पूर्णिया/सिटीहलचल न्यूज़
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय खखरेली में 6 महीने से मध्यान भोजन बाधित रहने को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर अनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कर दी है ज्ञात हो कि 3 दिन पूर्व प्राथमिक विद्यालय करेली में मध्यान भोजन बाधित रहने के कारण ग्रामीणों ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था जिसको लेकर जांच टीम गठित की गई थी, जिसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोहम्मद कैसर इमाम की लापरवाही उजागर हुए जिसके बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पूर्णिया पूर्व में अनुशासन ने की कार्रवाई की अनुशंसा जिले के उच्च पदाधिकारी को कर दी है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा किए गए अनुशंसा पर साफ तौर पर लिखा है की प्रा०वि० खखरैली में मध्याहन भोजन कार्यक्रम विगत माह जुलाई 2022 से बाधित है
इस सन्दर्भ में बीईओ पूर्णिया पूर्व ग्रामीण द्वारा कारण पृच्छा की माँग की गई थी साथ ही विद्यालय निरीक्षण कर स्थलीय समस्या से अवगत होकर तत्कालिक समस्याओं का निवारण हेतु निर्देशित किया गया था। प्रधानाध्यापक प्रा०वि०खखरेली द्वारा अनुपालन सुनिश्चित करने की दिशा में किसी भी प्रकार से सकारात्मक पहल नहीं की। अद्यावधि मध्याहन भोजन कार्यक्रम बाधित है। विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित है तथा पोषक क्षेत्र में अधिकांश आबादी गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करते हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आलोक में संचालित कार्यक्रम जो कि 06-14 आयु वर्ग बच्चों के भोजन के अधिकार से अच्छादित है, प्रधानाध्यापक के निरंकुश प्रवृत्ति स्वेच्छाचारिता एवं मनमानी रवैये के कारण भोजन के अधिकार से वंचित है। मध्याहन भोजन के आभाव में विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी प्रभावित होती है
स्पष्ट है कि प्रधानाध्यापक के लापरवाही, निरर्थक बहाना बाजी के कारण 06-14 आयु वर्ग को संविधान प्रदत्त शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। प्रधानाध्यापक द्वारा अपने नियंत्री पदाधिकारी के आदेश का अवमानना करना एवं अंससदीय शाब्दिक व्यवहार करना प्रथम दृष्टिया इनके मनमानी निरंकुश प्रवृति स्वेच्छाचारिता आदेश का अवहेलना विभागीय आदेश: निर्देश का बहानाबाजी कर धरातल में नहीं उतारा जा रहा है। आदेश निर्देश देने के पश्चात भी स० भोजन (प्र० पोषण योजना) जैसी महत्वाकाक्षी कार्यक्रम बाधित करने के कारण प्रधानाध्यापक प्रा० वि० खखरैली के विरूद्ध सख्त अनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा की जाती है।