Month: December 2022

  • सत्य कोचिंग सेंटर अपने वार्षिकोत्सव महोत्सव समारोह

    पिछले 13 सालों से लगातार सत्यप्रभा कोचिंग सेंटर अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर हमेशा लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बना है। लोगों के प्यार और विश्वास के कारण ही लगातार 13 सालों से प्रभासत्य कोचिंग सेंटर अपने वार्षिकोत्सव महोत्सव समारोह को भी मनने का काम कर रहा है। शनिवार को रेलवे गुमटी के निकट बिहार रोड एकंगरसराय में सत्यप्रभा कोचिंग सेंटर के वार्षिकोत्सव समारोह के मौके पर इस्लामपुर विधानसभा के पूर्व विधायक चंद्रसेन ज़िला परिषद अध्यक्षा पिंकी कुमारी उपाध्यक्ष अनुराधा देवी के अलावे जदयू नेता ई राजन कुमार जिला पार्षद गायत्री देवी एवं उमा देवी की मौजूदगी में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

    इस कार्यक्रम के मौके पर सत्यप्रभा कोचिंग सेंटर के छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर पूर्व विधायक चंद्रसेन ने कहा कि सत्यप्रभा कोचिंग सेंटर के संचालक एस के पांडे के नेतृत्व में लगातार 13 सालों से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का काम कर रहे हैं। पूर्व विधायक चंद्रसेन ने अभिभावकों एवं छात्र छात्राओं से अपील की जो शिक्षा के गुणवत्ता में थोड़ा बहुत कमी हुआ है उसको पूरा करने के लिए सत्यप्रभा कोचिंग सेंटर के शिक्षाबिंद एसके पांडे तैयार हैं। वही कोचिंग के संचालक एसके पांडे ने कहा कि हम अपने बच्चों को अच्छी ऊर्जा के साथ उन्हें शिक्षा देकर मंजिल तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। एसके पांडे ने कहा कि हमने लगातार एकंगरसराय प्रखंड में बच्चों में शिक्षा का अलख जगाने का काम किया है क्योंकि नालंदा जिला ज्ञान की धरती रही है।

  • अब बस करिए नीतीश जी

    कुढ़नी विधानसभा उप चुनाव को कवर करने के दौरान पटना मुजफ्फरपुर मुख्य मार्ग स्थिति तुर्की फ्लाई ओभर के नीचे से बाये एक रास्ता जाती है जो आगे पताही वाली सड़क में मिल जाती है रास्ते में बीजेपी नेता सुरेश शर्मा का मेडिकल कॉलेज भी है सड़क के किनारे दोनों तरफ कई किलोमीटर में दलित जाति के लोग झोपड़ी बनाकर रहता है संयोग ऐसा रहा है जहां कहीं भी मतदाताओं का नब्ज़ टटोलने रुकते थे थोड़ी देर में जदयू के नेता महेश्वर हजारी भी पहुंच जाते थे शायद उन्हें इन इलाकों की जिम्मेदारी दी गयी थी महेश्वर हजारी को कोई जगह मतदाताओं के गुस्से का भी शिकार होना पड़ा वो सब देखते लोगों से बात करते आगे बढ़ रहे थे ।

    इसी दौरान एक दरवाजे पर कुछ अलग तरह की भीड़ दिखाई दी गाड़ी रोका और कुछ समझने कि कोशिश कर ही रहा था कि मेरी नजर एक महिला के ऊपर पड़ जो किसी से लिपट कर जोड़ जोड़ से रो रही थी गाड़ी से उतरे और आगे बढ़ लोगों से पूछा क्या हुआ पता चला उस महिला का बेटा शराब मामले में तीन माह से जेल में बंद था और आज ही जेल से बाहर निकला है ।

    उत्सुकता बस मैं उस महिला के पास चला गया और पूछा क्या हुआ फिर उस महिला ने जो बताया सच कहिए तो मुझे नीतीश कुमार के जिद्द से नफरत हो गया उसका एक बेटा है जो दिल्ली में कमाता था दुर्गा पूजा में घर आया था ,मित्र के साथ शराब पीते पकड़ा गया पुलिस घर पर आयी सर्च के दौरान जो भी 15 से 20 हजार रुपया कमा कर लाया था वो राशी भी पुलिस वाले साथ लेकर चले गये ।                             

    घर में अकेली एक माँ बेटे को जेल से बाहर निकालने में उसके पास ससुर का दिया एक कट्ठा जमीन बेचना पड़ा और 18 हजार रुपया बेल कराने में खर्च हुआ जिसमे उक्त महिला की माने तो 10 हजार रुपया जज साहब भी लिए और 8 हजार रुपया वकील इसमें कितनी सच्चाई है कहना मुश्किल है लेकिन कोर्ट कचहरी देखने वाले इसके एक दूर के रिश्तेदार ने इसी नाम पर पैसा लिया जमीन बेचने और और पैसा के व्यवस्था में करीब तीन माह लग गया तब तक उसका बेटा जेल में ही रहा ।

    जैसे जैसे उसे भरोसा हो रहा था कि सामने वाला पत्रकार मेरी बात को लोगों तक पहुंचाएगा वैसे वैसे वो खुल रही थी सर नीतीशवा मिल जाए तो झाड़ू से मरवाई ,भूमिहरवा सब शराब बेच भी रहा है और पी भी रहा है उसको पुलिस कुछ नहीं करता गरीब सब को पकड़ पकड़ कर जेल भेज रहा है नीतीशवा देखते देखते 25 से 30 महिला पहुंच गई और फिर क्या था सर शराबबंदी कानून के लिए लड़े हम लोग और उलटे हम्ही लोगों का बेटा भतार जेल जा रहा है और शराब का काम करने वाला मस्त है सर सामने में जो घर देख रहे हैं शराब बेच कर बनाया है, तीन ट्रक चल रहा है इसका और जेल जा रहे हैं हम लोग ई बार नीतीशवा के बता देवई गरीब के मार देलक ई शराबबंदी ।            

    जहां भी गये जिस गांव में गये बस एक ही चर्चा शराबबंदी शराबबंदी बातचीत से तो ऐसा ही लगा भ्रष्टाचार और अफरशाही से जितना लोग परेशान नहीं हुआ उससे कहीं अधिक शराबबंदी कानून से आम लोग परेशान है जो हाल देखने को मिला है वो अगर वोट में परिणत हो गया तो नीतीश कुमार की सबसे बड़ी हार कुढ़नी में होगी ।

  • मुख्यमंत्री ने कोसियावां में स्वo बाबू राम नंदन प्रसाद की मूर्ति का किया अनावरण

    मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने नालंदा जिला के एकंगरसराय प्रखण्ड के कोसियावां में स्व० बाबू राम नंदन प्रसाद की मूर्ति का अनावरण किया और उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, सांसद श्री कौशलेन्द्र कुमार सहित अन्य जन प्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा एवं महाधिवक्ता श्री ललित किशोर ने भी स्व० बाबू राम नंदन प्रसाद की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी ।

    इस अवसर पर पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह, नालंदा के जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मानवजीत सिंह ढिल्लों, नालंदा के पुलिस अधीक्षक श्री अशोक मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

  • मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय की ज्वार, अरहर और सोयाबीन की किस्मों को राष्ट्रीय मान्यता; देखिए क्या हैं फीचर्स

    हैलो कृषि ऑनलाइन: वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय, परभणी ने सोयाबीन, ज्वार और अरहर नाम की तीन फसलें लगाईं। राष्ट्रीय मंजूर किया गया है। यह मंजूरी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की सेंट्रल वेरायटीज ब्रॉडकास्टिंग सब-कमेटी ने दी है।

    26 अक्टूबर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की केन्द्रीय किस्म प्रसारण उपसमिति की बैठक नई दिल्ली में श्री की अध्यक्षता में उप महानिदेशक (पिका विज्ञान) डॉ. टी.आर. शर्मा ने की। इस बैठक में तीन फसल वसंतराव नाइक मराठवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय की किस्मों को मंजूरी दी गई है।

    1) मध्य भारत के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तुरी किस्म बीडीएन-2013-2 (रेणुका)।
    2) सोयाबीन एमएयूएस-725
    3)ज्वार की फसल PBNS-154 (परभणी सुवर्णा)

    इस किस्म को राज्य द्वारा खेती के लिए अनुमोदित किया गया है। विश्वविद्यालय को हाल ही में देश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से उक्त किस्म की मान्यता के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। अतः अब इन किस्मों के बीजों को बीज उत्पादन श्रृंखला में लिया जा सकता है। शोध निदेशक ने कहा कि इससे किसानों के लिए बेहद उपयोगी आशा किस्मों के प्रसार में मदद मिलेगी. दत्ता प्रसाद वास्कर ने दिया। वैज्ञानिकों के कुलपति जिन्होंने किस्मों के विकास में योगदान दिया। इंद्रमणि और शोध निदेशक डॉ. दत्ता प्रसाद वास्कर ने बधाई दी।

    मान्यता प्राप्त भाषाओं की विशेषताएं क्या हैं?

    1) ककड़ी की बीडीएन-2013-2 (रेणुका) किस्म :

    वन विश्वविद्यालय के अंतर्गत बदनापुर स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र द्वारा तुरी की रेणुका किस्म का विकास किया गया है। इस किस्म को मध्य भारत में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रचार के लिए अनुमोदित किया गया है। इस किस्म को BSMR-736 मादा किस्म का उपयोग करते हुए अफ्रीकी दाता किस्म ICP-11488 को पार करके विकसित किया गया है। यह किस्म 165 से 170 दिनों में पक जाती है। यह मृत्यु और बंजर बीमारी के लिए भी प्रतिरोधी है। इस किस्म के 100 बीजों का वजन 11.70 ग्राम, फूलों का रंग पीला तथा फलियों का रंग हरा होता है, जबकि इस किस्म का दाना लाल होता है। इस किस्म की औसत उपज 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

    2) सोयाबीन की MAUS-725 किस्म

    अखिल भारतीय समन्वित सोयाबीन अनुसंधान परियोजना द्वारा विकसित किस्म महाराष्ट्र राज्य को जारी की गई है। यह किस्म 90 से 95 दिनों में जल्दी पक जाती है। लंबे, बड़े और गहरे हरे पत्तों वाली, फलियों की संख्या अधिक और 20 से 25 प्रतिशत चार बीज वाली फलियों वाली अर्ध-स्थिर वृद्धि वाली किस्म। बीज का आकार मध्यम और 100 बीजों का वजन 10 से 13 ग्राम होता है। यह किस्म कीटों और रोगों के लिए मध्यम प्रतिरोधी है और औसत उपज 25 से 31.50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

    3) पीबीएनएस 154 (परभणी सुवर्णा) ज्वार की फसल की किस्म

    अखिल भारतीय समन्वित ज्वार अनुसंधान परियोजना द्वारा विकसित किस्म को महाराष्ट्र राज्य के लिए प्रचारित किया गया है। यह किस्म शुष्क भूमि और बागवानी खेती के लिए उपयुक्त है और इसमें उच्च तेल सामग्री (30.90 प्रतिशत) है। यह किस्म डाइबैक और अल्टरनेरिया रोग और मावा किडीस के लिए प्रतिरोधी है। इस किस्म की प्रति हेक्टेयर उपज शुष्क भूमि में 10 से 12 क्विंटल और बागवानी में 15 से 17 क्विंटल तक होती है।

  • गर्लफ्रेंड ने दिया धोखा – बस “सोना डार्लिंग” नाम से खोल ली चाय की दुकान..


    न्यूज डेस्क: 21वीं सदी में ऐसा दौर चल रहा है जिसमें हर कोई कुछ न कुछ करना चाहता है। इसी कड़ी में कईयों ने तो एमबीए करके या फिर प्यार मपड़ के चाय की दुकान खोली ली है। ये दुकानें काफी प्रसिद्ध भी कम समय में प्रसिद्ध हो जाते हैं। लोगों को चाय की दुकान के पीछे छुपी कहानी काफी पसंद आती है। ऐसा ही कुछ मुजफ्फरपुर पुर में देखने को मिल रहा है। एक 22 वर्षीय हरिओम नाम के युवक ने चाय का स्टॉल लगाया है। इस चाय के स्टॉल का नाम देख हर कोई सोचने पर मजबूर हो जा रहा है।

    हरिओम के ग्राहक जब उनसे इस चाय दुकान के बारे में पूछते हैं तो वे बताते हैं कि जब वे इंटर में पढ़ रहे थे तब उनकी घर की माली स्थिति स्थिर नहीं थी। इसी बीच उनका एक दोस्त कम पूंजी के साथ एक चाय का दुकान लगा रखा था जिससे अच्छी खासी कमाई हो जा रही थी।

    इसे देखकर हरिओम का भी मन इसके पीछे गया और उसने भी एक चाय की दुकान लगा ली। चाय की दुकान का नाम साइंस टी स्टॉल रखने वाला था, जिससे पढ़ने वाले बच्चे यहां आकर पढ़ाई लिखाई की बातें करें। लेकिन इसी बीच हरिओम को एक लड़की से प्यार हो गया और इस प्यार के चलते उसका मिजाज बदला। फिर क्या फिर जो हुआ वह बेहद ही रोमांचक है।

    गर्लफ्रेंड छोड़ दिया तो रखा ये नाम

    गर्लफ्रेंड छोड़ दिया तो रखा ये नाम

    हरिओम को जिस लड़की से 2 साल तक प्रेम रहा। उसी के नाम पर दुकान खोल दिया। इसके बाद हरिओम चाय की दुकान खोलने की इच्छा जाहिर की तो लड़की उससे नाराज हो गई। इसके बाद सोना ने उसे छोड़ दिया। अब यहां देखिए कि हरिओम ने अपना फैसला नहीं बदला और चाय की दुकान खोला। चाय की दुकान का नाम रखा वह देखकर आप भी मुस्कुराने लगेंगे। इस चाय का दुकान अपनी गर्लफ्रेंड के नाम से रखा। इसका नाम “सोना डार्लिंग की कुल्हड़ चाय” है।

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  • वाशी एपीएमसी बाजार में संतरे की आवक बढ़ी; लेकिन किसानों को नुकसान

    हैलो कृषि ऑनलाइन: नवी मुंबई के एपीएमसी बाजार में पिछले कुछ दिनों से संतरे की आवक बढ़ गई है। नागपुर संतरा ग्राहकों द्वारा अधिक पसंद किया जा रहा है, जिससे आवक बढ़ी है। इस बीच, आवक में अचानक वृद्धि से संतरे की कीमतों में भारी गिरावट आई है। ग्राहक नागपुरी मीठे संतरे की डिमांड करते हैं। बाजार में रोजाना करीब 40 ट्रक संतरे की आवक हो रही है। जिसमें 60 फीसदी आमदनी नागपुर से हो रही है। एपीएमसी बाजार में इस समय संतरे का भाव 35 से 50 रुपये प्रति किलो है। दिसंबर के अंत तक संतरे की आवक और बढ़ने की संभावना है। वहीं किसानों को 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है।

    दूसरी ओर बांग्लादेश भारतीय संतरे पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है। इससे किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। छोटे संतरे का कोई खरीदार नहीं है, ऐसे में किसान परेशान हैं।

    संतरा किसान संकट में

    नागपुर और अमरावती संतरे के लिए प्रसिद्ध दो जिले हैं। लेकिन वर्तमान में यहां के संतरा किसान संकट में हैं। इन दोनों जिलों के किसानों को छोटे आकार के संतरों को फेंकना पड़ रहा है। क्योंकि बांग्लादेश ने भारतीय संतरे पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। नतीजतन, बांग्लादेश में अच्छी तरह से पके संतरे की आपूर्ति में भारी कमी आई है, लेकिन वे अभी भी महंगे हैं। अच्छे आकार के संतरे बिक रहे हैं, लेकिन किसान छोटे संतरे फेंक रहे हैं क्योंकि छोटे संतरे का कोई खरीदार नहीं है।

    किसानों पर संतरे फेंकने का समय आ गया है

    बांग्लादेश ने भारत से अपने देश में आयात होने वाले संतरे पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। इससे बांग्लादेश में वैदरबी संतरे की सप्लाई महंगी हो गई है और इनकी सप्लाई में भारी कमी आई है. व्यापारियों ने बताया कि विदर्भ से रोजाना 200 ट्रक संतरे बांग्लादेश जा रहे थे, अब सिर्फ 20 ट्रक संतरे बांग्लादेश जा रहे हैं. रोजाना 180 ट्रक संतरे भारतीय बाजार में प्रवेश करते हैं, तस्वीर यह है कि छोटे आकार के संतरे को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इसलिए किसान और व्यापारी फसल से निकलने वाले छोटे आकार के संतरों को सड़क किनारे फेंक रहे हैं।

  • अब 24 घंटे बंद रहेगा आपका सिम कार्ड! दूरसंचार विभाग हुआ सख्त, जानें –


    न्यूज डेस्क: देश में कई टेलीकॉम कंपनियां काम कर रही है। यह ग्राहकों को अपने अच्छे प्लान के माध्यम से अच्छी सुविधा देती है। लेकिन इन कंपनियों में सिम निकालने पर कई सारे फ्रॉड का सामना भी करना पड़ सकता है। इसी को देखते हुए दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम ग्राहकों के लिए एक नया नियम जारी किया है।

    यह नियम जिओ, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल जैसे सभी कंपनियों के लिए है। इस नए नियम के तहत सिम कार्ड 24 घंटे एक्टिवेट होने के 24 घंटे बाद तक बंद रहेगा। इससे यह मतलब है कि सिम एक्टिवेट होने के 24 घंटे तक इस सिम का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। इस कदम को बढ़ते सिम कार्ड क्राइम को रोकने के लिए किया गया है।

    इसके कई लाभ

    इसके कई लाभ

    अब दूरसंचार विभाग सिम एक्टिवेट होने के 24 घंटे के अंदर कस्टमर कस्टमर वेरिफिकेशन करेगी इसलिए चेक किया जाएगा कि नए सिम उसे अपग्रेड करने के संबंध में रिक्वेस्ट डाली गई है भी या नहीं यदि इस जांच में सफल नहीं रहा तो सिम एक्टिवेट नहीं किया जाएगा।

    वर्तमान में कस्टमर के पर्सनल इश्यू को चुराना बहुत आसान हो गया है। इसकी मदद से जालसाज नया सिम जारी करवा लेते हैं, जिसके बाद ग्राहक की जानकारी के बिना पुराना सिम बंद कर दिया जाता है। एक ही नए सिम से ओटीटी प्राप्त कर बैंकिंग फ्रॉड जैसी वारदातों को अंजाम दिया जाता है।

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  • मुख्यमंत्री ने स्वo बाबू राम नंदन प्रसाद की मूर्ति का किया अनावरण

    मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने नालंदा जिला के एकंगरसराय प्रखण्ड के कोसियावां में स्व० बाबू राम नंदन प्रसाद की मूर्ति का अनावरण किया और उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, सांसद श्री कौशलेन्द्र कुमार सहित अन्य जन प्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा एवं महाधिवक्ता श्री ललित किशोर ने भी स्व० बाबू राम नंदन प्रसाद की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी ।

    इस अवसर पर पटना के जिलाधिकारी चन्द्रशेखर सिंह, नालंदा के जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मानवजीत सिंह ढिल्लों, नालंदा के पुलिस अधीक्षक श्री अशोक मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

  • यूनिटी इंटरनेशनल स्कूल में हुआ वाद-विवाद प्रतियोगिता

    कंचनपुर स्थित यूनिटी इंटरनेशनल स्कूल में मोबाइल फोन से लाभ एवं हानि विषय पर बच्चों की एक वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें जल हाउस,अग्नि हाउस,पृथ्वी हाउस एवं वायु हाउस ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में जल हाउस टीम के बच्चों ने बाजी मारी। इस प्रतियोगिता में जल हाउस के बच्चों ने मोबाइल का प्रयोग करने से क्या फायदा होता है इसके बारे में अपनी बात रखी। वहीं वायु हाउस के बच्चों ने मोबाइल से होने वाले नुकसानों पर अपना मत रखा। यह एक चर्चा का विषय बन गया है कि स्कूलों द्वारा सेलफोन की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं। इस विषय पर जल हाउस की सुरवी शंकर का कहना है कि विद्यालय में मोबाइल लाने की अनुमति मिलनी चाहिए क्योंकि यदि छात्रों को किसी चीज की आवश्यक्ता पड़ती है तो वे इसके लिए अपने किसी जानकार को कॉल कर सकते हैं तथा जरुरत के अनुरूप उसे लाने के लिए भी कह सकते हैं. होमवर्क के मामले में भी यह बहुत उपयोगी साबित होता है. यदि स्कूल की बस या कोई अन्य परिवहन उपलब्ध नहीं है तो वे घर पर कॉल कर सकते हैं और अपने माता पिता से अपने आप को ले जाने के लिए कह सकते हैं।कभी-कभी स्कूल में अचानक छात्रों को एक्स्ट्रा क्लासेज के लिए 2-3 घंटे अतिरिक्त रुकने की जरुरत पड़ती है. ऐसी स्थिति में बच्चे अपने माता पिता को सूचित कर सकते हैं ताकि वे चिंतित न हों, वहीं वायु हाउस की आसीन आर्या ने कहा कि स्कूलों में सेलफोन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे छात्रों और शिक्षकों दोनों का पढ़ाई के दौरान ध्यान भटकता है. उदाहरण के लिए अगर कक्षा में किसी सीरियस टॉपिक पर लेक्चर हो रहा हो और किसी का फोन आता है तो इससे सारी कक्षा डिस्टर्ब होती है या फिर अगर छात्र बाहर जाता है तो वह उस टॉपिक के महत्वपूर्ण विन्दुओं को मिस कर देगा. इससे छात्र का नुकसान होगा. और कभी कभी कुछ विद्यार्थी सेल्फी लेकर इंस्टाग्राम या फेसबुक पर पोस्ट करते है जिससे मोबाइल का गलत उपयोग हो सकता है। विद्यालय के प्रधानाचार्य स्वर्ण किरण प्रसाद ने बच्चों को मोबाइल से होने वाले लाभ एवं हानि के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि आज के इस आधुनिक युग में छात्रों को न सिर्फ सेलफोन ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए बल्कि आज की उपयोगी तकनीकों के सही इस्तेमाल के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाना चाहिए सेलफोन के जरिये छात्र न्यूज़ वेबसाइटों या शैक्षिक पोर्टलों को ब्राउज़ करके अपडेटेड जानकारी हासिल कर सकते हैं.लेकिन छात्रों को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि मोबाइल का गलत इस्तेमाल न हो। इस मौके पर ज्ञानेंद्र कुमार पांडेय, सुदीप भट्टाचार्य, मोहम्मद अज़हर, ओमप्रकाश, अभिषेक सिंहा,बालमुकुंद पांडेय, कंचन कुमारी, मनोज सिंह,नीतू गुप्ता,,स्नेहा कुमारी, सोनम कुमारी,सुनीता कुमारी,नीलेश कुमार सिंह,बिंदिया कुमारी,संजीत कुमार,सूरज कुमार यादव,शैलेश कुमार, आदि मौजूद थे।

  • Soyabean Rate Today: सोयाबीन के भाव स्थिर, किसानों को क्या है विशेषज्ञों की सलाह? बाजार भाव देखें

    हैलो कृषि ऑनलाइन: महाराष्ट्र में प्याज की कीमतों में गिरावट से किसान (सोयाबीन रेट टुडे) संकट में हैं। दूसरी ओर सोयाबीन किसान भी संतुष्ट नहीं हैं। सीजन की शुरुआत में किसानों को सोयाबीन के कम दाम मिले थे। उसके बाद किसानों के लिए सोयाबीन का स्टॉक लाया गया। लेकिन इसी बीच कीमत में मामूली बढ़ोतरी हुई, जिसके बाद किसानों ने उम्मीद जताई कि भविष्य में उन्हें अच्छी कीमत मिल सकेगी. प्रदेश की कई मंडियों में इस समय सोयाबीन के भाव 1 से 2 रुपये से लेकर 10 रुपये तक मिल रहे हैं। 4,000 से 5,000 प्रति क्विंटल। इसलिए विशेषज्ञ बाजार की समीक्षा कर किसानों को सोयाबीन बेचने की सलाह दे रहे हैं।

    किसानों की परेशानी बढ़ी

    सोयाबीन के भाव को लेकर किसानों में भय का माहौल है। वहीं, देखा जा रहा है कि ज्यादातर मंडियों में सोयाबीन की आवक (सोयाबीन रेट टुडे) भी कम हो गई है। सोयाबीन महाराष्ट्र में खरीफ सीजन की नकदी फसल है। सबसे ज्यादा सोयाबीन की खेती मराठवाड़ा के किसान करते हैं। यहां के किसान सिर्फ सोयाबीन की खेती पर निर्भर हैं। ऐसे में बाजार में सोयाबीन का सही दाम नहीं मिलने से ज्यादातर किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है. इसलिए अब हम सावधानी बरत रहे हैं और बाजार में सोयाबीन की बिक्री कम हो रही है।


    बेमौसम बारिश से सोयाबीन और कपास की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। वहीं बारिश से सोयाबीन को भी नुकसान हुआ है। लिहाजा सोयाबीन के दानों में नमी के कारण सोयाबीन के भाव में तेजी आई है। इससे ज्यादातर किसानों को नुकसान हुआ है। और बाजार में कम आवक दिख रही है।

    सोयाबीन के बाजार भाव क्या हैं? (सोयाबीन रेट आज)

    बाजार समिति जाति/कॉपी आयाम आय न्यूनतम दर अधिकतम दर सामान्य दर
    03/12/2022
    औरंगाबाद क्विंटल 27 4000 5400 4700
    माजलगांव क्विंटल 641 4650 5371 5250
    फव्वारा क्विंटल 2500 5050 5395 5245
    तुलजापुर क्विंटल 165 5200 5350 5300
    रहना क्विंटल 73 4901 5391 5286
    धूल हाइब्रिड क्विंटल 4 4100 5300 5230
    सोलापुर स्थानीय क्विंटल 53 4400 5400 5185
    अमरावती स्थानीय क्विंटल 4176 5000 5290 5145
    नागपुर स्थानीय क्विंटल 873 4361 5346 5100
    हिंगोली स्थानीय क्विंटल 1005 4900 5521 5210
    अंबाद (वाडी गोदरी) स्थानीय क्विंटल 30 4500 5281 5035
    Mehkar स्थानीय क्विंटल 1630 4500 5500 5100
    वाडू सफेद क्विंटल 20 6100 6200 6150
    लातूर पीला क्विंटल 13661 5000 5945 5550
    अकोला पीला क्विंटल 2887 4600 5385 5200
    कीचड़ पीला क्विंटल 2044 4900 5400 5150
    बीड पीला क्विंटल 49 5315 5412 5376
    पैठण पीला क्विंटल 6 5000 5000 5000
    उमरेड पीला क्विंटल 2318 4000 5355 5250
    भोकरदन पीला क्विंटल 35 5200 5300 5250
    भोकर पीला क्विंटल 286 4400 5409 4905
    जिन्तुर पीला क्विंटल 157 5200 5400 5300
    मल्कापुर पीला क्विंटल 425 4500 5425 5290
    सावनेर पीला क्विंटल 30 5079 5300 5200
    शेवगाँव पीला क्विंटल 4 5000 5300 5300
    गोरे पीला क्विंटल 28 4900 5280 5090
    परतुर पीला क्विंटल 58 4851 5400 5300
    तेलहारा पीला क्विंटल 650 5000 5250 5110
    देउलगांव राजा पीला क्विंटल 22 4000 5450 5200
    नीलांगा पीला क्विंटल 380 5000 5489 5300
    मुंहासा पीला क्विंटल 530 4500 6000 5250
    उमरगा पीला क्विंटल 27 5300 5451 5400
    अष्टी-जालना पीला क्विंटल 20 5300 5365 5350
    सफेद पीला क्विंटल 80 5200 5350 5300
    उमरखेड पीला क्विंटल 130 5200 5500 5300
    उमरखेड़-डंकी पीला क्विंटल 130 5200 5500 5300
    चिमूर पीला क्विंटल 50 5400 5500 5450