जिला श्रृजन दिवस के मौके पर आत्म सभागार में कृषि विभाग द्वारा कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले में स्ट्रॉवेरी की सफल खेती करने वाले किसानों को सम्मानित किया गया साथ ही उर्वरक निरीक्षक को उनके अधिकार व कर्तव्यों के बारे में जानकारी भी दी गई। कृषक गोष्ठी के दौरान सबसे पहले कृषि के अधुनिक प्रणाली पर चर्चा की गई तथा किसानों को परम्परागत खेती के अलावे अन्य खेती करने के लिए जागरूक करने पर चर्चा की गई। डीएओ संजय कुमार व अन्य अधिकारियों ने स्ट्रॉवेरी की खेती शुरूआत करने वाले नगरनौसा प्रखंड के अनुप कुमार को सम्मानित किया तथा कहा कि किसी भी नई फसल की खेती के लिए किसानों को हिम्मत करनी होगी। शुरूआती दौर में परेशानी आती है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। वर्तमान समय में जिस प्रकार मौसम में परिवर्तन हो रहा है उस अनुसार जलवाुय अनुकूल खेती की आवश्यकता है। विशेष परिस्थिति में सलाह देने के लिए कृषि विशेषज्ञ उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि अनुप कुमार ने जिस प्रकार स्ट्रॉवेरी की खेती का जिले का नाम बढ़ाया है। इसने दुसरे किसानों को भी प्रेरणा लेने की जरूरत है। इस मौके पर सहायक कृषि पदाधिकारी संजय शर्मा, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण आनंद कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी आदि उपस्थित थे। अधिकार व कर्तव्यों की दी गई जानकारी कृषि समन्वयक को अब उर्वरक निरीक्षक की जिम्मेवारी दी गई है। इसके लिए सभी समन्वयकों को उनके अधिकार व कर्तव्यों की जानकारी दी गई। सहायक कृषि पदाधिकारी संजय शर्मा ने कहा कि जिरो टॉलरेंस नीति को धरातल पर उतारने के लिए अपलोगों की जिम्मेवारी बढ़ गई है। किसी भी दुकान से उर्वरक का नमुना लेने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई के लिए अनुशंसा करने का अधिकारी है। कहीं से अगर उर्वरक कालेवारी की शिकायत मिलती है तो जांच का स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। रबी में उर्वरक का डिमांड बढ़ने लगा है। इसलिए अपने-अपने क्षेत्र में किसानों को निर्धारित दर पर उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।