शन एक सप्ताह में सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया।

     

    राजगीर नगर परिषद क्षेत्र में स्थित होटलों के लिए अलग से जलापूर्ति की व्यवस्था हेतु अवश्यक प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया। इसके लिए सभी होटलों को अपने परिसर में संप का निर्माण अनिवार्य रूप से करना होगा। इस संबंध में जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर को सभी होटल के संचालकों को संप का निर्माण सुनिश्चित कराने हेतु नोटिस निर्गत करने का निर्देश दिया।

    पाइप लाइन बिछाने के क्रम में क्षतिग्रस्त किए गए सड़कों की मरम्मती संबंधित सड़क के निर्धारित मानक के अनुरूप सात दिनों के अंदर सुनिश्चित कराने का निर्देश कार्यपालक अभियंता पीएचईडी एवं कार्यपालक अभियंता सिंचाई प्रमंडल को दिया गया।

    नगर परिषद राजगीर में शामिल होने वाले नए क्षेत्रों में भी गंगा जल आपूर्ति योजना के माध्यम से जलापूर्ति के लिए आवश्यक कार्य का प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को दिया गया।
    बैठक में उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी राजगीर, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, कार्यपालक अभियंता सिंचाई प्रमंडल, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद राजगीर सहित संबंधित विभागों के अन्य अभियंतागण एवं अन्य स्थानीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

    बैठक के उपरांत जिलाधिकारी ने जापानी मंदिर के पास पूर्व से निर्मित 2 लाख गैलन क्षमता के संप, नवनिर्मित 50 हजार गैलन क्षमता के संप एवं जलापूर्ति के लिए कार्यरत पंप हाउस का स्थल निरीक्षण किया।

  • जिला में विभिन्न सिंचाई योजनाओं का करेंगे निरीक्षण

    माननीय मंत्री जल संसाधन विभाग श्री संजय कुमार झा आज जिला में विभिन्न सिंचाई योजनाओं का करेंगे निरीक्षण

    माननीय मंत्री जल संसाधन विभाग, बिहार श्री संजय कुमार झा आज नालंदा जिला में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं का स्थल निरीक्षण करेंगे।

    1:30 PM:- दयालपुर (चंडी प्रखंड) में मुहाने-चिरैया नदी लिंक बराज का निरीक्षण

    4:15 PM :- दैली वीयर ( हरनौत) में दैली वीयर सिंचाई योजना का निरीक्षण।

  • अगस्त माह में तीन प्रखंडों में होगा जनता दरबार का आयोजन

    अगस्त माह में जिला के तीन प्रखंडों में आमजनों की समस्याओं के निवारण हेतु जनता दरबार का आयोजन किया जाएगा।
    जनता दरबार में जिलाधिकारी आमलोगों की समस्याओं से रूबरू होंगे तथा यथा संभव ऑन द स्पॉट समस्याओं के निवारण का प्रयास किया जाएगा।

    जनता दरबार में सभी संबंधित विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारी एवं सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
    5 अगस्त (शुक्रवार)को हरनौत प्रखंड सभागार में, 12 अगस्त(शुक्रवार) को कतरीसराय प्रखंड सभागार में तथा 26 अगस्त (शुक्रवार) को एकंगरसराय प्रखंड सभागार में जनता दरबार का आयोजन पूर्वाह्न 11:30 बजे से निर्धारित है।

  • छापेमारी के दौरान 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

    रहुई थानाध्यक्ष नंदन कुमार सिंह के निर्देश पर एसआई दीपक कुमार की अगुवाई में गुप्त सूचना के आधार पर बलवा पर गांव में छापेमारी की गई। इस छापेमारी के दौरान 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

    जिसके पास से एक चोरी की मोटरसाइकिल पांच जिंदा कारतूस और एक मोबाइल को भी जप्त किया है । इस संबंध में एसआई दीपक कुमार ने बताया कि थाना अध्यक्ष के निर्देश पर ही यह कार्रवाई की गई है बताया जाता है कि दोनों गिरफ्तार अभियुक्त पूर्व में भी हत्या केस में आरोपित है और वह घटना के बाद फरार चल रहे थे। फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है

  • मंत्री ने चंडी प्रखंड में मुहाने नदी को चिरैया नदी से जोड़ने की योजना

    जल संसाधन मंत्री ने चंडी प्रखंड में मुहाने नदी को चिरैया नदी से जोड़ने की योजना के तहत निर्मित बराज का किया स्थल निरीक्षण

    कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रदेश के अंदर की छोटी-छोटी नदियों को आपस में जोड़ कर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के साथ-साथ बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने के लिए जल संसाधन विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है

    जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने बुधवार को नालंदा जिले के चंडी प्रखंड अंतर्गत दयालपुर के पास मुहाने नदी को चिरैया नदी से जोड़ने की योजना के तहत निर्मित बराज का स्थल निरीक्षण किया। बराज का निर्माण लगभग पूर्ण हो गया है। जल संसाधन मंत्री ने इसे एक सप्ताह के अंदर लोकार्पण के लिए पूरी तरह तैयार कर लेने सहित कई निर्देश दिये।

    इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए श्री संजय कुमार झा ने कहा कि इंट्रालिंकिंग ऑफ रीवर्स का कॉन्सेप्ट बिहार ने ही दिया है। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रदेश के अंदर की छोटी-छोटी नदियों को आपस में जोड़ कर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के साथ-साथ बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने के लिए जल संसाधन विभाग तत्परता से कार्य कर रहा है। इंट्रालिंकिंग ऑफ रीवर्स की परिकल्पना के तहत ही विभाग ने चंडी प्रखंड में मुहाने नदी और चिरैया नदी को लिंक चैनल के माध्यम से आपस में जोड़ कर एक-दूसरे के पानी को आवश्यकतानुसार दोनों नदियों में प्रवाहित करने की योजना तैयार की, जो अब लगभग पूरा हो गया है। इस कार्य से चंडी प्रखंड में करीब दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा पुनर्स्थापित हो सकेगी।

    उल्लेखनीय है कि चंडी प्रखंड में मुहाने नदी पर पूर्व से एक बराज निर्मित है। मुहाने नदी से करीब 1.5 किलोमीटर की दूरी पर चिरैया नदी बहती है, जिस पर पूर्व से एक चेक डैम निर्मित है, जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था। जल संसाधन विभाग ने इस चेक डैम के स्थान पर नये बराज का निर्माण कराया है, जो लगभग पूर्ण हो गया है। इसके साथ-साथ मुहाने और चिरैया नदी को जोड़ने के लिए लिंक चैनल का पुनर्स्थापन और लाइनिंग का कार्य भी कराया गया है। पईन पर आउटलेट, एकपथीय सेतु आदि का भी निर्माण कराया गया है।

    स्थल निरीक्षण के दौरान मौजूद पूर्व मंत्री श्री हरिनारायण सिंह ने बताया कि मुहाने और चिरैया नदी को जोड़ने से जहां लिंक चैनल के माध्यम से क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी, वहीं दोनों नदियों में पानी की आवश्यकतानुसार उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।

    इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के कई वरीय अधिकारी एवं अभियंता मौजूद थे।

  • हरनौत प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन

    प्रखंड का सहकारिता पदाधिकारी का विदाई समारोह आज किया गया इस दौरान प्रखंड के सभी पैक्स अध्यक्ष ने पुष्पमाला अर्पित कर विदाई किया। विदाई समारोह के दौरान सहकारिता पदाधिकारी प्रेम कुमार ने भावुक दिखे उन्होंने कहा कि नालंदा ज्ञान की धरती हरनौत प्रखंड में 4 सालों तक लोगों के बीच रहकर काम करने में काफी अच्छा लगा रहा, कुछ सीखने का भी मौका मिला।

    उन्होंने बताया कि मैं दो हजार अट्ठारह में हरनौत प्रखंड परिसर में सहकारिता पदाधिकारी के रूप में बन कर आया था। इन 4 सालों में प्रखंड के सभी पैक्स अध्यक्षों ने काफी सहयोग किया इन्हीं 4 सालों में सभी पैक्स अध्यक्षों ने उतार-चढ़ाव में अपना जैसा व्यवहार किया।

    सहकारिता पदाधिकारी के विदाई समारोह में शामिल प्रखंड विकास पदाधिकारी रवि कुमार, कृषि पदाधिकारी विनय कुमार, हरनौत व्यापार मंडल सह बस्ती पैक्स अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह, देहरी पंचायत के पैक्स अध्यक्ष हिमांशु कुमार, लोहरा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष कृष्ण विजय प्रसाद के साथ-साथ पंचायत के सभी पैक्स अध्यक्ष मौजूद थे।

  • धक्कादायक ! शेतकऱ्याच्या दारात रात्रभर बिबट्याचा ठिय्या…





    धक्कादायक ! शेतकऱ्याच्या दारात रात्रभर बिबट्याचा ठिय्या… | Hello Krushi
































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  • श्रीरामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती है।

    राकेश बिहारी शर्मा – आज श्रीरामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती है। तुलसीदास के विषय में सुनते ही हमारे सामने सबसे पहले उस ग्रंथ का नाम आता है जो आज भारत के हर घर में पवित्रता के साथ रखा गया है। यह ग्रंथ आज भी पूज्यनीय है। इस ग्रंथ का नाम ‘रामचरितमानस’ है। तुलसीदास को अनेक प्रकार से हम याद कर सकते हैं भक्त के रूप में कवि के रूप में या फिर एक सामान्य मनुष्य जो गृहस्थ जीवन और सन्यास के अंतर्द्वंद में रह गया।

    कवि के रूप में इन्हें हिन्दी साहित्य के भक्तिकाल के रामभक्ति शाखा के अन्तर्गत रखा गया है।गोस्वामी तुलसीदास जी मानवीय चेतना के ऐसे प्रखर हस्ताक्षर थे जिनका सम्पूर्ण काव्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को समर्पित है।
    तुलसी काव्य खास तौर पर रामचरितमानस 450 वर्षों से देश के मूर्धन्य विद्वानों के साथ ही साधारण जनों को भी प्रभावित करता आ रहा है। रामचरितमानस की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिंदी में इसके जितने संस्करण छपे हैं, उस पर जितने शोध प्रबंध छपे हैं, जितनी टीकाएं लिखी गयी हैं, उतनी किसी अन्य काव्यकृति पर नहीं। अकेले गीता प्रेस, गोरखपुर से प्रकाशित होकर रामचरितमानस के सिर्फ मंझले साइज की बत्तीस लाख चालीस हजार प्रतियां अब तक बिक चुकी हैं।

    तुलसीदास लोकजीवन के व्याख्याता और साहित्य शिल्पी थे। उनकी रचनाओं में सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और राजनीतिक चेतना का सत्यतः विनियोग हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास भक्ति रस तथा हिन्दी और अवधि भाषा के अप्रतिम कवि थे। गोस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य और भारतीय संस्कृति के महान संत एवं काव्य-सर्जक कवि थे। सम्पूर्ण भारतवर्ष में गोस्वामी तुलसीदास के स्मरण में तुलसी जयंती मनाई जाती है।

    गोस्वामी तुलसीदास ने सगुण भक्ति की रामभक्ति धारा को ऐसा प्रवाहित किया कि वह धारा आज भी प्रवाहित हो रही है। गोस्वामी तुलसीदास ने रामभक्ति के द्वारा न केवल अपना ही जीवन कृतार्थ किया वरन सभी को श्रीराम के आदर्शों से बांधने का प्रयास किया। वाल्मीकि जी की रचना ‘रामायण’ को आधार मानकर गोस्वामी तुलसीदास ने लोक भाषा में राम कथा की रचना की। तुलसीदास का नाम स्मरण में आते ही प्रभु राम का स्वरुप भी सामने उभर आता है।

    महान कवि तुलसीदास की प्रतिभा-किरणों से न केवल हिन्दू समाज और भारत, बल्कि समस्त संसार आलोकित हो रहा है। बड़ा अफसोस है कि उसी कवि का जन्म काल विवादों के अंधकार में पड़ा हुआ है। अब तक प्राप्त शोध निष्कर्ष भी हमें निश्चितता प्रदान करने में असमर्थ दिखाई देते हैं। मूलगोसाई-चरित के तथ्यों के आधार पर डा० पीताम्बर दत्त बड़वाल और श्यामसुंदर दास तथा किसी जनश्रुति के आधार पर 1554 का ही समर्थन करते हैं। इसके पक्ष मे मूल गोसाई-चरित की निम्नांकित पंकियों का विशेष उल्लेख किया जाता है।

    तुलसीदास जी का जन्म विक्रम संवत 1554 को उत्तर प्रदेश के बाँदा ज़िला के राजापुर ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी था। तुलसीदास जी ने अपने बाल्यकाल में अनेक दुख सहे युवा होने पर इनका विवाह रत्नावली से हुआ, अपनी पत्नी रत्नावली से इन्हें अत्याधिक प्रेम था परंतु अपने इसी प्रेम के कारण उन्हें एक बार अपनी पत्नी रत्नावली की फटकार “लाज न आई आपको दौरे आएहु नाथ” ‘अस्थि चर्म मय देह यह, ता सों ऐसी प्रीति ! नेकु जो होती राम से, तो काहे भव-भीत ?’ हाड़ माँस को देह मम, तापर जितनी प्रीति।

    तिसु आधो जो राम प्रति, अवसि मिटिहि भवभीति।। ये सूना तो उनके जीवन की दिशा ही बदल दी और तुलसी जी राम जी की भक्ति में ऐसे डूबे कि उनके अनन्य भक्त बन गए। बाद में इन्होंने गुरु बाबा नरहरिदास से दीक्षा प्राप्त की। तुलसीदास जी का अधिकांश जीवन चित्रकूट, काशी और अयोध्या में व्यतीत हुआ। तुलसी दास जी अनेक स्थानों पर भ्रमण करते रहे उन्होंने अनेक कृतियों की रचना किये हैं।

    तुलसीदास जी ने रामनवमी (यानि त्रेतायुग के आधार पर राम-जन्म) के दिन प्रातःकाल ‘रामचरितमानस’ की रचना प्रारम्भ की। 966 दिन में तुलसीदास ने रामचरितमानस लिखा था। उन्होंने संवत् 1631 में रामचरित मानस लिखनी शुरू की थी। संवत् 1633 के अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर ये ग्रंथ पूरा हो गया। इस महान ग्रंथ को सम्पन्न होने में दो वर्ष, सात महीने और छब्बीस दिन का समय लगा था।

    1680 ई० में, शनिवार को “राम-राम” का उच्चारण करते हुए, तुलसीदास जी का देहावसान हो गया था। भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 1952 को, गोस्वामी तुलसीदास को महान कवि के रूप में सम्मानित करते हुए, एक डाक टिकट जारी की। तुलसीदास जी हिंदी और संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान थे, अपने जीवनकाल में उन्होंने अनेक ग्रंथों की रचना की थी।

    तुलसीदास जी रचित श्री रामचरितमानस को बहुत भक्तिभाव से पढ़ा जाता है, रामचरितमानस जिसमें तुलसीदास जी ने भगवान राम के चरित्र का अत्यंत मनोहर एवं भक्तिपूर्ण चित्रण किया है। दोहावली में तुलसीदास जी ने दोहा और सोरठा का उपयोग करते हुए अत्यंत भावप्रधान एवं नैतिक बातों को बताया है। कवितावली इसमें श्री राम के इतिहास का वर्णन कवित्त, चौपाई, सवैया आदि छंदों में किया गया है।

    श्रीरामचरितमानस के जैसे ही कवितावली में सात काण्ड मौजूद हैं। गीतावली सात काण्डों वाली एक और रचना है जिसमें में श्री रामचन्द्र जी की कृपालुता का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त विनय पत्रिका कृष्ण गीतावली तथा बरवै रामायण, हनुमान बाहुक, रामलला नहछू, जानकी मंगल, रामज्ञा प्रश्न और संकट मोचन जैसी कृत्तियों को रचा जो तुलसीदास जी की छोटी रचनाएँ रहीं। रामचरितमानस के बाद हनुमान चालीसा तुलसीदास जी की अत्यन्त लोकप्रिय साहित्य रचना है।

    जिसे सभी भक्त बहुत भक्ति भाव के साथ गाते और सुनते हैं। तुलसीदास जी ने उस समय में समाज में फैली अनेक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया अपनी रचनाओं द्वारा उन्होंने विधर्मी बातों, पंथवाद और सामाज में उत्पन्न बुराईयों की आलोचना की उन्होंने साकार उपासना, गो-ब्राह्मण रक्षा, सगुणवाद एवं प्राचीन संस्कृति के सम्मान को उपर उठाने का प्रयास किया वह रामराज्य की परिकल्पना करते थे।

    आज भी भारत के कोने-कोने में रामलीलाओं का मंचन होता है तथा देश के कोने कोने में रामचरित मानस और उनके निर्मित ग्रंथों का पाठ किया जाता है। तुलसीदास जी ने अपना अंतिम समय काशी में व्यतित किया और वहीं विख्यात अस्सी घाट पर 126 वर्ष की अवस्था में संवत् 1680 श्रावण शुक्ल सप्तमी, शनिवार को अपने प्रभु श्रीराम जी के नाम का स्मरण करते हुए तुलसीदास ने अपना शहरी त्याग दिया।

  • Attack Of Lumpy Skin Disease In Gujrat And Rajasthan





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