डेस्क : वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वाहन परिमार्जन नीति पेश की गई है। यह नीति सरकार द्वारा वर्ष 2021 में लाई गई थी। जिसका उद्देश्य 20 वर्ष पुराने निजी वाहनों और 15 वर्ष पुराने वाणिज्यिक वाहनों का पंजीकरण रद्द करना है। कुल मिलाकर इस नीति के तहत निजी कारें सड़क पर केवल 20 साल और वाणिज्यिक कारें केवल 15 साल तक चल सकती हैं। अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि इससे कार मालिक को क्या मिलता है।
वाहनों का होगा फिटनेस टेस्ट
वाहनों का होगा फिटनेस टेस्ट : इस नीति का मुख्य कारण देश में 20 साल पुरानी कारों और 15 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बंद करना है। इसे सरकार द्वारा प्रदूषण के स्तर को कम करने और ऑटोमोटिव बिक्री को बढ़ावा देने के लिए लागू किया जा रहा है, जिसे भारत COVID रिकवरी चरण के दौरान भुगत रहा है। यानी 20 साल से पुराने किसी भी निजी वाहन का फिटनेस टेस्ट कराना होगा।
वित्त मंत्री के अनुसार फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटरों पर किया जाएगा,जो यह तय करेगा कि योजना के तहत आने वाला वाहन सड़कों पर चलने के योग्य है या कबाड़ में भेजा जाएगा।
इस पॉलिसी से आपको मिलेगा ये फायदा
इस पॉलिसी से आपको मिलेगा ये फायदा : वाहन परिमार्जन नीति के कई लाभ हैं। इस नीति से देश की अर्थव्यवस्था,ऑटोमोबाइल सेक्टर,कार मालिकों आदि को कई फायदे होंगे।
अनुपयुक्त वाहनों को कबाड़ में परिवर्तित करके हम प्रतिदिन इससे होने वाले वायु प्रदूषण से बचेंगे। इससे हवा की गुणवत्ता अच्छी बनी रहेगी।
अगर पुराने वाहनों को खत्म कर दिया जाए तो ऑटो उद्योग को बहुत फायदा होगा,क्योंकि लोग नए वाहन खरीदेंगे। आपको बता दें,देश में 51 लाख से ज्यादा वाहन हैं,जिनकी उम्र 20 साल से ज्यादा है।
नई कारें पुरानी कारों की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं क्योंकि उन्हें नई उन्नत सुरक्षा सुविधाएं मिलती हैं,जो 20 साल पहले नहीं थीं।
रीसाइक्लिंग उद्योग भी अधिक सक्रिय होगा,जिससे उच्च राजस्व प्राप्त होगा।
वाहन मालिकों को अपने पुराने वाहनों को रद्द करने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।
वाहन मालिकों को टायर जैसे काम करने योग्य भागों के लिए कार स्क्रैपेज के लिए सर्वोत्तम मूल्य भी मिल सकते हैं।