13 अक्टूबर 2022 । रणजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल और राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया था।इस जनहित याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार के कई विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा किया गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि ये राशि लगभग एक लाख बारह हज़ार करोड़ का हैं,जिसका उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दायर किया गया है।ये आंकड़े 31अगस्त,2022 तक का हैं।
ये राशि 2002 – 03 से ले कर 2020 – 21तक सामंजित किया जाना लंबित हैं।कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल के पक्ष प्रस्तुत कर रहे अधिवक्ता से जानना चाहा कि इस सन्दर्भ में अकाउंटेंट जनरल की क्या शक्तियां हैं।
राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस सम्बन्ध में अकाउंटेंट जनरल और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के सचिवों के बीच माह में एक बार इस मुद्दे पर बैठक किये जाने की योजना है।
साथ ही राज्य सरकार के मुख्य सचिव को भी व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा2003 -04 से 2020- 21 तक उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा करने पर क्या कार्रवाई की।