आदिपुरूष को लेकर बढ़ा तनाव! रावण के खिलजी लुक पर राइटर ने कहा अभी सबकी यही लुक देना है

साउथ सुपरस्टार प्रभार और बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान की फिल्म अदिपुरूष का ट्रेलर जब से लॉन्च हुआ है तब से फिल्म को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस फिल्म का निर्देशन ओम राउत ने किया है। बीते दिनों में कई बार फिल्म के निर्माता और निर्देशक ओम राउत लोगों के निशाने पर आ चुके हैं। फिल्म में इस्तेमाल किए गया VFX से लेकर किरदारों तक की ट्रोलिंग सोशल मीडिया पर हो रही है। इस फिल्म को लेकर निर्माता के पास तमाम नोटिस भी भेजे जा रहे हैं। फिल्म को लेकर तरह तरह की मांगे उठ रहीं हैं। अब इसपर मशहूर गीतकार मनोज मुन्ताशिर का बयान सामने आया है।

मामला ये है कि फिल्म के ट्रेलर में भगवान राम, हनुमान और रावण के किरदार का चित्रण गलत किया गया है, जिसका विवाद बढ़ता जा रहा है। इतना ही नहीं अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने इस फिल्म को बैन करने की मांग की है। इस बीच ‘आदिपुरुष’ फिल्म के डायलॉग राइटर और गीतकार मनोज मुंतशिर की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने आज तक को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘हर युग की बुराई का अपना चेहरा होता है। अलाउद्दीन खिलजी इस दौर की बुराई का चेहरा है। हमने ‘आदिपुरुष’ के रावण को जानबूझकर ऐसा नहीं बनाया है।’

मनोज मुंतशिर ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी इस इंटरव्यू का एक क्लिप शेयर किया है। इसमें उनके साथ फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत भी दिख रहें हैं। रावण की खिलजी से तुलना वाली बात पर पर मनोज मुंतशिर ने कहा, “हमने जो 1 मिनट 35 सेकंड का टीजर देखा है, उसमें रावण ने त्रिपुंडी लगाया हुआ है। जो देखा है उतने की बात कर रहा हूं, बाकी तो बहुत कुछ मेरे पास दिखाने को है, जो लोगों ने देखा नहीं है”

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मनोज ने आगे कहा कि “बड़ी ही विनम्रता से कह रहा हूं कि जब फिल्म आएगी तो वो सब देखेंगे। कौन सा खिलजी त्रिपुंडी लगाता है। कौन सा खिलजी तिलक धारण करता है। कौन सा खिलजी जनेऊ पहनता है और कौन सा खिलजी रुद्राक्ष धारण करता है। हमारे रावण ने ये इसी 1 मिनट 35 सेकंड के टीजर में किया हुआ है। रावण और ख़िलजी का चेहरा हमने जानबूझकर एक नहीं किया पर अगर मिलता जुलता है तो इसमें काई बुराई नहीं है।”

उन्होंने कहा, “दूसरी बात कि हर युग की बुराई का अपना चेहरा होता है। रावण मेरे लिए बुराई का चेहरा है, अलाउद्दीन खिलजी इस दौर के बुराई का चेहरा है और अगर वो मिलता-जुलता भी है, हमने इंटेंशनली ऐसा नहीं किया है, लेकिन अगर मिल भी गया तो मुझे लगता नहीं कि कोई ऐतराज की बात है। अलाउद्दीन खिलजी तो कोई नायक ही नहीं है, वो बुरा है और अगर रावण का चेहरा उससे मिलता है और उससे इसलिए ज्यादा नफरत है, क्योंकि वो खिलजी जैसा दिखता है तो कोई बुराई नहीं है इसमें।”

उन्होंने आगे कहा कि “ओम राउत ने जिस तरह से दिखाया है, मैंने देखा कि रावण मां सीता का हरण कर रहा है लेकिन एक क्षण के लिए भी उन्हें स्पर्श नहीं करता। वह माया से हरण करता है। मैंने पूछा ओम से कि ये तो मैंने कभी सोचा ही नहीं क्योंकि हमने पहले जब भी देखा है उसमें रावण हाथ पकड़कर उन्हें खींचकर ले जाते देखा है। ओम राउत कुर्सी से खड़े होकर कहते हैं, सर वो मेरी मां हैं और उन्हें कोई भी छू नहीं सकता। ये अप्रोच है एक मेकर का इस फिल्म के लिए।”मनोज ने ये भी बताया कि “यह मेरी 70वीं फिल्म है जिसके लिए मैंने डायलॉग लिखे हैं। मेरे करियर में पहली बार ऐसा हुआ है कि जिस दफ्तर में मैं अपने डायलॉग लिखता था तो अपने जूते बाहर खोलकर आया करता था।”

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