Month: August 2022

  • राज्य के 95% विद्यालय बिना एच.एम के नहीं रहने प्रशासनिक कार्यों

    सरकार की उदासीनता व विभाग की लापरवाही के कारण राज्य के 95% विद्यालय बिना एच एम के हैं। एच.एम के नहीं रहने से विद्यालय के प्रशासनिक कार्यों में पड़ता है व्यापक असर, गुणवत्तायुक्त शिक्षा भी होती है प्रभावित, अतएव सत्तासीन सरकार राज्य के विद्यालयों में शीघ्र एच.एम की बहाली सुनिश्चित करें। उक्त बातें नवनियुक्त माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष डॉ गणेश शंकर पाण्डेय ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा।

    उन्होंने कहा कि हेडमास्टर नियुक्ति नियमावली के तहत पचास फीसदी पद बीपीएससी परीक्षा के आधार पर तथा पचास फीसदी प्रोन्नति के आधार पर एच.एम की नियुक्ति होनी थी परन्तु उस नियम का अनुपालन विभाग द्वारा नहीं किए जाने के कारण एच.एम नियुक्ति का मामला आज तक लंबित है।

    उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वर्षों बाद हेडमास्टर पद के लिए बीपीएससी के माध्यम से जो परीक्षा आयोजित कराई गई, उसमें भी सरकार की गलत मानसिकता उजागर हो गया। क्योंकि प्रश्न की उत्कृष्टता सिविल सर्विसेज लेवल की और निगेटिव मार्किंग के थे ।उन्होंने कहा कि एच एम की परीक्षा में पहली बार प्रत्येक प्रश्न के पांच विकल्प थे जिसमें अंतिम विकल्प इनमें से कोई नहीं था,जो परीक्षार्थियों के लिए उलझन बना हुआ था, साथ ही साथ नई शिक्षा नीति -2020 से एक भी प्रश्न नहीं पूछा गया था जबकि प्रत्येक विद्यालय में आनेवाले बर्ष में इसे लागू करना अनिवार्य होगा।

    आश्चर्य की बात तो यह है कि एच.एम के लिए आयोजित परीक्षा में एच.एम के कार्यों एवं चुनौतियों से संबंधित एक भी प्रश्न को शामिल नहीं किया गया था। इससे सरकार की कुत्सित मानसिकता दिखती है। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सरकार ने जानबूझ कर ऐसा प्रश्न पत्र ही उपलब्ध करवाया कि अधिकतर शिक्षक पास हीं ना करें जिससे समाज उनके योग्यता पर सवालिया निशान लगा सके और उनकी बनी बनाई छवि समाज में धूमिल हो ।

    उन्होंने कहा कि 150 के अंक में विद्यालय प्रशासन से संबंधित एक भी प्रश्न नहीं, कार्य अनुभव से संबन्धित एक भी प्रश्न नहीं। जबकि विद्यालय संचालन के लिए बहुत विषयक जानकारी की आवश्यकता नहीं होती है। विद्यालय प्रशासन और कार्य अनुभव की नितांत आवश्यकता होती है। लेकिन सरकार ने अपने गलत मनोनुकूल कार्य को पूरी कर एच.एम की परीक्षा को हीं विवादास्पद बना दिया। फलस्वरूप अपेक्षा से बहुत कम शिक्षक परीक्षा उत्तीर्ण हुए।एक तरफ उन्होंने चेतावनी भरी लहजे में कहा कि यदि सरकार की यही गलत मंशा व रवैया रही तो आगामी पचास साल में भी सूबे के सभी विद्यालयों को एच.एम नहीं मिल सकेगा।

    वहीं दूसरी तरफ उन्होंने सरकार से विनम्र अनुरोध व अपील करते हुए कहा कि एच एम नियुक्ति की पूर्व निर्धारित नियमावली के अनुरूप पदोन्नति से पचास फीसदी एच.एम की नियुक्ति यथाशीघ्र करें ताकि विद्यालय स्तर पर गुणवत्तायुक्त शिक्षा को ईमानदारी व मजबूती से उतारा जा सके।
    उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सूबे के विद्यालयों का संचालन वरीय सहायक शिक्षक प्रभारी के रूप में जबरन कर रहे हैं। क्योंकि सरकार व सरकारी तंत्र द्वारा प्रभारी कार्य के बदले में तनाव के अलावा उन्हें कुछ भी अतिरिक्त परिश्रमिक नहीं दिया जाता है।

    उन्होंने कहा कि जिस राज्य का 95% विद्यालय एच.एम रहित हो और उस राज्य का शिक्षा मंत्री आउट पुट की अपेक्षा रखता हो हास्यास्पद प्रतीत होता है वावजूद सूबे बिहार के मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट के रिजल्ट हीं हमारा आउटपुट है इसके आधार पर सरकार हमे शीघ्र हमारा वाजिब हक समान वेतन दें ।

    उन्होंने कहा कि प्रभारी का पद कुछ समय के लिए काम चलाऊ व्यवस्था के तहत होता है, यहां तो लोग पांच और दस सालों से काम चलाऊ व्यवस्था के तहत प्रभारी बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि काम चलाऊ व्यवस्था के तहत प्रभारी बनने वालों को विद्यालय संचालन में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है फलस्वरूप वैसे प्रभारी एच.एम अपने कार्य व दायित्व के प्रति उदासीन हो जाते हैं ।

    जिससे विद्यालय का शैक्षणिक व प्रशासनिक वातावरण विषाक्त होता जा रहा है और मिशन गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रभावित हो रही है। इसीलिए राज्य सरकार यथाशीघ्र सूबे बिहार के विद्यालयों में परीक्षा के अलावे प्रोन्नति के आधार पर भी पचास फीसदी एच.एम पद की नियुक्ति कर सूबे की शिक्षा व्यवस्था को और सशक्त व सुदृढ़ बनाएं।

  • PM मोदी के खिलाफ सबको एकजुट करने बिहार पहुंचे KCR, CM नीतीश से मिले, लालू यादव से भी मुलाकात?

    लाइव सिटीज पटना: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव 2020 में गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के परिवारों को और हैदराबाद हादसे के पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए आज बिहार की राजधानी पटना पहुंचे. केसीआर ने गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार के सपूतों एवं हैदराबाद दुर्घटना में मृतकों के भावपूर्ण श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लिया. इस कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी शामिल हुए. इससे पहले केसीआर के पटना पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. केसीआर सीएम नीतीश और तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे. सीएम नीतीश से मुलाकात के दौरान केसीआर देश में वर्तमान और भविष्य की राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा कर सकते हैं. उम्मीद है कि दोनों नेता साल 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव के मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं.

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  • 1 सितंबर से शुरू होगी दमदार Electric Scooter की बुकिंग! सिंगल चार्ज में दौड़ेगी 180Km..


    डेस्क : देश की अग्रणी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी Ola Electric 1 सितंबर से एक बार फिर से अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर Ola S1 Pro की बुकिंग शुरू करने जा रही है। हाल ही में कंपनी ने अपने सबसे सस्ते स्कूटर Ola S1 को नए अवतार में बाजार में उतारा है। S1 मॉडल की कीमत जहां 99,999 रुपये से शुरू होती है, वहीं S1 Pro मॉडल की कीमत 1,39,999 रुपये (एक्स-शोरूम) है। माना जा रहा है कि कंपनी इस स्कूटर की डिलीवरी 15 सितंबर से शुरू कर सकती है।

    ग्राहक हाल ही में लॉन्च हुए बेस मॉडल Ola S1 को 31 अगस्त तक बुक कर सकते हैं, जिसके बाद बुकिंग विंडो बंद हो जाती है। कंपनी 1 सितंबर से ओला एस1 प्रो मॉडल के लिए बुकिंग विंडो खोलेगी। स्कूटर को आप कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट और स्मार्टफोन ऐप के जरिए बुक कर सकते हैं। इसके लिए बुकिंग राशि के रूप में केवल 499 रुपये जमा करने की आवश्यकता है।

    दो मॉडलों में क्या अंतर है :

    दो मॉडलों में क्या अंतर है : Ola S1 Pro इलेक्ट्रिक स्कूटर 4 kWh लिथियम-आयन बैटरी पैक द्वारा संचालित है और इसकी ARAI-प्रमाणित राइडिंग रेंज 181 किमी प्रति चार्ज है। इसमें चार राइडिंग मोड भी मिलते हैं: इको, नॉर्मल, स्पोर्ट्स और हाइपर मोड। इलेक्ट्रिक स्कूटर एक हाइपरड्राइव इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होता है जो 8.5 kW (11.3 bhp) का पावर आउटपुट और 58 Nm का टार्क पैदा करता है।

    Ola S1 इलेक्ट्रिक स्कूटर को लेकर कंपनी का दावा है कि यह स्कूटर सिंगल चार्ज पर 131 किमी (ARAI सर्टिफाइड) की रेंज ऑफर करता है। इसके अलावा, स्कूटर कई अलग-अलग ड्राइविंग मोड से लैस है, जिसके अनुसार रेंज अलग-अलग होगी। स्कूटर ईको मोड में 128 किमी, सामान्य मोड में 101 किमी और स्पोर्ट मोड में 90 किमी की ड्राइविंग रेंज प्रदान करता है। इसकी टॉप स्पीड भी 95 किमी प्रति घंटा है। इलेक्ट्रिक स्कूटर में 3kWh का बैटरी पैक शामिल है और इसमें S1 Pro मॉडल जैसा ही मूव OS भी मिलता है।

    अन्य खबरों की बात करें तो Ola ने 15 अगस्त को एक वर्चुअल इवेंट के दौरान अपना बेस वेरिएंट Ola S1 लॉन्च किया था। इवेंट के दौरान कंपनी ने अपनी नई अपकमिंग इलेक्ट्रिक कार का भी ऐलान किया। कंपनी के मुताबिक यह देश की सबसे तेज इलेक्ट्रिक कार होगी। ओला की पहली इलेक्ट्रिक कार एक बार चार्ज करने पर 500 किमी से अधिक की ड्राइविंग रेंज प्रदान करती है। कार को बाजार में बिक्री के लिए पेश किया जाएगा जैसा कि टीजर वीडियो में दिखाया गया है, यह एक सेडान कार होगी।

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  • कृषी विभाग कापूस मूल्य साखळी विकास व उत्पादकता वाढ प्रकल्पाअंतर्गत प्रशिक्षण शिबिर

    हॅलो कृषी ऑनलाईन : परभणी प्रतिनिधी

    कृषी विभागाच्या कापूस मूल्य साखळी विकास व उत्पादकता वाढ प्रकल्पाअंतर्गत पाथरी तालुक्यातील वडी येथे 30 ऑगस्ट रोजी शेतकरी प्रशिक्षण शिबिराचे आयोजन करण्यात आले होते.

    या प्रशिक्षणासाठी वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषी विद्यापीठाचे शास्त्रज्ञ कीटक शास्त्रज्ञ डॉ . पी . आर . झंवर उपस्थित होते. याप्रसंगी पाथरी तालुका कृषी अधिकारी व्ही .एस . नांदे ,डॉक्टर एस एस शिंदे , कृषी पर्यवेक्षक बी यु शिंदे ,कृषी सहाय्यक एस डी चव्हाण यांची उपस्थिती होती. यावेळी बोलताना डॉक्टर झंवर म्हणाले की ,शेतकऱ्यांना नेहमी भेडसावणाऱ्या कापूस पिकावरील बोंड आळी संदर्भात कामगंध सापळे योग्य पद्धतीने लावल्यानंतर त्याचा शेतकऱ्यांना निश्चित फायदा होतो.

    यावेळी नांदेड कृषी अधिकारी नांदे यांनी कापूस मूल्य साखळी साठी उपस्थित शेतकऱ्यांना महत्त्व विशद करून सांगितले .या कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन केले यांनी तर कार्यक्रम यशस्वीतेसाठी रामदास कुटे , सुरेश कुटे , प्रवीण शिंदे ,प्रताप शिंदे आदींनी परिश्रम घेतले .

  • पटना हाईकोर्ट ने झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार – I पर किये गए कथित आक्रमण और मारपीट के मामले की सुनवाई की

    जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि दर्ज एफआईआर के सम्बंधित कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश किया जा चुका हैं।कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए 5 सितम्बर,2022 तक सम्बंधित कोर्ट को अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया।

    साथ ही निचली अदालतों में जजों की सुरक्षा पर विचार करने के लिए चीफ जस्टिस से एक कमिटी गठित करने का आग्रह किया गया है।

    पिछली सुनवाई कोर्ट को बताया गया था कि डी जी पी, बिहार ने ए डी जे अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर प्राथमिकी के कार्रवाई पर रोक लगा दिया था।

    पिछली सुनवाई में ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर एफ आई आर वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।

    पूर्व की सुनवाई में एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि ये गलत ढंग से समझने के कारण ए डी जे अविनाश कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया।इसे वापस लेने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी

    सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किसी न्यायिक पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के पहले चीफ जस्टिस की अनुमति जरुरी होती हैं।इस मामलें में इस प्रक्रिया का पालन गलतफहमी में नहीं किया जा सका।

    PatnaHighCourt
    #PatnaHighCourt

    कोर्ट ने इस मामले मे सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था।उल्लेखनीय है कि मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा 18 नवंबर, 2021 को भेजे गए पत्र पर हाई कोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया था।

    साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डी जी पी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था।

    मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2021 को सुनवाई की थी।

    ज़िला जज ,मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एस एच ओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली दिया था।

    उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार करने और हाथापाई किया था। इतना ही नहीं, दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट किया है।साथ ही अपना सर्विस रिवॉल्वर भी निकाल लिया।

    इस मामलें में पुलिसकर्मियो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया।पुलिस ने भी जज के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दिया,लेकिन इसमें प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।

    इस मामलें पर अगली सुनवाई सुनवाई ,7 सितम्बर,2022 को होगी।

  • विपक्ष पर ही CBI रेड क्यों?, BJP के MP और हजार से अधिक विधायकों पर आज तक कोई रेड क्यों नहीं: तेजस्वी यादव

    लाइव सिटीज पटना: सीबीआई रेड को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार जांच एजेंसियां का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने जांच एजेंसियों और केंद्र सरकार से पूछा है कि सीबीआई की रेड विपक्ष पर ही क्यों बीजेपी के नेताओं पर आज तक कोई रेड क्यों नहीं हुई. तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जांच एजेंसियां केवल व केवल विपक्ष शासित राज्य और वहां के नेताओं पर छापे मारकर अपने राजनीतिक मालिकों को प्रसन्न करने की कोशिश करती है. बीते दिनों आरजेडी नेताओं के यहां हुई रेड को लेकर तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार और सीबीआई पर जमकर निशाना साधा था.

    तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि जांच एजेंसियां केवल व केवल विपक्ष शासित राज्य और वहां के नेताओं पर छापे मारकर अपने राजनीतिक मालिकों को प्रसन्न करने की कोशिश करती है. BJP के लगभग 300 से ऊपर MP और 1000 से अधिक विधायकों पर इन एजेंसियों द्वारा आज तक कोई रेड नहीं पड़ी. इसलिए इनके Political Character से हमारा विरोध है. उन्होंने आगे लिखा है कि केंद्र सरकार ने बीते 8 वर्ष में जांच एजेंसियों को राजनीतिक प्रतिशोध का एक उपकरण बना दिया है. 8 साल पूर्व देशवासियों ने इनकी इंटेग्रिटी व कार्यप्रणाली पर इस तरह के सवाल कभी नहीं उठाए थे. अभी हमारा CBI से विरोध Institution से नहीं बल्कि इनकी राजनीति से प्रेरित कार्यप्रणाली से है.

    डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि एजेंसी के अधिकारियों से हमारा न कभी विरोध था और ना है. हम जानते है कि ये आदेश का अनुपालन कर रहे है. लेकिन CBI का इस्तेमाल राजनीतिक instrument की तरह जो हो रहा है उसका हम विरोध करते रहेंगे. हमारे यहां संविधान को मानने वाली न्यायप्रिय समाजवादी सरकार है जहां हर कोई सुरक्षित है. वहीं तेजस्वी यादब एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि बीते 8 वर्षों में विपक्ष के कई नेताओं पर इसी IT/ED/CBI के माध्यम से छापे पड़े. ढेर सारे आरोप तय हुए, गोदी मीडिया के माध्यम से चरित्रहनन हुआ लेकिन जैसे ही उन कथित भ्रष्ट विपक्षी नेताओं ने बीजेपी ज्वॉइन किया वो पवित्रता का प्रमाण पत्र पा गए. कोई मंत्री बन गया तो कोई मुख्यमंत्री बन गया.

    बता दें कि बीते दिनों आरजेडी नेताओं के यहां हुई रेड को लेकर तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार और सीबीआई पर जमकर निशाना साधा था. तेजस्वी ने जांच एजेंसियों को सरकार का दामाद बताया था. वहीं जदयू की ओर से सीबीआई और मोदी सरकार पर हमला किया गया था. वहीं हाल ही में खबर आयी कि बिहार में सीबीआई जांच के लिए सरकार की अनुमति लेने के नियम लागू करने की बात हो रही है. आरजेडी नेता ने दावा किया था कि नीतीश कुमार की सरकार बिहार में सीबीआई मंजूरी पर विचार करने वाली है. जिसके बाद बिहार में सीबीआई को जांच करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी है. हालांकि जेडीयू ने आरजेडी के बयान से अलग बयान दिया था और कहा था सरकार में इस तरह की कोई चर्चा नहीं है.

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  • Gold Silver Rate : फिर सस्ता हुआ सोना-चांदी, जानिए आज क्या है सोने-चांदी का भाव..


    डॉलर इंडेक्स सोमवार को 20 सालों के नए उच्चतम स्तर 109.44 पर पहुंच गया था, जिसके बाद आज इसमें थोड़ा सुधार आया है. डॉलर इंडेक्स में करेक्शन के कारण आज डोमेस्टिक मार्केट में सोना और चांदी की कीमत पर लिमिटेड दबाव देखने को मिल रहा है.

    सुबह के 10.15 बजे MCX पर अक्टूबर डिलिवरी वाला सोना 110 रुपए की गिरावट के साथ 51140 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर बिक रहा था. दिसंबर डिलिवरी वाला सोना 148 रुपए की गिरावट के साथ 51385 रुपए प्रति दस ग्राम के स्तर पर बिक रहा था. इंटरनेशनल मार्केट में स्पॉट गोल्ड इस समय 1736.60 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर मिल रहा था.

    चांदी में 297 रुपए की गिरावट

    चांदी में 297 रुपए की गिरावट MCX पर सितंबर डिलिवरी वाली चांदी इस समय 297 रुपए की गिरावट के साथ 54032 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बिक रही थी. दिसंबर डिलिवरी वाली चांदी 270 रुपए की गिरावट के साथ 54970 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बिक रही थी. इंटरनेशनल मार्केट में स्पॉट सिल्वर 18.72 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर कारोबार कर रही थी.

    कल सोना-चांदी 1000 रुपए से ज्यादा सस्ती हुई

    कल सोना-चांदी 1000 रुपए से ज्यादा सस्ती हुई दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 365 रुपए , जबकि चांदी की कीमत में 1027 रुपए की गिरावट हुई है.. इस गिरावट के बाद सोने का भाव 51385 रुपए प्रति दस ग्राम हो गया, जबकि चांदी का भाव 55301 रुपए प्रति किलोग्राम था.

    यूरोपियन सेंट्रल बैंक इंट्रेस्ट रेट में अग्रेसिव बढ़ोतरी कर सकता है

    यूरोपियन सेंट्रल बैंक इंट्रेस्ट रेट में अग्रेसिव बढ़ोतरी कर सकता है मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट, कमोडिटी, राहुल कालंतरी ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में रिकॉर्ड हाई स्तर से आई गिरावट के कारण सोना-चांदी पर लिमिटेड असर देखने को मिल रहा है. माना जा रहा है कि यूरोपियन सेंट्रल बैंक इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी को लेकर ज्यादा अग्रेसिव रुख अपनाएगा. इससे डॉलर की तेजी पर तात्कालिक विराम लगेगा. अभी सोना और चांदी की कीमत पर दबाव बना रहेगा. वही अमेरिका में जब तक इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी जारी रहेगी, बुलियन्स की कीमत पर दबाव भी जारी रहेगा.

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  • बालू माफिया से सांठ-गांठ रखने वाले बिहार के कई DSP की सरकार ने बढ़ा दीं मुश्किलें, जानें पूरा मामला

    लाइव सिटीज पटना: बालू के अवैध खनन के मामले और बालू माफियाओं से सांठगांठ के आरोप में निलंबित किए गए बिहार के 5 डीएसपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दरअसल डीएसपी स्तर के इन निलंबित पदाधिकारियों के खिलाफ चल रही विभागीय कार्रवाई में संचालन पदाधिकारी के स्तर पर बदलाव करने का फैसला सरकार ने किया है. डीएसपी स्तर के ये सभी पदाधिकारी फिलहाल निलंबित हैं और इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है. जिन डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया गया है. उसमें डीएसपी तनवीर अहमद, पंकज कुमार रावत, अनूप कुमार, दिलीप कुमार झा और पंकज कुमार का नाम शामिल है.

    विभागीय कार्रवाई में गणेश कुमार जो पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय हैं उन्हें संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया था लेकिन अब सरकार ने पहले के फैसले में संशोधन करते हुए गणेश कुमार की जगह मुख्य विभागीय जांच आयुक्त सामान्य प्रशासन विभाग को संक्षारण पदाधिकारी नियुक्त करने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद सभी आरोपी डीएसपी स्तर के अधिकारियों को संचालित विभागीय कार्रवाई में मुख्य विभागीय जांच आयोग सामान्य प्रशासन विभाग के समक्ष अपनी सफाई देने को कहा गया है. इन सभी को विभागीय जांच के दौरान अपना पक्ष रखना होगा. ये सभी अधिकारी बालू माफिया से संबंध रखने के आरोप में तत्काल निलंबित हैं और इनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की टीम छापेमारी कर चुकी है.

    गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय के आईजी गणेश कुमार से अनुरोध किया है इन सभी निलंबित डीएसपी स्तर के पदाधिकारियों की विभागीय कार्रवाई से संबंधित और आरोप पत्र मूल रूप में मुख्य विभागीय जांच आयुक्त सामान्य प्रशासन विभाग पटना को उपलब्ध कराते हुए इसकी सूचना दी जाए. माना जा रहा है कि गृह विभाग द्वारा इस तरह का आदेश इसलिए जारी किया गया है ताकि संबंधित सभी डीएसपी स्तर के पदाधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के स्तर पर जल्द से जल्द फैसला लिया जा सके. बता दें कि सरकार ने बालू के अवैध कारोबार के खिलाफ सख्त कदम उठाया है. बालू माफिया के साथ ही उससे संबंध रखने वाले कई प्रशासनिक और पुलिस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है.

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  • Driving Licence बनाने से जुड़े नियमों में बदलाव – यहां सरकार ने किया बड़ा ऐलान…


    डेस्क : ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नियम में अब फेरबदल कर दिया गया है। दरअसल पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री स्नेहाशिस चक्रवर्ती ने बताया कि राज्य में परिवहन संबंधी सेवाएं अब ऑनलाइन होंगी। इसमें वाहनों के रजिस्ट्रेशन, लर्निंग लाइसेंस जैसी सर्विस भी शामिल है।

    परिवहन मंत्री ने यह भी बताया कि वाहनों के स्वामित्व में हुए परिवर्तन जैसी सेवाओं के लिए बिक्री कर्ता और खरीदार के साथ बातचीत अब वर्चुअल मोड में की जाएगी और इसके लिए उन्हें ऑफिस आने की भी आवश्यकता नहीं है। चक्रवर्ती ने यह भी कहा कि ये ऑनलाइन सेवाएं करीब 1 महीने में उपलब्ध हो जाएंगी।

    उन्होंने कहा कि RTO में लोगों के उत्पीड़न को खत्म करने के लिए, राज्य सरकार ने व्हीकल रजिस्ट्रेशन से लेकर लर्निंग लाइसेंस की सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने यह कहा कि इन कदमों से आम जनता और परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों दोनों को ही मदद मिलेगी।इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार 2030 तक सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक बनाने की योजना पर विचार बना रही है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में कुल 1,180 इलेक्ट्रिक बसों के चालू होने से इस योजना को बढ़ावा भी मिलेगा।

    मंत्री ने आगे यह कहा हैं कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य भर में बिजली चार्जिंग पॉइंट और CNG स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “राज्य ने TATA Motors के साथ 1,180 इलेक्ट्रिक बसों के लिए पहले ही एक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं, जो जल्द ही सामने आने लगेंगी।”

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