कांग्रेस जनों ने महात्मा गांधी-लाल बहादुर शास्त्री को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि

जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजेंद्र आश्रम बिहार शरीफ में देश के दो महान विभूतियों राष्ट्रपिता स्वर्गीय महात्मा गांधी जी एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार की अध्यक्षता में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई सर्वप्रथम कांग्रेस जनों ने उनके तैल चित्र पर माला एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी तत्पश्चात दोनों महापुरुषों की जीवनी पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि आज हम आजादी के दो महान विभूतियों का जयंती मना रहे हैं जिनकी आज फिर से इस देश को आवश्यकता आन पड़ी है एक तरफ महात्मा गांधी जी सत्य एवं अहिंसा के पुजारी थे तो दूसरी तरफ लाल बहादुर शास्त्री ईमानदारी एवं सच्चाई के मिसाल के साथ-साथ एक कर्तव्यनिष्ठ एवं मजबूत इच्छाशक्ति के धनी थे

एक तरफ गांधीजी नागरिकों को देश के किसी भी स्थान में रहने की आजादी के पक्षधर थे उनका कहना था कि मनुष्य को अपनी मन पसंदीदा जगहों में बसने से नहीं रोका जा सकता महात्मा गांधी जी सत्य और अहिंसा के लिए सदैव जाने जाते रहेंगे जब बंगाल में हिंदू विरोधी दंगे भड़क उठे थे इन दंगों को शांत कराने के लिए गांधीजी अपनी जान की परवाह किए बगैर लगभग 4 महीनों तक वहां ग्रामीण इलाकों में भ्रमण कर कौमी एकता स्थापित करते रहे उसके कुछ ही दिनों के बाद 1947 में ही जब बिहार में दंगे भड़के तो बंगाल से सीधा पटना की ओर रुख कर गांधी जी ने यहाँ भी कौमी एकता की मिसाल पेश कर सर्व धर्म का समभाव स्थापित कर बिहार के दंगे को भी समाप्त करवाने का काम किए थे ऐसे हजारों उदाहरण है जिसमें गांधी जी ने देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए अपनी जान की परवाह ना करते हुए उन्होंने हिंदुस्तान को एक सूत्र में बांधने का काम किया आज फिर से देश को महात्मा गांधी जैसे सपूत की आवश्यकता आ गई है क्योंकि इस देश में जो संगठन और लोग गांधीजी के हत्यारे थे

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आज वही लोग देश को दो भागों में बाँटते नजर आ रहे हैं एक तरफ गांधीवादी विचारों के समर्थक लोग हैं जो देश को हर हाल में टूटते देखना नहीं चाहते हैं तो दूसरी ओर हत्यारे गोडसे के समर्थक लोग हैं जो इस देश को अलगाववाद के रास्ते पर ले चलने का प्रयास कर रहे हैं लोगों को जोड़ने के बजाए उन्हें तोड़ने में विश्वास रखते हैं धर्म और जाति का विभेद पैदा कर एक दूसरे के भीतर भय का माहौल कायम कर उन्हें आपस में लड़ाने का काम कर रहे हैं लेकिन हम कांग्रेसी जनता के बीच जा जाकर गांधी जी का संदेश पहुंचाने का काम कर रहे हैं और जब तक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के शरीर में खून का एक कतरा भी बाकी रहेगा तब तक हम लोग इस देश को अलगाववादी ताक़तों से बचाएं रखेंगे दूसरी तरफ आज एक और हमारे बिभूति की भी जयंती है जिनकी सादगी की मिसाल दुनिया देती है स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री विवेकानंद जी के विचारों से काफी प्रभावित थे इसके अलावा वे गांधीजी के भी सच्चे अनुयाई थे देश जब आजाद हुआ था उस समय उन्हें सबसे पहला देश का रेलवे मंत्री होने का गौरव प्राप्त है उसके बाद वह देश के गृह मंत्री बने थे शास्त्री जी को देश में श्वेत क्रांति लाने के लिए जाना जाता है उन्होंने अमूल दूध को बढ़ावा देते हुए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया था साथ ही शास्त्री जी को देश के किसान और मजदूरों को नेता के तौर पर भी जाना जाता है

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उन्होंने सीमा पर डटे जवानों के साथ-साथ नौजवानों एवं किसानों के लिए एक नारा दिया था जिसका नाम जय जवान जय किसान था शास्त्री जी अपनी सादगी एवं ईमानदारी के लिए भी जाने जाते थे जब वह मंत्री पद से हटे थे तो उनके घर के कमरे में सिर्फ एक जगह कमरे में ही लाइट जलता था बाकी कमरे अंधेरे में रहते थे जब उनसे यह प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा की अकारण बिजली का खपत क्यों किया जाए और वैसे भी जब मेरा एक बल्ब से ही काम चल जाता है तो मैं ज्यादा बिजली बिल जमा क्यों भरूं यह उनका वाक्य था उनके बारे में तो यहां तक कहा गया है कि जब उस जमाने में आलू महंगी हुई थी तो उन्होंने आलू खाना ही छोड़ दिया था स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जब स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल गए तो उन्होंने गरीब स्वतंत्रता सेनानियों की भी मदद की जब शास्त्री जी जेल में थे तो उनकी पत्नी को घर चलाने के लिए 50 रुपए मिलते थे यह पैसा उन्हें लाला लाजपत राय जी की संस्थान सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी की ओर से मिलता था उस समय शास्त्री जी की पत्नी ने कहा था कि मेरा घर 40 रुपया महीना में ही चल जाता है

इसके बाद शास्त्री जी ने जेल से ही पत्र लिखकर कहा था कि अतिरिक्त 10 रुपए किसी और जरूरतमंद को दे दिया जाए इतना ही नहीं जब वह प्रधानमंत्री थे तो वह खुद अपने बेटे का रिपोर्ट कार्ड लेने के लिए दिल्ली स्थित सेंट कोलंबस स्कूल पहुंच गए थे आज फिर से ऐसी सादगी विचार एवं इमानदार नेता को इस देश की आवश्यकता आ पड़ी है आज अगर हमारे यह दोनों महापुरुष हम लोगों के बीच होते तो देश का यह हाल नहीं हुआ होता आज के जयंती समारोह में जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सिंह नव प्रभात प्रशांत मो जेड इस्लाम मो उस्मान गनी महिला अध्यक्ष संजू पांडे नंदू पासवान अजीत कुमार नगर अध्यक्ष महताब आलम गुड्डु मुन्ना पांडे कोषाध्यक्ष ताराचंद मेहता सरबेंद्र कुमार अधिवक्ता सैयद इफ़्तखार आलम बच्चू प्रसाद देवेंद्र यादव मो जोहैर गनी अशोक कुमार के अलावे दर्जनों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी अपने-अपने विचार दोनों महापुरुषों पर व्यक्त किए॥

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