पूर्णिया/रिंकू मिर्धा
कसबा: एक बार फिर आ ही गया वह मौसम जब बड़े बड़े वादे, नए नए वादे और अपने आप को सच्चा और ईमानदार तथा विकास को आगे बढ़ाने की सच्चे नेता चर्चा का, फिर वोट लेकर नेता जी 5 वर्षो के लिए इस तरह गायब हो जाएंगे मानो की कोई भगवान की तपस्या में हो। यह कहना है कसबा नगर परिषद के हर एक वोटर का , कहीं सड़क पर घुटने भर पानी जमा रहता है तो कही सड़को किनारे बदबूदार कचरा जिससे कई तरह की बीमारी उत्पन होने की डर लोगो को सताते रहता है
वहीं कसबा नगर परिषद के कई वोटरों ने जिसमे विनोद शर्मा, दीपक चौरसिया ऊर्फ पाटो, आरव श्री, संतोष कुमार, लाडला कुमार, मो. सीटर, मो.हसन आदि ने बताया की ना तो पानी निकासी का कोई साधन है ,ना पक्की नाले ,ना शुद्ध पेय जल की सुविधा ,ना कोई ठोस उपाय जिससे लोगो को सुविधा मिल सके। , ना यात्रियों के लिए सुलभ शौचालय ना ही रैन बसेरा ऐसे में कसबा नगर परिषद कैसे स्वच्छ और सुंदर बनेगा ,हर चुनाव में सुनने को मिलता है लेकिन कुछ देखने को नही मिल रहा है। इस बार कई दिग्गज मैदान में उतरे है देखते है ऊंट किस करवट लेती है ,साथ ही बताया जो काम करने वाला हो ,को जनता के और कसबा के लिए काम करे और युवा हो उसी को जनता वोट देगी ,उसको नही जो सिर्फ चुनाव को अपना धंधा समझता हो और चुनाव के समय नजर आता हो
वहीं कसबा नगर परिषद अंतर्गत बेगम बाड़ी गांव के लक्ष्मण दास, आलोक कुमार , सुशील दास, प्रदीप दास आदि ग्रामीणों ने बताया की यह गांव नगर परिषद मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव में करीब 3000की आबादी है और करीब 600 से 700 वोटर है, गांव तक जाने के लिए स्थाई सड़क ब गुमटी नहीं है। एक किलोमीटर की दूरी पर कसबा मुख्य बाजार रहने पर भी बरेटा गुमटी हो ग्रामीणों को जान जोखिम में डाल कर मजदूरी करने कसबा मुख बाजार आते है, जिससे 5 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है हर चुनाव में नेता आते है अच्छे अच्छे सपने दिख कर गायब हो जाते है। इस बार भी ऐसा ही होगा इसकी आशंका में यांह के ग्रामीण जी रहे है।