उत्तर भारतीयों में सरकारी नौकरी को लेकर एक अलग ही क्रेज देखने को मिलता हैं, खासकर बिहार में युवाओं की पहली कोशिश सरकारी नौकरी पाने की ही होती है। लेकिन मुजफ्फरपुर का एक ऐसा गांव हैं जहाँ आजादी के बाद से एक भी व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं हुई। लेकिन अब जब गांव के एक युवा ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा है तो गांव में जश्न का माहौल है।
हम बात कर रहें हैं मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के सोहागपुर गांव की जहाँ पहली बार किसी युवक को सरकारी नौकरी मिली है, इसको लेकर परिवार और गांव में ख़ुशी का माहौल है. आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर भी पूरे गांव में किसी को सरकारी नौकरी नही मिल पाई थी, लेकिन अब गांव के ही युवक राकेश कुमार ने इस मिथक को तोड़ दिया है और अब वो सरकारी शिक्षक बन गए है।
आपको बता दें कि यह गांव लगभग 2000 लोगों की आबादी वाला है लेकिन आज तक किसी को सरकारी सेवक बनने की सफलता हाथ नहीं लगी थी. गांव के स्वर्गीय राम लाल चौधरी के पुत्र राकेश कुमार ने अपनी सच्ची लगन और मेहनत के बदौलत मुकाम को हासिल कर दिखाया है. राकेश गांव में शिक्षा दीक्षा के बाद MCom की पढ़ाई जिला दरभंगा के यूनिवर्सिटी से किया और उसके बाद राजस्थान से B.Ed की परीक्षा पास की।
वही इस सफलता की बात सुनकर स्थानीय लोग काफी खुश हैं और गांव वालों का कहना है कि आजादी के ही बाद यह पहला लड़का है जो अपनी मेहनत और लगन के बदौलत अपने गांव का नाम रोशन किया, इससे अन्य छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी।
आपको बता दें कि राकेश कुमार की नियुक्ति मुजफ्फरपुर के जिले के तुर्की के प्राथमिक विद्यालय बरकुरवा में हुई है जहां वे अब बच्चों को शिक्षा देंगे।
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