Month: August 2022

  • कार्तिक सिंह को कानून मंत्री से हटाए जाने पर बीजेपी का CM नीतीश पर हमला, कहा-जीरो टॉलरेंस की यह नई नीति है

    लाइव सिटीज पटना: नीतीश सरकार ने वारंट के विवादों में चल रहे कानून मंत्री कार्तिक सिंह को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. जिसको लेकर बीजेपी ने सीएम पर जमकर निशाना साधा है. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस की यह नई नीति है जिसमें वही फंसाते हैं और वही बचाते हैं. उन्होंने सीएम पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश ही हैं जो लालू, तेजस्वी, अनंत सिंह, आनंद मोहन सबको फंसाते हैं और जब यही लोग उनकी शरण में आ जाते हैं तब वही उन्हें बचाते हैं.

    मंत्री कार्तिक सिंह को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि सीएम नीतीश ने अच्छी तरीके से जानते हुए भी एक अपराधी को कानून मंत्री बनाया और अब उन्हें गन्ना विभाग दिया गया है. वहीं जो गन्ना विभाग के मंत्री थे उनको कानून मंत्री बनाया गया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह नीतीश कुमार की नई नीति है कि आप कितने भी बड़े अपराधी हों हम अगर आपको फर्जी केस से जेल भेज सकते हैं तो हम ही आपके व्यक्ति को कानून मंत्री बनाकर आपको जेल जाने से बचा सकते हैं. संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार की विधि व्यवस्था और शासन व्यवस्था जिस तरह से गिर रही है नीतीश कुमार केवल और केवल लालू यादव परिवार के आदेश पालक की भूमिका में हैं.

    दरअसल अपहरण से जुड़े एक मामले में कार्तिक सिंह पर कोर्ट में मामला चल रहा है. कोर्ट ने उन्हें मामले में जमानत नहीं दी है लेकिन 1 सितम्बर तक के लिए नो कोरसिव यानी गिरफ्तारी या किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक का आदेश दिया था. 16 अगस्त को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद यह मामला सामने आया तो विपक्ष नीतीश कुमार पर हमलावर हो गया कि उन्होंने एक फरारी आरोपी को मंत्री बना दिया और कानून मंत्री का प्रभार दे दिया. हालांकि नो कोरसिव अदालती आदेश होने की बात सामने आने पर मामला ठंडा पड़ गया.

    बता दें कि वारंट के विवादों में चल रहे कानून मंत्री कार्तिक सिंह को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. वहीं गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को कानून मंत्री की जिम्मेदारी मिली है. दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर कैबिनेट सचिवालय से आदेश भी जारी कर दिया है. दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने राज्यपाल के आदेश से अधिसूचना जारी की है. कार्तिक सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए जब कानून मंत्री बनते ही उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया था. जिस पर बीजेपी ने हमला करते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी.

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  • खुशखबरी! Bihar के 2.64 लाख शिक्षकों के वेतन के लिए 9400 करोड़ स्वीकृत..


    डेस्क : बिहार में नीतीश सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में शिक्षकों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए कैबिनेट में कुल 9400 करोड़ की राशि की स्वीकृति भी दी गयी है। इसमें बकाया वेतन भुगतान के लिए राशि भी शामिल है। इससे प्रदेश के कुल 2.64 लाख शिक्षकों को सीधे फायदा होगा।

    नए पदों पर जल्द ही होगी भर्ती :

    नए पदों पर जल्द ही होगी भर्ती : कैबिनेट मीटिंग में राज्य के ईबीसी और ओबीसी कन्या हाईस्कूल के लिए बड़ी संख्या में शिक्षक और गैर शिक्षक पोस्ट की स्वीकृति दी गई है। कन्या हाईस्कूलों में कुल 1365 पदों की स्वीकृति मिली है। इन सभी पदों पर जल्द ही भर्ती का निर्णय भी लिया गया है। नीतीश कुमार की नई गठबंधन सरकार के मंत्री कई बार यह दावा करते रहे हैं कि जल्द ही शिक्षको की भर्ती की जायेगी। हालांकि कैबिनेट मीटिंग में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक भर्ती की किसी भी तरह की कोई घोषणा नहीं की गयी है।

    पिछड़ा व अति पिछड़ा कल्याण विभाग के द्वारा संचालित कुल 39 पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय और दो उच्च विद्यालय के लिए विभिन्न कोटि के कुल 1092 टीचिंग पोस्ट एवं कुल 273 गैर-टीचिंग पोस्ट की स्वीकृति मिली हुई है। इन विद्यालयों के लिए कुल 1365 पदों के सृजन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू कर दी जाएगी। हर साल इस मद में 49 करोड़ से अधिक लागत के खर्च का बोझ पड़ेगा।

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  • बिहार: नीतीश कुमार ने बदल दिया कानून मंत्री कार्तिक सिंह का विभाग, अब मिली ये जिम्मेदारी मिली, जानें वजह

    लाइव सिटीज पटना: बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी के नेता कार्तिक सिंह का विभाग बदल गया है. वारंट के विवादों में चल रहे कानून मंत्री कार्तिक सिंह को अब गन्ना उद्योग मंत्री बनाया गया है. वहीं गन्ना उद्योग मंत्री शमीम अहमद को कानून मंत्री की जिम्मेदारी मिली है. दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर कैबिनेट सचिवालय से आदेश भी जारी कर दिया है. कार्तिक सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए जब कानून मंत्री बनते ही उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया था. जिस पर बीजेपी ने हमला करते हुए मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी.

    दोनों नए मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने राज्यपाल के आदेश से अधिसूचना जारी की है. जिसमें बताया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 166 (3) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एवं संविधान के अधीन बनी कार्यपालिका नियमावली के नियम 6 (1) एवं 7 (1) के अनुसार मुख्यमंत्री की सलाह से राज्यपाल के आदेश पर कार्तिक कुमार को विधि विभाग के स्थान पर गन्ना उद्योग विभाग एवं गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री डॉ शमीम अहमद विधि विभाग का कार्य आवंटित किया गया है.

    दरअसल कार्तिक सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए जब कानून मंत्री बनते ही उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया था. जिस पर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया था. भाजपा ने कार्तिक सिंह पर यह आरोप लगाते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी कि उनके खिलाफ 2014 के अपहरण के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट लंबित है. कार्तिक कुमार राजद कोटे से मंत्री बने हैं जो कि अनंत सिंह के काफी खास माने जाते हैं. कार्तिक कुमार राजद के एमएलसी हैं. कार्तिक कुमार पटना स्थानीय निकाय से 2022 में एमएलसी बने. मोकामा के रहने वाले कार्तिक शिक्षक भी रह चुके हैं इसकी वजह से समर्थकों के बीच ‘कार्तिकेय मास्टर’ के नाम से मशहूर हैं.

    बता दें कि कानून मंत्री बनते ही कार्तिक सिंह विवादों में आ गए थे. जिस पर बीजेपी ने जमकर निशाना साधा था और इस्त्फिए की मांग की थी. इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है तो वहीं राजद ने भी सफाई दी थी. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा था कि अपराध, भ्रष्टाचार के खिलाफ महागठबंधन सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. न बेवजह किसी को फंसाया जाएगा और न किसी दोषी को बचाया जाएगा. शक्ति यादव ने कहा था कि मंत्री कार्तिकेय कुमार दोषी पाए जाएंगे तो सरकार कार्रवाई करेगी.

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  • WhatsApp ला रहा है तगड़ा अपडेट, सबके काम का है ये फीचर, जानें पूरी डिटेल..


    WhatsApp अपने नए फीचर के साथ जल्द ही यूजर्स को चौकाने वाला है। जिसके तहत आप आप अपनी पसंदीदा भाषा में WhatsApp का इस्तेमाल कर पाएंगे। अब इस नए अपडेट में, WhatsApp प्लेटफॉर्म पर एंड्रॉइड यूजर्स के लिए भाषा बदलने का ऑप्शन ला रहा है, जो शुरुआत में कुछ ही यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा।

    वॉट्सऐप के नए फीचर ट्रैक करने वाली वेबसाइट के अनुसार, एंड्रॉइड वर्जन 2.22.19.10 के लिए वॉट्सऐप बीटा यूजर्स को वॉट्सऐप सेटिंग्स के भीतर ऐप की भाषा भी यूजर्स आसानी से बदल पायेंगे।

    रिपोर्ट में कहा गया है, “वॉट्सऐप वॉट्सऐप सेटिंग्स से ऐप की भाषा बदलने की क्षमता जारी कर रहा है और वेलकम स्क्रीन कुछ बीटा टेस्टर्स के लिए उपलब्ध है और आने वाले हफ्तों में और अधिक यूजर्स के लिए उपलब्ध हो सकती है। इसके अलावा, यूजर्स हर बार जब वॉट्सऐप को फिर से इंस्टॉल करते हैं तो ऐप की भाषा बदल सकेंगे क्योंकि इसमें एक रिडिजाइन वेलकम स्क्रीन है।”

    IOS के लिए भी जारी अपडेट

    IOS के लिए भी जारी अपडेट अपडेट के क्रम में वॉट्सऐप ने ऐप्पल डिवाइसेस के लिए एक नया बीटा अपडेट जारी किया है। जिसके बाद कंपनी ने iOS 22.18.0.72 बीटा अपडेट एक नया ग्रुप चैट लेआउट लाया है। WaBetaInfo के मुताबिक, नया “लेआउट वॉट्सऐप ग्रुप चैट में फोरम-लाइक डिस्कशन लेआउट की जगह लेगा।”

    इस समय तो वॉट्सऐप किसी भी यूजर्स के ग्रुप चैट में अन्य प्रतिभागियों की प्रोफाइल पिक्चर नहीं दिखती। पर नए अपडेट के साथ, इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप प्रतिभागियों की प्रोफाइल पिक्चर्स देखने की क्षमता लाएगा और कन्वर्सेशन “फोरम-लाइक” लेआउट में जारी रहेगी।

    मालूम हो व्हाट्सएप का ये नया फिचर टेलीग्राम, स्काइप और स्लैक जैसे अन्य सोशल मैसेजिंग ऐप में पहले से ही उपलब्ध है। अपडेट औपचारिक होने के बाद, यह ग्रुप के सदस्यों को यह पहचानने की अनुमति देगा कि ग्रुप में किसने संदेश भेजा है, वो भी उनकी प्रोफाइल पिक्चर भी दिख जायेगी। इस बारे में रिपोर्ट में कहा गया है, “यह सुविधा विकसित हो रही है, इसलिए हमें नहीं पता कि वॉट्सऐप लोगों के लिए बदलाव कब जारी करेगा।”

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  • ये है Mahindra की नई पावरफुल बुलेटप्रूफ SUV, ग्रेनेड से भी नहीं बिगड़ता कुछ, जानें – कीमत


    डेस्क : भारत में महिंद्रा की गाड़ियों की अपनी एक अलग पहचान है। जब भी मजबूत गाड़ियों के नाम लिए जाते हैं तो महिंद्रा शीर्ष पर देखा जाता है। महिंद्रा की कई गाड़ियां मार्केट में उपलब्ध है। लेकिन क्या आपको पता है कि महिंद्रा ने बुलेटप्रूफ एसयूवी भी पेश की है। इस बुलेट प्रूफ एसयूवी का नाम महिंद्रा मार्क्समैन (Mahindra Marksman SUV) है। महिंद्रा के इस एसयूवी पर गोली के अलावा ग्रेनेड का भी कोई असर नहीं होता है। इस गाड़ी में आराम से 6 लोग सफर कर सकते हैं।

    बता दें कि महिंद्रा के एसयूवी को कुछ खास लोग ही इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें अर्धसैनिक, पुलिस और रक्षा बल शामिल है। इन्हें यह गाड़ी इसलिए प्रोवाइड किया जाता है, ताकि गोली और ग्रेनेड के हमलों से बचा जा सके। इस गाड़ी के विंडस्क्रीन पर जाल लगाया गया है। इसके अलावा चारों और सुरक्षा की हर पैमाने पर खरा उतरने की कोशिश की गई है। इसकी विशेषताओं की बात करें तो इस महिंद्रा मार्क्समैन में पैसेंजर कंफर्ट के लिए 5 साइड आर्मिंग, सात फायरिंग क्रू पोर्ट, व्यू कैमरे और एलसीडी स्क्रीन दिए गए हैं। इन सुरक्षाओं के साथ इस गाड़ी को चारों ओर से सुरक्षा प्रदान किया जाता है।

    महिंद्रा के इस एसयूवी में दो इंजन के विकल्प ऑप्शन दिए गए हैं। 2.2L, m-Hawk CRDe, टर्बो चार्ज इंटरकूल्ड DI और 2.6L, टर्बो चार्ज इंटरकूल्ड DI। 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और 4WD गियरबॉक्स के रूप में उपलब्ध हैं। वाहन का वजन 3200 किलोग्राम है और इसकी शीर्ष गति 120 किमी/घंटा है। महिंद्रा के इस एसयूवी की कीमत की बात करें तो शुरुआती कीमत 25 लाख से लेकर 40 लाख रुपए तक है। इस गाड़ी को सुरक्षा के दृष्टिकोण से बनाया गया है।

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  • आखिर गाड़ियों के टायर काले रंग के ही क्यों होते हैं? आज अपना कंफ्यूजन दूर कर लीजिए..


    डेस्क : जब आप कार या बाइक की खरीदारी करने जाते हैं, तो रंग के बहुत सारे विकल्प होते हैं। कुछ को सफेद कार पसंद है, दूसरों को लाल या चांदी। लेकिन जब टायर खरीदने की बात आती है, तो ऐसा कोई विकल्प नहीं है। टायर आकार, कंपनी या शैली में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन रंग हमेशा काला होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि टायर का रंग हमेशा काला ही क्यों होता है? अन्य रंगीन टायर क्यों नहीं बनाए जाते हैं? उत्तर जानें

    टायर कभी सफेद थे

    टायर कभी सफेद थे : बहुत कम लोग जानते हैं कि करीब 125 साल पहले टायर सफेद हुआ करते थे। ऐसा टायरों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले रबर के कारण हुआ, जो दूधिया सफेद होता है। हालांकि, टायर के निर्माण में वर्तमान में अन्य सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। वास्तव में, पुराने जमाने के टायर इतने मजबूत नहीं थे कि कार के भार को संभाल सकें और सड़क पर तेजी से चल सकें।

    ऐसे में टायर की ताकत और जीवन को बढ़ाने के लिए एक मजबूत सामग्री की जरूरत थी। दूधिया सफेद सामग्री में कार्बन ब्लैक मिलाने से फर्क पड़ा। कार्बन ब्लैक टायर की लंबी उम्र और ताकत में सुधार करता है। लेकिन कार्बन ब्लैक डालने से टायर पूरी तरह से काला हो जाता है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, प्लेन रबर के टायर लगभग 8,000 किलोमीटर तक चल सकते हैं, जबकि कार्बोनेटेड रबर के टायर 100,000 किलोमीटर तक चल सकते हैं।

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  • Rakhi Sawant : मुझे सोनाली फोगट के PA पर पूरा शक था- हम 10 बार मिले और…


    डेस्क : ‘बिग बॉस 14’ की कंटेस्टेंट सोनाली फोगट का गोवा में निधन हो गया। पहले मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया था, लेकिन गोवा पुलिस के मुताबिक पार्टी के दौरान नेता को ड्रग्स दिया गया. सोनाली के परिवार ने उसके पीए सुधीर सांगवान समेत कई लोगों पर हत्या का आरोप लगाया, जिसके बाद मामला पूरी तरह उलझ गया। मामला अब भी जांच के तहत है। कई गिरफ्तारियां की गई हैं। इस बीच राखी सावंत ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। हाल ही में पापराजी से बात करते हुए उन्होंने सोनाली के बारे में कई राज खोले हैं, जो बिग बॉस में को-कंटेस्टेंट रह चुकी हैं।

    सोनाली फोगट की मौत पर राखी सावंत ने कहा, ‘देखो, जब मुझे पता चला तो मुझे लगा कि पहले दिन से ही मेरी हत्या हो गई है। सोनाली की हत्या कर दी गई है। मैंने बिग बॉस में बहुत अच्छा समय बिताया है। उसकी जान उसकी बेटी थी और जो उसका पीए (सुधीर सांगवान) था, वह टकलू, वह हमें बताती थी कि वह उससे प्यार करती है। और वह एक पीए था और वह एक दोस्त था, वह अब चला गया है, इसलिए मुझे यह कहना भी पसंद नहीं है। बहुत ग़लत। उन्हें दिल का दौरा भी नहीं पड़ा था। अब क्या है सीबीआई और पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए।

    ‘हम 10 बार मिले, उसे लगा कि मैं अपराधी हूं’ :

    ‘हम 10 बार मिले, उसे लगा कि मैं अपराधी हूं’ : इसके बाद राखी सावंत आगे कहती हैं, ‘मैंने वीडियो देखा, उसके कपड़े भी उतार दिए।’ मैं बहुत हैरान था, लेकिन मैं दुबई में था। वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करती थी। मैं आघात में था। मैं भाजपा से अनुरोध करता हूं कि उनकी हत्या करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उस टाकले (सुधीर सांगवान) ने अपनी बेटी को अनाथ कर दिया। मुझे उस पर पहले दिन से ही शक था, मैं उससे 10 बार मिल चुका हूं। जितनी बार मैंने इसे देखा, उतना ही गुस्सा आया। मैं सोनाली फोगट से पूछता था कि वह कौन हैं। “मेरा पीए कोई नहीं है और हम एक दूसरे को पसंद करते हैं,” वह कहती थी। मुझे लगा कि वह अपनी उपस्थिति के कारण अपराधी था। यह आज सच हो गया। मुझे बुरा लग रहा है।’

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  • शराब पीने वालो की निकल पड़ी! 1 सितम्बर से दिल्ली में फिर पुराने नियमों पर मिलेगी शराब


    डेस्क : राजधानी दिल्ली में एक सितंबर से पुरानी शराब नीति लागू हो जाएगी। अगर आप दिल्ली में सस्ती शराब चाहते हैं, तो आपके पास सिर्फ दो दिन हैं। दिल्ली की मौजूदा आबकारी नीति की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।दिल्ली की पुरानी आबकारी नीति के चलते 31 अगस्त के बाद निजी शराब की दुकानें बंद रहेंगी. 1 सितंबर से शराब सिर्फ सरकारी दुकानों पर ही बिकेगी। केवल 31 अगस्त तक निजी कंपनियों को लाइसेंस दिए गए थे।

    जानकारी के मुताबिक दिल्ली शराब की दुकान में फिलहाल कोई निजी दुकान नहीं है. यानी साल के अंत तक 200 और शराब की दुकानें खुल जाएंगी। पांच आउटलेट प्रीमियम होंगे जहां महंगे ब्रांड मिल सकते हैं। फिलहाल, दिल्ली की नई आबकारी नीति उनकी 31 अगस्त तक लागू रहेगी। हालांकि दिल्ली में सिर्फ 342 स्टोर ही चल रहे हैं, लेकिन दिल्ली में पुरानी शराब नीति अगले महीने 1 सितंबर से लागू हो जाएगी.आबकारी कार्यालय द्वारा 300 लाइसेंस जारी किए गए हैं। फिर, वर्ष के अंत तक, वह 31 दिसंबर को, यह संख्या बढ़कर 700 हो जाएगी।

    प्राप्त जानकारी के अनुसार नई दिल्ली नगर परिषद और दिल्ली कांट जिलों के साथ-साथ परम में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संचालन के लिए अलग से परमिट जारी किए जाएंगे. वास्तव में, यहां लगभग कोई शराब की दुकान नहीं है। इसके अलावा दिल्ली के आबकारी विभाग ने खुदरा विक्रेताओं को स्पिरिट सप्लाई करने के लिए एक थोक व्यापारी को पंजीकृत किया है।

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  • NPS : महज ₹400 खर्च कर हर महीने 1.78 लाख पाने की ट्रिक, जानें डिटेल..


    डेस्क : नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। यह पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा संचालित है। यह एक सरकार समर्थित योजना है, जो सरकारी, निजी और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक निवेश योजना के रूप में काम करती है। एनपीएस निवेशकों को नियमित पेंशन खातों में निवेश करने की अनुमति देता है। यहां मैं समझाऊंगा कि कैसे आप एनपीएस में हर महीने केवल 12,000 रुपये जमा करके 1.78 लाख रुपये मासिक प्राप्त कर सकते हैं।

    जहां पैसा लगाया जाता है :

    जहां पैसा लगाया जाता है : इस योजना के तहत, व्यक्तिगत बचत को पेंशन फंड में जमा किया जाता है जिसे पीएफआरडीए द्वारा सरकारी बॉन्ड, बिल, कॉर्पोरेट डिबेंचर और शेयरों में निवेश किया जाता है। निवेश पर प्रतिफल के आधार पर, आप जो योगदान करते हैं वह साल-दर-साल बढ़ता जाता है। एनपीएस खाता खोलते समय खाताधारक को दो विकल्प दिए जाते हैं- एक्टिव और ऑटो मोड। इसके अलावा, खाताधारकों के पास यह चुनने का भी विकल्प होता है कि वे वार्षिकी के लिए कितनी परिपक्वता राशि का निवेश करना चाहते हैं। वार्षिकी खरीदने का यह प्रतिशत निर्धारित करता है कि आपको कितनी पेंशन मिलेगी।

    वार्षिकी के लिए नियम :

    वार्षिकी के लिए नियम : NPS के नियमों के अनुसार एनपीएस की शुद्ध परिपक्वता राशि के कम से कम 40 प्रतिशत के साथ वार्षिकियां खरीदी जानी चाहिए। हालांकि, अगर कोई इस लिमिट को बढ़ाना चाहता है तो इसकी कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है। कोई व्यक्ति अपनी एनपीएस परिपक्वता राशि के 100% का उपयोग करके वार्षिकी भी खरीद सकता है। उच्च मासिक पेंशन पाने के लिए एनपीएस एक अच्छा निवेश विकल्प है। टैक्स और निवेश विशेषज्ञों के मुताबिक, कम जोखिम वाले निवेशक भी अपने एनपीएस खातों में 12,000 रुपये प्रति माह निवेश करके 1.78 लाख रुपये की मासिक आय अर्जित कर सकते हैं। यदि एनपीएस क्लाइंट सेवानिवृत्ति के बाद अपनी मासिक आय बढ़ाने के लिए एसडब्ल्यूपी (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) का उपयोग करता है, तो यह पेंशन उपलब्ध हो जाएगी।

    पूरा गुणन गणित सीखें :

    पूरा गुणन गणित सीखें : यदि कोई निवेशक 60:40 के अनुपात में इक्विटी-ऋण एक्सपोजर के साथ 30 वर्षों के लिए अपने एनपीएस खाते में प्रति माह 12,000 रुपये का निवेश करता है और अपने निवेश पर 10% रिटर्न मानकर शुद्ध एनपीएस परिपक्वता राशि का 40 प्रतिशत वार्षिकी खरीदता है। उन्हें 1,64,11,142 रुपये की एकमुश्त राशि और 54,7 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी, उन्हें वार्षिकी के रूप में कम से कम 6% वार्षिक रिटर्न मिलेगा।

    8% रिटर्न पर 1.23 लाख :

    8% रिटर्न पर 1.23 लाख : SWP में 25 साल के लिए 1.64 करोड़ रुपये का निवेश करने से एनपीएस निवेशकों को सालाना 8 फीसदी के एसडब्ल्यूपी रिटर्न के साथ 25 साल के लिए 1,23,560 रुपये प्रति माह मिलेगा। है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई व्यक्ति अपने एनपीएस खाते में 30 साल के लिए 50:50 के इक्विटी ऋण जोखिम अनुपात के साथ प्रति माह 12,000 रुपये का निवेश करता है, तो उसे प्रति माह लगभग 1.70 लाख रुपये मिलेंगे। इसमें से एन्युटी रिटर्न 68,330 रुपये और एसडब्ल्यूपी को 1.02 लाख रुपये मिलेंगे।

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  • क्या आप जानते हैं ₹47,000 में लॉन्च हुई थी Maruti 800? इंदिरा गांधी ने सौंपी थी पहले ग्राहक को चाबी..


    डेस्क : मारुति 800 घरेलू बाजार में कंपनी द्वारा पेश की गई पहली कार थी। कार के पहले ग्राहक दिल्ली के रहने वाले हरपाल सिंह थे, जिन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चाबियां सौंपी थीं। उस समय देश को स्वतंत्र हुए लगभग 36 वर्ष हो गए थे, ‘भारत’ अपनी नींव मजबूत करते हुए खुद को तोड़ रहा था। इसी बीच 14 दिसंबर 1983 को देश की अपनी और आम आदमी की मशहूर कार मारुति 800 का जन्म हुआ, जो आज तक भारत की सबसे सफल कारों में से एक रही है।

    उस समय इसे ‘लोगों की कार’ भी कहा जाता था क्योंकि यह हर आम भारतीय के कार रखने के सपने को पूरा करने के लिए आई थी। उस समय भारत में पहली बार मारुति सुजुकी 800 को महज 47,500 रुपये की कीमत पर लॉन्च किया गया था। इस बात को आज 39 साल हो गए, लेकिन लोगों के दिलों में इस कार के लिए आज भी वही प्यार है.

    भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने आज गुड़गांव में मारुति कारखाने का उद्घाटन किया और दावा किया कि हर 800 मिनट में एक नई कार तैयार की जाती है। यानी हर 13 घंटे में एक नई मारुति 800 का उत्पादन हो रहा था, जो आज की तुलना में बहुत कम है, लेकिन यह उस समय के लिए बहुत अच्छा था।

    हरपाल सिंह को इंदिरा गांधी ने सौंपी चाबियां-:

    हरपाल सिंह को इंदिरा गांधी ने सौंपी चाबियां-: जब कार लॉन्च हुई, तो दिल्ली के हरपाल सिंह देश के पहले मारुति 800 ग्राहक बने। इस कार को खरीदने से पहले हरपाल सिर्फ एक आम आदमी था, लेकिन जिस दिन वह अपनी पहली मारुति 800 की डिलीवरी लेने वाला था, 14 दिसंबर, 1983, वह अचानक शहर में चर्चा का विषय बन गया। क्योंकि वह न केवल कार के पहले ग्राहक थे, बल्कि खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कार की चाबियां भी सौंपी थीं। देश की पहली मारुति 800 का रजिस्ट्रेशन नंबर (DIA 6479) था।

    समय के साथ, कंपनी ने लगभग 15 प्रतिशत इकाइयों को वातानुकूलित डीलक्स कारों में बदलने का फैसला किया, जिनकी कीमत उस समय 70,000 रुपये से शुरू होती थी। जब मारुति 800 को पहली बार पेश किया गया था, तो कंपनी ने दावा किया था कि कार 25.95 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती है, हालांकि उस दौरान कार को केवल 50 किमी प्रति घंटे की गति से चलाया जाना चाहिए था।

    कंपनी ने दूसरे सेगमेंट में प्रवेश किया :

    कंपनी ने दूसरे सेगमेंट में प्रवेश किया : मारुति 800 के लॉन्च के बाद, कंपनी ने अलग-अलग सेगमेंट में प्रवेश करने का फैसला किया और इसकी शुरुआत 1984 में ओमनी मिनीवैन और 1985 में देश के प्रसिद्ध ऑफ-रोडर जिप्सी के लॉन्च के साथ हुई। कुछ साल बाद, 1990 में, मारुति सुजुकी ने अपनी पहली सेडान कार लॉन्च हुई, जिसे मारुति 1000 कहा गया। बाद में 1994 में, कार का एक नया रूप पेश किया गया, जिसे एस्टीम के नाम से जाना जाता है, जिसने मूल रूप से भारत में सेडान की नींव रखी। एस्टीम के बाद, मारुति सुजुकी ने वर्ष 1993 में प्रीमियम हैचबैक ज़ेन लॉन्च किया और मॉडल काफी लोकप्रिय हो गया।

    ऑल्टो और मारुति की चमक :

    ऑल्टो और मारुति की चमक : 21वीं सदी के मोड़ के साथ, मारुति सुजुकी ने ऑल्टो के रूप में एक और शानदार कार लॉन्च की, जो एक किफायती पारिवारिक हैचबैक कार थी। मारुति ऑल्टो को पहली बार भारतीय बाजार में 27 सितंबर 2000 को लॉन्च किया गया था, हालांकि 1994 से मारुति सुजुकी जेन को भारत से यूरोप में निर्यात करने के लिए ऑल्टो नेमप्लेट का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा था। लेकिन कहानी जिसमें इस किफायती हैचबैक कार ने लिखा है भारतीय ऑटो यह सेक्टर 22 साल बाद भी बदस्तूर जारी है और देश आज अगली पीढ़ी की मारुति ऑल्टो के10 का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

    ऑल्टो ने घरेलू बाजार में कंपनी के पैर जमाने को वह ताकत दी, जिसे मारुति सुजुकी ने कई नए मॉडल पेश करके बनाया है। पांच साल बाद, 2005 में, मारुति स्विफ्ट को पहली बार स्पोर्टी लुकिंग और लाइफस्टाइल हैचबैक के रूप में लॉन्च किया गया था। कार ने ब्रांड को युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय बना दिया, अब तक कंपनी की छवि केवल सस्ती और बजट कारों के निर्माण तक ही सीमित थी, लेकिन मारुति स्विफ्ट ने साबित कर दिया कि मारुति पूरी तरह से बाजार को बदलने के लिए उत्सुक है। , और इस उद्देश्य के लिए नई…

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