बाबा मणिराम अखाड़ा के जीर्णोद्धार कार्य का किया गया निरीक्षण

श्री बाबा मणिराम जी अखाड़ा बिहार शरीफ जिला नालंदा बिहार राज धार्मिक न्यास परिषद के अंतर्गत निबंधित एक सार्वजनिक धार्मिक न्यास है । उक्त न्यास परिषद द्वारा गठित न्यास समिति के अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी बिहार शरीफ है। वर्तमान में न्यास समिति के द्वारा मंदिर परिसर के जीणोद्धार कार्य किया जा रहा है। उक्त कार्यों के निरीक्षण अध्यक्ष-सह- अनुमंडल पदाधिकारी बिहार शरीफ के द्वारा किया गया।

अनुमंडल पदाधिकारी श्री कुमार अनुराग के द्वारा बताया गया कि श्री बाबा मनीराम जी अखाड़ा बिहार शरीफ धार्मिक एवं संप्रदायिक दृष्टिकोण से इनकी काफी महत्ता है। लोगों के ऐसी आस्था है कि चाहे हिंदू हो या मुसलमान बाबा के दरबार में जो सच्चे दिल से मन्नत मांगते हैं। उसकी इच्छा पूर्ण होने के उपरांत सभी संप्रदाय के लोग गाजे बाजे, घोड़े हाथियों के साथ जुलूस लेकर बाबा के दरबार में माथा टेकते हैं और लंगोटा अर्पित कर प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस स्थल पर बाबा का प्राचीन अखाड़ा के साथ-साथ प्राचीन सूर्य तालाब भी आकर्षण का केंद्र है।

अखाड़ा के साथ-साथ विभिन्न प्राचीन हिंदू देवी देवताओं का भी मंदिर अवस्थित है। यहां पर एक प्राचीन शिवालय में 4 शिवलिंग एक साथ स्थापित है। परंपरागत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा के दिन से मणि राम बाबा का लंगोटा जुलूस निकाला जाता है। जो 1 सप्ताह तक चलता है। बाबा की समाधि पर प्रथम लंगोटा जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा चढ़ाया जाता है।इस हेतु प्रत्येक वर्ष की भांति जिला प्रशासन का लंगोटा जुलूस अनुमंडल कार्यालय बिहार शरीफ में अवस्थित मंदिर में पूजन उपरांत लंगोटा उठाकर संयुक्त रूप से जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी आदि बाबा मणिराम के अखाड़ा पर जाते हैं एवं उनके समाधि पर लंगोटा चढ़ाया जाता है। लंगोटा जुलूस के अवसर पर विभिन्न सरकारी कार्यालयों एवं निजी संस्थानों से भी बाबा की समाधि पर लंगोटा चढ़ाया जाता है। नालंदा जिला के अतिरिक्त दूसरे राज्यों के श्रद्धालु भी बाबा मणिराम अखरा पर लंगोटा चढ़ाने आते हैं, पूजा अर्चना करते हैं। यहां तक बड़े-बड़े राजनेतागण भी लंगोटा चढ़ाने आते हैं एवं अमन चैन की मनोकामना करते हैं।

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मंदिर परिसर जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। मंदिर में लोगों की भीड़ प्रायः रहती है। जिससे कि कोई अप्रिय घटना घटने की संभावना बनी रहती है। इसके लिए वर्तमान न्यास समिति के द्वारा न्यास के पैसों से मंदिर के क्षतिग्रस्त सीलिंग का जीर्णोद्धार कार्य कराया जा रहा है। जिसके लिए शहरवासी अपनी इच्छा अनुसार दान कर मंदिर के हर कार्य में अपेक्षित सहयोग कर सकते हैं। दान की गई राशि का प्राप्ति रसीद न्यास समिति के सचिव एवं कोषाध्यक्ष के द्वारा संबंधित को दी जाएगी।

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