उपविकास आयुक्त श्री वैभव श्रीवास्तव के द्वारा आज “एंटरप्रेन्योरशिप प्रतियोगिताएं” पर पोस्टर विमोचन किया गया।
भारत सरकार में उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, के तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद उच्च शिक्षा हस्तक्षेप के माध्यम से लचीला ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। राष्ट्रीय उद्यमिता माह (19 अक्टूबर – 20 “नवंबर) एक आदर्श , उद्यमशीलता की गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए मंच है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद का उद्यमिता पर प्रतियोगिता के लिए आह्वान एक स्वागत योग्य प्रयास है l व्यावसायिक शिक्षा और कौशल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डिग्री कॉलेजों से स्नातक करने वाले छात्रों के लिए परिसर में कौशल निर्माण को सक्षम करना महत्वपूर्ण है। उद्यमिता और कारीगरी दोनों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक कॉलेज को छात्र स्वयं सहायता समूह (एसएसएचजी) बनाना चाहिए l महाविद्यालयों के छात्र-छात्राएं पुराने छात्र संघ के माध्यम से ऐसे एसएसएचजी के प्रयासों का समर्थन करें।
ऐसे समूह/प्रकोष्ठ स्थानीय के साथ इंटरशिप और अप्रेंटिसशिप में भी मदद कर सकते हैं
व्यवसायों और स्थानीय प्रशासन। अनुभवात्मक अधिगम से संबंधित ऐसी प्रथाएं
युवाओं को कौशल प्रदान करने की प्रथाओं में स्थिरता ला सकता है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद (एमजीएनसीआरई) सामाजिक कार्य कॉलेजों, व्यावसायिक शिक्षा नई तालीम और में संस्थागत प्रकोष्ठों सामाजिक उद्यमिता, स्थिरता और ग्रामीण जुड़ाव प्रकोष्ठों (एसईएसआरईसी) का गठन और पालन करके व्यावसायिक शिक्षा, कौशल और उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है। शिक्षा महाविद्यालयों में प्रायोगिक शिक्षण प्रकोष्ठ (वेंटेल), और
प्रबंधन संस्थानों में ग्रामीण उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ (आरईडीसी)। परिसर और समुदाय के साथ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद जुड़ाव लाभकारी है और छात्रों में अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से सामाजिक उत्तरदायित्व और जीवन मूल्यों को विकसित करने के एक भाग के रूप में है।
उच्च शिक्षा संस्थानों को भी व्यावसायिक शिक्षा और कौशल पर प्रकोष्ठ बनाकर इस राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए अपना समर्थन देने का आह्वान किया गया। ग्रामीण उद्यमिता विकास और सामाजिक उद्यमिता। उद्यमिता प्रतियोगिताओं पर एम.जी.एन.सी.आर.ई. का पोस्टर जारी किया गया। एम.जी.एन.सी.आर.ई. भारत में विश्वविद्यालयों और स्वायत्त संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले उच्च शिक्षा कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम इनपुट को डिजाइन, विकसित और बढ़ावा देता है। एम.जी.एन.सी.आर.ई. के लिए फोकस की उच्च शैक्षिक धाराओं में शामिल हैं: ग्रामीण अध्ययन, ग्रामीण विकास, ग्रामीण प्रबंधन, सामाजिक कार्य और शिक्षा। पाठ्यक्रम इनपुट ग्रामीण भारत के लिए प्रासंगिक सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों क्षेत्रों से संबंधित हैं। लचीला ग्रामीण भारत के निर्माण की प्रक्रिया में भारत में उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम को शामिल करने के लिए, यानी उन्नत भारत के लिए उन्नत ग्राम l नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत पाठ्यचर्या इनपुट और मान्यता पाठ्यक्रम और उच्च शिक्षण संस्थानों को तैयार करना और पहचानना, जो टिकाऊ, जलवायु और आपदा अनुकूल ग्रामीण आजीविका के विकास को सक्षम बनाता है।
कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर उपविकास आयुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों एवं संस्थान के प्रतिनिधियों के साथ विमर्श किया। जिला शिक्षा पदाधिकारी को संबंधित महाविद्यालयों के साथ बैठक कर कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कॉलेजों में आवश्यक व्यवस्था शिक्षित कराने को कहा गया।
सभी कॉलेजों के साथ जिला स्तर से एक-एक रिसोर्स पर्सन को सम्बद्ध करने को कहा गया ताकि छात्रों को उद्यमिता से संबंधित सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा सके।
इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, एम.जी.एन.सी.आर.ई. के डिस्ट्रिक्ट सस्टेनेबिलिटी मेंटर डॉ. राजकिशोर, डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन आसित कुमार तथा हनी कुमारी भी मौजूद थीं l